हमारे बॉलीवुड फिल्मों का मेजर हिस्सा लड़की को पटाने में चला जाता है। लड़की के न में हाँ छुपा है वाला प्लाट सदियों से चला आ रहा है। पर क्यों? लड़की के न को हाँ में बदलने की इतनी भी क्या ज़रूरत है? लड़के ऐसा क्यों कहते हैं की रोमांस का असली मज़ा लड़की को पटाने में है? आइये देखते हैं-
इतिहास में लड़कियों को ‘जितने’ या ‘पाने’ के बहुत सारे उदाहरण है, जैसे की, स्वयंवर प्रथा और वेस्ट में लड़की को डांस के लिए हाथ माँगना। ‘अच्छे घर’ की लड़कियों को नखरे दिखने पड़ते थे ताकि दूसरों के नज़रों में उनकी इज़्ज़त बनी रहे। औरत की सेक्सुअल पवित्रता इसका एक बड़ा कारण है।
धीरे धीरे डेटिंग कल्चर बढ़ी है, और आज कई भारतीय महिलाएँ भी डेट करती हैं। फिर भी डेटिंग एप्स पर सर्वे बताते हैं कि अधिकतर आदमी कहते हैं कि वे पहले महिला को डेट के लिए पूछेंगे, जबकि महिलाएँ कहती हैं की वे कुछ नहीं कहेंगे।
‘लड़की के ना में हाँ है’ का साइकोलॉजिकल रीजनिंग:
बात बस इतनी है की लड़के चाहते हैं की लड़की शर्मीली और ना ना करने वाली हो। इससे सबकॉन्शियसली पता चलता है कि वह किसी और मर्द के अप्रोच को भी ‘ना’ ही कहेगी।
दूसरी बात यह है की ओपनली सेक्स में इंटरेस्ट दिखने या डेट के लिए पहले अप्रोच करने वाली लड़की को समाज के द्वारा ‘तेज़’, ‘करक्टेरलेस’ या ‘चालू’ बुलाया जाता है। इसका असर लड़के और लड़की, दोनों पर पड़ता है। लड़किया सोचती है की अगर वे हाँ कहें, उन्हें ख़राब माना जायेगा, और लड़के सोचते हैं की अगर लड़की आसानी से मान जाये तो उसका ‘कैरेक्टर ढीला है’।
इस सोच के दुष्परिणाम:
लड़की ले ‘ना में हाँ है’ वाली सोच के कई दुष्परिणाम है।
1. एक लड़की के पीछे पड़ जाने को सही माना जाता है
कई लोग लकीर नहीं बना पाते और वे स्टाकिंग और बुलइंग जैसे काम करते हैं। यह लड़की के लिए स्ट्रेसफुल होता है। कई छोटे उम्र की लड़कियाँ इस स्ट्रेस को नही संभाल पाई, और आत्म हत्या का रास्ता चुनना।
2. ब्लैकमेल
ब्लैकमेल यानी किसी चीज़ को पाने के लिए व्यक्ति को धमकी देना। कई लड़के जिस लड़की को पसंद करते हैं, उन्हें सुसाइड, या लड़की के किसी प्रियजन को चोट पहुंचने की धमकी देते हैं। ऐसे भी केसेस हैं जहाँ लड़की शादी के लिए सिर्फ इसलिए मान गयी क्योंकि लड़के ने ऐसा कोई धमकी दिया है। यह एक इंसान के स्वतंत्रता को पूरी तरह खा जाता है।
3. रेप
अगर लड़की के ना में हाँ है, तो कंसेंट काम कैसे करेगा? तिहार जेल में की गयी एक सोशियोलॉजिकल सुर्वे बताता है की 28% रेपिस्ट रेप करते हैं क्योंकि उनके अनुसार लड़की केवल शर्मा रही थी। उसको सेक्स चाहिए था, पर शर्म के कारण वह ‘ना’ कह रही थी। यह बहुत ही खतरनाक है
4. एसिड अटैक
हमने एसिड अटैक के केसेस तो सुने ही हैं, जब लड़की ने लड़के को बार बार न कहा और फिर लड़के ने गुस्से में उसपर एसिड फेक मारा। यह सिर्फ इसलिए क्योंकि लड़के को रिजेक्शन बर्दाश नहीं हुआ।