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Man Beats Dog With Iron Stick: जानवरों में भी जान होती है

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जानवर खास तौर पर कुत्ता किसी भी मनुष्य का सबसे ज्यादा वफादार पालतू प्राणी होता है। लेकिन लोग उसे उसकी वफादारी के बदले में क्या देते हैं? सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलोअर्स पाने के लिए उनकी जान को खतरे में डालना? उन्हें बेरहमी से लोहे की रॉड से पीटना? क्या लोगों को यह दिखाई नहीं देता कि वे जानवर भी जीवित प्राणी है या उनमें भी जान है और उन्हें प्यार और दया का व्यवहार मिलना चाहिए?

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वायरल वीडियो 

हाल ही में दिल्ली शहर की एक वीडियो में एक व्यक्ति को बेरहमी से एक कुत्ते को लोहे की रॉड से पीटता हुआ देखा गया। यह शख्स अपने पड़ोसी के पीछे लोहे की रॉड लेकर उसे मारने के लिए भाग रहा था। वह अपने पड़ोसी के कुत्ते के भौंकने से तंग हो जाने के कारण गुस्से से बेहाल हो रहा था।

इसलिए जब वह अपने पड़ोसियों को मारने के लिए दौड़ा तो कुत्ता उस पर भौंकने लगा। आदमी को गुस्सा आया और वह कुत्ते को ही लोहे की रॉड से पीटने लगा। जब अपने कुत्ते को बचाने के लिए पड़ोसी ने घुटने टेक दिए तो उस शख्स ने पड़ोसी को भी बेरहमी से मारा। तभी एक व्यक्ति ने उस शख्स को अचानक से धक्का दे दिया और पड़ोसी और कुत्ते को बचा लिया।

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कुत्ते के सिर में आई है चोट

पुलिस के अनुसार जो शख्स कुत्ते को मार रहा था उसका नाम धर्मवीर दहिया है। जब कुत्ता उस पर भोंक रहा था तो उसने गुस्से में आकर कुत्ते की पूंछ पकड़कर उसे फेंक दिया। अपने कुत्ते को बचाने के लिए तब उसकी मालकिन राक्षी ने मामले में दखल दिया। 

दहिया ने कुत्ते पर फिर से हमला करने की कोशिश की और बदले में कुत्ते ने उसे काट लिया। इसके बाद दहिया फिर से लोहे की रॉड लेकर पड़ोसी और कुत्ते के पीछे भागा। कुत्ते का शरीर घायल हो गया है और उसके सर में भी चोट आई है इसलिए उसे डॉक्टर के पास ले जाया गया।

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केस हुआ दर्ज

धरम वीर दहिया के खिलाफ इंडियन पेनल कोड की धारा 323, 341, 451 और 308 के तहत और एनिमल एक्ट के तहत जानवरों के साथ निर्दयता का व्यवहार करने के लिए केस दर्ज किया गया है। जानवरों की सुरक्षा के लिए यह कानून 1960 में लागू किया गया था। 

कानून में संशोधन करके जानवरों के प्रति होने वाले निर्दयता के व्यवहार को रोकने के लिए सरकार द्वारा एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया की स्थापना भी की गई। इस बोर्ड का गठन यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया सभी पशुओ को दया और प्यार से पाला जाए।

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यह घटना इस बात का सबूत है कि किस तरह से लोग जानवरों को निर्जीव समझ कर उन पर अत्याचार करते हैं। उनके लिए जानवरों की जान की कोई कीमत ही नहीं है। धर्मवीर दहिया की तरह ही न जाने कितने ही लोग इस तरह जानवरों को बेरहमी से पीटते हैं। लेकिन यह गैरकानूनी है और दिखाता है कि हमारे समाज के लोगों में कितना गुस्सा भरा हुआ है।

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