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महिलाओं के विरुद्ध बहुत तरह के हरासमेंट होते हैं। सेक्सुअल हरासमेंट, डोमेस्टिक वायलेंस, रेप तो इसके सबसे बड़े और भयंकर रूप है। आम जीवन में भी महिलाओं को तरह तरह के समस्याए झेलने पड़ते हैं। जान पहचान के लोगों द्वारा कासुअल सेक्सिस्म, परिवार द्वारा सेक्सिस्ट पाबंधी, सड़क पर इव टीजिंग (कॉमेंट मरना), इत्यादि। इन सब में एक और समस्या जोड़ने के लिए, कुछ लोग साइबर हैरेसमेंट भी करते हैं।
अक्सर साइबर हैरेसमेंट, बुलइंग, ट्रोलिंग, फ़ोन कर के गंदे कमेंट मरना, आदि को हम रेप के सामने बहुत ही छोटी समस्या मानते हैं, और अपने दोस्त या परिवार के महिलाओं को सलह देते हैं की वे इसपर ध्यान न दे और भूल जाए। हम केवल शारीरिक हानि को तवज्जो देते हैं, और इस साइबर बुलइंग के मानसिक हानि को नज़रअंदाज़ कर देते हैं।
#ItsNotOk कैंपेन क्या है
यह एक कैंपेन है जो #MeToo से मेल खाता है। इसे न्यूज़ीलैंड में शुरू किया गया था, महिलाओं को साइबर बुलइंग के हर रूप के खिलाफ कार्यवाही के लिए प्रोत्साहन देने के लिए। अक्सर जब हम किसी प्रकार के साइबर हरासमेंट के शिकार होते हैं, जैसे की ख़राब टेक्स्ट, या कोई हमेँ फोन करता है और लड़की की आवाज़ सुन हमे सताने लगते हैं, हम उसे ब्लॉक कर देते हैं, या उस एप, जैसे व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम या फेसबुक पर रिपोर्ट कर देते हैं। हम सोचते हैं कि हम बच गए, पर ऐसा होता नहीं है।
मेरी पर्सनल एक्सपेरिएंस
मेरी पर्सनल एक्सपेरिएंस की बात करे तो, पहली बार मुझे ऐसे हैरेसमेंट क्लास 8 में हुआ था। मेरे पास एक बटन फोन था, जो मैं अपने साथ ट्यूशन ले जाती थी। उस नंबर पर किसी ने कॉल किया और एक नाम लिया जिसे मैंने रॉन्ग नंबर कह कर काट दिया। करीब 10 मिनट बाद फिर से मुझे उसी नम्बर से कॉल आया, पर मुझे उठाने के बाद ही यह समझ आया। व्यक्ति मुझे हिंदी भाषा में ही कहता है “एक चुम्मा तो दे दो”। में केवल 13 वर्ष की थी, डर गई और फोन काट दिया। मेरे टीचर मुझसे पूछे कि क्या मेरे पेरेंट्स काल कर रहे थे, तो मैंने उन्हें पूरी बात बताई। अगली बार फ़ोन आने पर उन्होंने मेरे से फ़ोन लिया और पुलिस में कम्प्लेन करने की धमकी देकर नंबर ब्लॉक कर दिया।
इसके बाद जब मैंने क्लास 12 में इंस्टाग्राम अकाउंट बनाई, कुछ महीने बाद एक व्यक्ति ने मुझे फॉलो रिक्वेस्ट भेजा जिसे मैंने रिजेक्ट कर दिया। कुछ समय बाद उसने मुझे गली भरे मेसेज भेजे, और मैंने उन्हें जवाब दिए बिना ही ब्लॉक और रिपोर्ट कर दिया। मुझे लगा बात ख़तम, पर नहीं। मैं गलत थी। उस व्यक्ति ने नया नाम से न्यू अकाउंट बनाया और दोबारा मुझे वैसे मैसेज भेजे। यह सिलसिला 4-5 बार दोहराया, जब तक मैंने उसे साइबर पुलिस के पास रिपोर्ट करने की धमकी नहीं दी।
हलाकि इस सिलसिले से मुझे कोई फिसिकल हानि नहीं हुई, इसका मुझपर मेंटल प्रभाव पड़ा। मेरी रात की नींद उड़ गई यह सोच कर की क्या वह इंसान मेरा घर जानता है? क्या वह मुझे ढूंढ सकता है। क्या वह सचमे वो चीज़े करेगा जो उसने लिखा है?
भारत के #ItsNotOK अभियान के बारे
भारत में #ItsNotOk कैंपेन Truecaller द्वारा, कुछ न्यूज़ चॅनेलके साथ पार्टनरशिप कर शुरू किया गया। Truecaller एप स्पैम या हैरेसमेंट कलर्स डिटेक्ट करने के लिए यूज़ होता है, जिसमें अकेले 2021 में 37.8 बिलियन से अधिक अवांछित कॉलों की पहचान की गई और उन्हें ब्लॉक कर दिया गया। महिला और व्यक्तिगत सुरक्षा एक विषय के रूप में Truecaller के बहुत करीब है। Truecaller महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ मजबूती से खड़ा है और सभी के लिए संचार को सुरक्षित और अधिक कुशल बनाने का प्रयास करता है।नामक एक शक्तिशाली अभियान शुरू किया #ItsNotOK।
इस वर्ष, इस उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए, Truecaller ने दिल्ली और बेंगलुरु के पुलिस से हाथ मिलाया और कई कैम्पेन, मैराथन और कॉन्क्लेव किये ताकि महिलाओं को इस विषय पर जागरूक किया जा सके और उन्हें ऐसे हरासमेंट को पुलिस या साइबर पुलिस में रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहन मिले।
किसी भी प्रकार का हरासमेंट “OK” ये ठीक नहीं है। अगर आप उसे ब्लॉक करते हैं, वह वापस आपको परेशान करने के लिए दूसरा अकाउंट बना सकता है। एवं, वह आपको छोड़ किसी और महिला को परेशान करने ज़रूर चला जायेगा, और यह बिलकुल भी ठीक नहीं है। कई बार इन कॉल्स और हैरेसमेंट का शिकार छोटे बच्चे होते हैं, जिन पर बहुत ही गहरा प्रभाव होता है।
अपराध अपराध होता है, चाहे जितना भी छोटा हो।
(बैनर इमेज में लेखक के दोस्त के साथ हुई घटना का स्क्रीनशॉट)