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माँ बनना है वरदान, पर "Perfect Mom" का मिथक अभिशाप

बहुत सी महिलाएं मां बनने का सपना देखती है, लेकिन आज के समय में माँ बनना सिर्फ एक बच्चे को जन्म देने तक सीमित नहीं रह गया है। समाज का एक बड़ा वर्ग माँओं पर यह बोझ लाद देता है कि उन्हें "परफेक्ट मॉम" बनना है।

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Vaishali Garg
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Female Emotions(freepik)

How Societal Expectations are Hurting Mothers ? बहुत सी महिलाएं मां बनने का सपना देखती है, लेकिन आज के समय में माँ बनना सिर्फ एक बच्चे को जन्म देने तक सीमित नहीं रह गया है। समाज का एक बड़ा वर्ग माँओं पर यह बोझ लाद देता है कि उन्हें "परफेक्ट मॉम" बनना है। इस मिथक के चलते माँओं पर लगातार दबाव रहता है कि उन्हें हर काम बिल्कुल सही तरीके से करना है, चाहे वो उनकी नौकरी हो, घर का काम हो या बच्चे की परवरिश। 

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"परफेक्ट मॉम" का मिथक कहाँ से आया? (Where Does the "Perfect Mom" Myth Come From?)

यह मिथक सोशल मीडिया, विज्ञापनों और यहां तक कि फिल्मों से भी फैलता है। हर जगह हमें एक ऐसी माँ की तस्वीर दिखाई जाती है जो हमेशा खुश रहती है, घर हमेशा साफ रखती है, बच्चे हमेशा खुश रहते हैं, और वह खुद भी हमेशा खूबसूरत दिखती है। यह असलियत से कोसों दूर है। सोशल मीडिया पर दिखाई जाने वाली ज़िंदगी असल ज़िंदगी नहीं होती। 

इसके अलावा, कई बार रिश्तेदार और आस-पड़ोस के लोग भी न चाहते हुए भी इस मिथक को बढ़ावा दे देते हैं। वे अक्सर दूसरों की माँओं से उनकी तुलना करते हैं, जिससे माँओं में हीन भावना पैदा हो जाती है। 

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"परफेक्ट मॉम" का मिथक कितना हानिकारक है? (How Harmful is the "Perfect Mom" Myth?)

यह मिथक माँओं के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। लगातार परफेक्ट बनने का दबाव माँओं में तनाव, चिंता और डिप्रेशन जैसी समस्याएँ पैदा कर सकता है। इसके अलावा, माँ खुद को दूसरों से कमतर समझने लगती हैं, जिससे उनके आत्मविश्वास में कमी आती है। इस मिथक का असर बच्चों पर भी पड़ता है। माँ के लगातार परेशान रहने से बच्चों का बचपन भी प्रभावित होता है। 

असल ज़िन्दगी की माँ (The Real-Life Mom)

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हर माँ अपने तरीके से खास होती है। कोई माँ सख्त अनुशासन में विश्वास रखती है, तो कोई प्यार से समझाने में। कोई माँ घर पर रहकर बच्चों की परवरिश करती है, तो कोई नौकरी करने के साथ-साथ बच्चों का भी ख्याल रखती है।  

सबसे ज़रूरी बात यह है कि माँ खुश रहे। तभी वह अपने बच्चों को खुशी दे सकती है। गलतियाँ होना स्वाभाविक है। माँ बनना सीखने का एक सफर है। खुद पर दयालु रहें और अपने बच्चों के साथ प्यार से पेश आएं। यही असल मायनों में एक अच्छी माँ बनने के लिए काफी है।  

माँ बनने का आनंद लें 

माँ बनना एक अनमोल उपहार है। अपने बच्चों के साथ बिताए हर पल को खास बनाएं। उनकी शरारतों को प्यार से समझाएं। उनकी हर छोटी-बड़ी उपलब्धि पर खुश हों। खुद को समय दें। अपने शौक पूरे करें। दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताएं। तभी आप एक खुशहाल माँ बन पाएंगी और अपने बच्चों को भी खुशी दे पाएंगी। 

"परफेक्ट मॉम" का मिथक छोड़ दें। खुद को स्वीकारें और अपने बच्चों के साथ प्यार का रिश्ता बनाएं। यही असल मायनों में एक अच्छी माँ बनने का तरीका है।

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