Know 7 Challenges In The Life Of Women Entrepreneurs: जहां एक ओर भारत में महिलाओं के पुरुषों के बराबर होने की बात की जाती है वहीं दूसरी ओर उनके काम और उनकी सोच को लेकर सवाल भी किये जाते हैं। इसी कारण से समय-समय पर उनके रास्ते में कई प्रकार की कठिनाइयाँ भी आती हैं। भारत में यह माना जाता है कि एक उधमी होना पुरुषों का काम है महिलाएं इन सबमें सक्सेस नहीं हो सकती हैं। लेकिन ऐसा नहीं कि महिलाएं एक उधमी के तौर पर कार्य करके सफल नहीं हो सकती हैं। लेकिन यह जरुर है कि महिलाओं को उनके काम के समय में कई कठिनायों का सामना करना पड़ता है। समाज जगह-जगह पर उनके काम और उनकी उपेक्षा करता है जिसके चलते महिलाओं का यह सफ़र पुरुषों की तुलना में कहीं ज्यादा कठिन हो जाता है। आइये जानते हैं कि महिला उधमियों को कौन सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
ये हैं महिला उधमियों के जीवन की 7 चुनौतियाँ
1. क्षमता के बारे में संदेह किया जाना
महिला उद्यमियों को केवल उनके लिंग के आधार पर उनकी क्षमता के बारे में संदेह का सामना करना पड़ता है। कुछ लोग व्यवसाय को सफलतापूर्वक चलाने की चुनौतियों से निपटने की उनकी क्षमता पर सवाल उठाते हैं।
2. परिवार और व्यवसाय में संतुलन बनाना
महिलाओं से अक्सर पारंपरिक रूप से परिवार की देखभाल करने की भूमिका को निभाने की उम्मीद की जाती है इसलिए काम में बिजी होने पर उनकी अपेक्षा की जाती है। इसलिए जब वे उद्यमी बनती हैं तो उन्हें पारिवारिक जिम्मेदारियों और व्यवसाय को संतुलित करने की उनकी क्षमता के बारे में ताने या चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
3. भेदभाव का सामना करना
महिला उद्यमियों को फंडिंग, नेटवर्किंग के अवसरों और बिजनेस पार्टनर तक पहुंचने सहित तमाम पहलुओं में भेदभाव का सामना करना पड़ता है। उनके साथ पुरुषों के समान व्यवहार नहीं किया जाता है जिसके चलते महिलाओं के लिए यह एक बड़ी चुनौती होती है।
4. सुरक्षा संबंधी चिंताएँ
दुनिया के कई हिस्सों में सुरक्षा के मुद्दे महिलाओं के लिए एक आम चिंता का विषय हैं और यह महिला उद्यमियों के लिए भी होते हैं। उनकी सुरक्षा पर सवाल उठाया जाता है इसे उद्यमिता को आगे ना बढ़ाने के कारण के रूप में सामने रखा जाता है।
5. समर्थन की कमी
महिला उद्यमियों को सलाहकार और रोल मॉडल ढूंढने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जो उनकी प्रगति में बाधा बनता है। साथियों और समाज से समर्थन या प्रोत्साहन की कमी निराशाजनक होती है। जिसके चलते वे अपने उधमी जीवन में कई तरह की चुनौतियों का सामना करती हैं।
6. असफलता और कलंक का डर
महिला उद्यमियों को अधिक दबाव का अनुभव होता है क्योंकि उनकी ओर से किसी भी विफलता के लिए उनके एक महिला होने को जिम्मेदार ठहराया जाता है जिससे अनावश्यक तानों और कलंक का भी सामना करना पड़ता है।
7. पुरुषों की तुलना में कम फंडिंग मिलना
महिला उद्यमियों को अपने स्टार्टअप के लिए फंडिंग की मांग करते समय अक्सर लिंग पूर्वाग्रह का सामना करना पड़ता है। निवेश करने वाले व्यक्ति महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों में निवेश करने में अधिक झिझकते हैं या पुरुषों की तुलना में कम फंडिंग राशि देते हैं।