रिजल्ट एक रिपोर्ट कार्ड है, आपकी काबिलियत नहीं

कक्षा 10 और 12 के छात्रों के लिए प्रेरणादायक लेख जो इस बार परीक्षा में असफल हुए हैं। जानें क्यों फेल होना अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत हो सकती है।

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Vaishali Garg
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Students interested in studies decreasing

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जब 10वीं और 12वीं के रिजल्ट आते हैं, तो कुछ चेहरे खुशी से खिल जाते हैं, वहीं कुछ चेहरे मायूसी में डूब जाते हैं। इस बार भी कुछ छात्रों ने बहुत अच्छा किया, तो कुछ का रिजल्ट उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। और कुछ ऐसे भी हैं जो फेल हो गए। अगर आप उन छात्रों में से हैं जिनका रिजल्ट खराब आया है या जो फेल हो गए हैं, तो सबसे पहले एक बात समझ लीजिए आप असफल नहीं हैं, आप बस एक पड़ाव पर रुके हैं।

रिजल्ट एक रिपोर्ट कार्ड है, आपकी काबिलियत नहीं

फेल होने का मतलब यह नहीं कि आप काबिल नहीं

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हमारा समाज रिजल्ट को इतना बड़ा बना देता है कि जैसे कम नंबर आना या फेल हो जाना किसी अपराध जैसा हो। लेकिन यकीन मानिए, फेल होना सिर्फ एक स्थिति है, कोई पहचान नहीं। आपकी पहचान आपके जज़्बे, मेहनत और ईमानदारी से बनती है ना कि एक रिपोर्ट कार्ड से।

ये एक अस्थायी ठहराव है, न कि जीवन की हार

जीवन में कभी-कभी रुकना ज़रूरी होता है ताकि हम खुद को फिर से समझ सकें। जो छात्र इस बार पास नहीं हो पाए, उन्हें खुद को दोबारा मौका देना चाहिए। हर किसी का समय आता है। हो सकता है आज नहीं आया, लेकिन अगर आपने हार नहीं मानी, तो यकीन मानिए कल आपका होगा।

सबसे बड़ी परीक्षा तो जीवन की होती है

बोर्ड के नंबर चाहे जितने भी आए हों, असली इम्तिहान तो अब शुरू होता है जब आप ज़िंदगी में अपने रास्ते खुद बनाएंगे। उस रास्ते में कोई आपको नंबर नहीं देगा, बल्कि आपके काम बोलेंगे। दुनिया के कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने पढ़ाई में औसत या खराब प्रदर्शन किया, लेकिन जब उन्होंने अपने सपने को सीरियसली लिया, तो उनकी पहचान पूरी दुनिया में बनी।

खुद को दोष देना बंद कीजिए

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अगर आप रिजल्ट के बाद खुद को दोष दे रहे हैं, खुद से नफरत कर रहे हैं या खुद को दूसरों से कमतर मान रहे हैं तो रुकीए। ये वक्त है खुद से प्यार करने का। आप सिर्फ एक नंबर नहीं हैं। आप लाखों संभावनाओं का भंडार हैं, और आपके अंदर जो काबिलियत है, वो शायद अभी दिखना बाकी है।

फिर से उठिए, और खुद को मौका दीजिए

अगर आप आज गिर गए हैं, तो इसका मतलब ये नहीं कि आप उठ नहीं सकते। हर असफलता एक नया मौका लेकर आती है खुद को और बेहतर बनाने का, खुद को दोबारा साबित करने का। अगली परीक्षा में, अगली कोशिश में, अगली मंज़िल तक आप तब तक हार नहीं मानेंगे, जब तक जीत आपकी नहीं हो जाती।

तो जो फेल हुए हैं, उनसे बस एक ही बात कहनी है तुम टूटे नहीं हो, बस थमे हो थोड़ी देर के लिए। अपने अंदर की आग को बुझने मत दो। ये आग ही है जो तुम्हें फिर से चलाएगी, फिर से उठाएगी, और एक दिन तुम्हें वहां ले जाएगी, जहां तुम सच में बिलोंग करते हो।