अलग देश के कानून के अनुसार रेप की परिभाषा बदलती है पर कॉमन यह है: बिना कंसेंट की, ज़बरदस्ती किसी को सेक्सुअली अब्यूस करना। जब किसी की रेप होती है, तो घरवाले, पुलिस और दुर्व्यवहारी लोग उनसे पूछते हैं “तुम क्या पहनी थी?”, “छोटे कपड़े पहनी थी क्या?”, “देर रात अकेले घूम रही थी?” आदि। लोग रेप का दोष रेपिस्ट को नहीं बल्कि विक्टिम को देते हैं।
क्या रेप का दोष छोटे कपड़ों का है?
कहा जाता है की अगर लड़की छोटे कपडे पहनती है तो वह “रेप इन्वाइट कर रही है”, या वह चाहती है की उसका रेप हो। लोग जवान लड़कियों को पीठ पीछे ऐसी बातें करते हैं, और कई तो मुँह पर ही बोल देते हैं। पर क्या वे सही हैं?
देखते हैं की स्टेटिस्टिक्स क्या कहती हैं:
1. कथुआ रेप केस (2018)
आठ साल की बच्ची का गैंगरेप हुआ। आठ साल की बच्ची को पता होता है सेक्स क्या होता है? वह पुरुष को आकर्षित करने का मतलब समझती है? उसे फर्क पड़ता है की वह क्या पहनी है? क्या उसकी उतनी मैच्युरिटी है की वह अपने कपडे चुनते समय ख़राब पुरुषों के नज़र के बारे में सोचेगी? क्या मानसिक रूप से स्वस्थ इंसान बच्चे के ओर सेक्सुअली अट्रैक्ट हो सकता है? इस केस में दोष किसका?
2. हाथरस रपे केस (2020)
19 साल की जवान लड़की को गैंगरेप किया गया। उसने सलवार कमीज़ पहनी थी, और पूरी तरह से ढकी थी। फिर भी उसका रेप हुआ। बेचारी लड़की के शव को परिवार के इजाज़त के बिना जला दिया गया। सलवार कमीज़ “छोटे कपड़ों” के दायरे में तो नहीं आते। तो दोष किसका?
3. दलित माइनर-लड़की का रेप (अगस्त 2021)
नांगल, दिल्ली की रहने वाली 9 साल की एक दलित बच्चे का श्मशान घाट के पुरोहित और 3 और लोगों ने गैंगरेप किया, और फिर मर्डर कर दिया। बच्ची की गलती थी कूलर से पानी पीना की इच्छा रखना, और उसे पूरा करने की कोशिश करना। बच्ची के शव को ज़बरदस्ती जला दिया गया। इसे अंतिम संस्कार नहीं कहेंगे, क्योंकि अंतिम संस्कार परिवार वालों द्वारा, प्यार और इज़्ज़त से की जाती है, न की गुन्नाह छुपाने के जल्दी में।
नौ साल की बच्ची के मन में उसके दोस्त होते हैं, खिलौने होते हैं, परिवार होता है, फ्रॉक की लम्बाई का ख्याल तक नहीं आता, और आना भी नहीं चाहिए। इस रेप में दोष किसका है?
4. 4 महीने की बच्ची का रेप (फेब्रुवारी 2020)
चार महीने की बच्ची का उसके 30 वर्ष के रिश्तेदार ने रेप कर दिया। बच्ची अपने माता पिता के साथ शादी के कार्यक्रम के लिए लखनऊ गयी थी। एक बच्ची, जो माँ भी ठीक से नहीं बोल सकती, सिर्फ भूख या डर लगने से रो सकती है, उसने अपने 30 साल के रिश्तेदार को सेक्सुअली अट्रैक्ट किया? डायपर पहनना उसका दोष था?
ऊपर के 4 केस केवल उदाहरण हैं, और उदाहरण देते देते लम्बी लिस्ट निकाली जा सकती है। ऐसे कई और केस है जहाँ विक्टिम या तो बच्ची थी या पूरी तरह ढकी थी या दोनों, चाहे प्रियंका रेड्डी केस की बात करे या निर्भया की।
रेप और कपड़ों का क्या संबंध है? कुछ नहीं!
यह तो साफ़ हो गया की रेप का दोष विक्टिम का नहीं बल्कि केवल रेपिस्ट का है। रेप से बचने के लिए लम्बे कपडे या बुरखा, घुंगट, परदह, दुपट्टा, आदि शरीर और चेहरा ढकने वाले कपड़े का कोई लाभ नहीं है। लड़की कुछ भी पहने इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
हल क्या है?
सोच में बदलाव। सबसे पहले कंसेंट का अर्थ और अहमियत समझना और समझना ज़रूरी है। दूसरा, घर और स्कूल में इन टॉपिक्स पर चर्चा। तीसरा, बच्चे के सामने न कहे कि “लड़की इतनी छोटे कपडे पहनी है, उसका तो ज़रूर रेप होगा”। इससे बच्चे को लग सकता है कि छोटे कपडे पहनने वाले का रेप गलत नहीं है।