आधुनिक युग में, जब समय और प्रौढ़ता का मामूला मायना बदल चुका है, वही भारतीय समाज भी नये सोच और दृष्टिकोण की ओर बढ़ने का प्रयास कर रहा है। हालांकि, हमें यह स्थिति देखकर खेद होता है कि इस में हमारी महिलाओं के लिए अनेक बाधाएँ आज भी खड़ी हैं। खासकर उन महिलाओं के लिए, जिन्हें खुद को पहले की प्राथमिकता देने का अधिकार होना चाहिए। मैं यहाँ पर बात करूंगी की भारतीय समाज में 7 ऐसी चीजें क्या हैं जो मुझे बिलकुल नहीं पसंद हैं।
भारतीय समाज में 7 ऐसी चीजें जो मुझे बिलकुल नहीं पसंद है
1. लड़का-लड़की में भेदभाव
भारतीय समाज में यह एक बड़ी समस्या है कि लड़कों को लड़कियों से अधिक महत्वपूर्ण समझा जाता है। यह सोचने की बात है कि कुछ क्षेत्रों में लड़की बोलना या उनकी मानवाधिकारों का उल्लंघन करना मान्य होता है, जिससे महिलाएं दुर्बल और कमजोर महसूस करती हैं।
2. दहेज़ प्रथा
दहेज़ प्रथा आज भी हमारे समाज में एक अच्छूत स्थिति बनाए हुए है। यह विशेषकर महिलाओं को परेशान करता है, जिन्हें अपने परिवार की आदतों और समाज की उम्मीदों के चलते दहेज़ देनी पड़ती है।
3. समाज में समर्थन की कमी
महिलाओं के अधिकारों का समर्थन अक्सर कम होता है, जिससे उन्हें आत्मसमर्पण की भावना होती है। महिलाएं अक्सर अपने विचारों को सुनाने से हिचकिचाती हैं, क्योंकि उन्हें यह डर होता है कि उनकी मानसिकता को किसी नकारात्मक प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा।
4. शिक्षा में भेदभाव
शिक्षा का स्तर हमारी समाज में अब भी महिलाओं के लिए असमान होता है। कई गांवों में लड़कियों को शिक्षा के प्रति उत्साह दिखाने की बजाय उन्हें घरों के कामों में शामिल करने की चिंता होती है।
5. करियर की समस्याएं
महिलाएं अपने करियर को आगे बढ़ाने में कई बार आवर्तनों का सामना करती हैं, जो उनकी ग्रोथ को रोक सकते हैं। शादी और परिवार की जिम्मेदारियों के चलते, वे अक्सर करियर के मामलों में समस्याएं झेलती हैं।
6. परिवार की मानसिकता
कई बार महिलाएं परिवार की आदतों और सोच के चलते अपने आप को परेशानियों में डालने के लिए मजबूर होती हैं, जिससे उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है। वे अपने सपनों और महत्वपूर्ण लक्ष्यों को पूरा नहीं कर पाती हैं क्योंकि उन्हें दूसरों की आशाओं और प्रत्याशाओं का सामना करना पड़ता।
7. समर्थन में कमी
महिलाओं के अधिकारों की समर्थन में आवश्यक समर्थन नहीं होने की स्थिति भी एक मामूल समस्या है। यह एक ऐसा समय है जब हमें समर्थन का नहीं, बल्कि न्याय का मांगने का हक है।