Body Hair को हाइजीन से जोड़ना कितना सही और कितना गलत?

महिलाओं के शरीर के बालों को साफ़ रखना अब सौंदर्य मानक बना दिया गया है, लेकिन ये Hygiene नहीं, बल्कि समाज द्वारा थोपा गया एक दिखावटी दबाव भर है।

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Priyanka
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How right or wrong is it to link body hair with hygiene: हमारे समाज में शरीर के बालों को लेकर एक अजीब-सी चुप्पी और शर्म जुड़ी हुई है। खासकर महिलाओं के लिए यह एक ज़रूरी सौंदर्य मानक बन चुका है जैसे साफ त्वचा ही सुंदरता की निशानी हो। लेकिन क्या शरीर के बालों को हटाना Hygiene का हिस्सा है, या यह सिर्फ एक सामाजिक दबाव है जो महिलाओं पर थोपा गया है? दरअसल, शरीर पर बाल होना एक प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है, और इसे गंदगी या अशुद्धता से जोड़ना विज्ञान नहीं, बल्कि patriarchal सौंदर्य की सोच है।

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Body Hair को है हाइजीन से जोड़ना कितना सही और कितना गलत?

Body Hair और विज्ञान की सच्चाई

शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर बालों का होना सिर्फ सामान्य ही नहीं, बल्कि शरीर के लिए फायदेमंद भी होता है। ये बाल त्वचा को धूल, बैक्टीरिया और पसीने से सुरक्षा प्रदान करते हैं। अंडरआर्म्स या प्राइवेट पार्ट्स में बाल होने से फंगल इन्फेक्शन और घर्षण से राहत मिलती है। लेकिन वर्षों से इन बालों को गंदा, भद्दा और अनफेमिनिन कहकर प्रस्तुत किया गया है। विज्ञापनों, फिल्मों और फैशन इंडस्ट्री ने बाल-मुक्त शरीर को साफ-सुथरे और खूबसूरत शरीर का प्रतीक बना दिया है, जिससे लड़कियों और महिलाओं को लगता है कि वे तभी साफ हैं, जब उनका शरीर पूरी तरह से हेयर-फ्री हो।

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हाइजीन या शर्म का बोझ?

कई बार लड़कियों को इतनी छोटी उम्र में वैक्सिंग या शेविंग करवा दी जाती है, सिर्फ इसलिए कि "लोग क्या कहेंगे?" या "बाल देखे तो शर्म आएगी।" यह सोच कहीं न कहीं बॉडी शेमिंग से जुड़ी होती है। जबकि हाइजीन का मतलब साफ-सुथरा रहना, नहाना, कपड़े बदलना, और शरीर को स्वस्थ रखना है न कि ज़बरदस्ती बाल हटाना। यदि कोई महिला अपने शरीर पर बाल रखना चाहती है, तो यह उसकी व्यक्तिगत पसंद होनी चाहिए, न कि समाज की नापसंद।

पसंद का सम्मान ज़रूरी है

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बॉडी हेयर रखने या हटाने का फ़ैसला व्यक्तिगत होना चाहिए, न कि समाज का बनाया हुआ नियम। अगर कोई महिला खुद को हेयर-फ्री रखकर बेहतर महसूस करती है, तो वह भी ठीक है। लेकिन अगर कोई अपने बालों के साथ सहज है, तो उसे गंदा, मर्दाना या आलसी कहना पूरी तरह गलत है। हमें ज़रूरत है कि हम हाइजीन और सौंदर्य के नाम पर बन चुकी इन मिथकों को तोड़ें, और हर इंसान को अपने शरीर के साथ जैसे वह है, वैसे ही स्वीकार करें।

बॉडी हेयर को हाइजीन से जोड़ना एक अधूरी समझ और गहरी जड़ें जमाए पूर्वाग्रह की निशानी है। असली स्वच्छता हमारे शरीर को स्वीकार करने में है बिना शर्म, बिना डर, और बिना किसी सामाजिक दबाव के। जब हम यह समझना शुरू करेंगे कि हाइजीन और सुंदरता, दोनों ही व्यक्तिगत पसंद और देखभाल के विषय हैं तब जाकर हर इंसान को अपने शरीर के साथ सहज होने की आज़ादी मिल सकेगी।

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