Criticism: क्रिटिसिज़्म मतलब आलोचना। आपको भी बुरा लगा या आपका दिन भी किसी के कमेंट (comment) की वजह से बुरा गया और आप केवल उसी बात के बारे में सोच रहे है। तो यह केवल आपके साथ ही नहीं होता। ऐसे बहुत लोग है जो लोग कही ना कही आलोचना का सामना करते है। चाहे वह कॉलेज में टीचर ने की हो या फिर ऑफिस में आपके सीनियर ने और आपके दोस्त भी आपको क्रिटिसाइज़ करते हो। इसमें दुखी होने वाली कोई बात नहीं है क्यूंकि आलोचना केवल आपके बुरे के लिए नहीं होती, कई बार यह बताती है की किस तरह आप खुदको बहतर बना सकते है। जब भी ऐसा हो एक गहरी सांस लें और सोचें की आप इस आलोचना को किस तरह पोसिटिव (positive) ले सकते है। आज हम आपको बताऐगें आलोचना से डील करने के कुछ तरिके।
How To Handle Criticism
1. समझने की कोशिस करें: जरूरी नहीं है जो आलोचना की गयी हो वह केवल नकारात्मक विचार ही व्यक्त करें। आप उन बातों को ध्यान से सुने और अपनी कमजोरी व ताकत में अंतर समझे। जरूरी नहीं है जो व्यक्ति आपकी आलोचना कर रहा है वह आपको बुरा समझता हो।
2. फोर्मेटिवे सोच रखें: आपकी कोई आलोचना कर रहा है। उस समय गुस्से के साथ डील न करें। हो सकता है आलोचना की वजह से आप में फॉर्मेटिंव चेंज (formative change) आए और आप पहले से ज्यादा अच्छी तरह परफॉर्म कर पाएं।
3. मिस्टेक सुधारें: आपको लग रहा है कि आपकी की गई आलोचना वास्तविक है और आपके अंदर कोई कमजोर पहलू है। तो उस पर काम करें। सामने वाले से स्पष्ट रूप से बात करें।
4. खुद पर न लें: किसी के साथ भी आलोचनात्मक बातें हो सकती हैं। इसलिए ऐसा न समझे कि यह केवल आपके साथ हो रहा है। इसे अपने आत्मसम्मान पर हावी ना होने दें। बस ऐसा सोचें की हो सकता है आपकी गलती के चलते कोई बड़ा नुकसान हो सकता है।
5. अपनी साइड बताएं: जब भी आपकी आलोचना की जाए। अपनी साइड जरूर सामने रखें, आप क्या सोचते हैं यह भी अहमियत रखता है। यदि आप अपनी बात तुरंत नहीं कह सकते, तो थोड़ा समय लें और सोच कर उसके बारे में बात करें।