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Patriarchal Mindset: पुरुष को सुधारना क्यों है महिला की जिम्मेदारी?

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Swati Bundela
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समाज की सोच में शादी की बाद सुधर जाते हैं पुरुष

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पुरुषों के संदर्भ में आपने अक्सर सुना होगा, 'इसकी शादी कर दो, सुधर जाएगा' या 'बीवी आएगी तो ये सुधर जाएगा'। समाज के हिसाब से जब कोई लड़का या पुरुष बिगड़ने लगता है तो घरवाले उसकी शादी की बात करते हुए उसको सुधारने की जिम्मेदारी उसकी होने वाली बीवी पर डालते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे समाज में बहुओं को लक्ष्मी माना जाता है। केवल इसलिए नही की वे घर में धन लाती हैं बल्कि इसलिए भी कि वे वैवाहिक घर का माहौल बदलती हैं। यही नही बल्कि महिलाओं को भी यही सिखाया जाता है।

महिलाओ पर पुरुषों को सुधारने की जिम्मेदारी क्यों?

महिलाओं को लगता है कि एक पुरुष को नैतिकता के रास्ते पर लाना या उसको अच्छा बनाना ही उनका कर्तव्य है। यह भी सच है कि कई महिलाएं मानती हैं कि एक बुरे आदमी को अच्छा बनाना उनकी जिम्मेदारी है। वे बहुत कम  ऐसे व्यक्ति से प्यार करती हैं जो पहले से ही अच्छा है। यहां तक ​​​​कि बॉलीवुड ने भी महिलाओं का अपमानजनक और भावनात्मक रूप से अनुपलब्ध पुरुषों के प्रति प्यार को सामान्य कर दिया है। 

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महिलाओं को ही उनके जीवन में बदलाव लाने वाली दिखाया जाता है। यह दिखाया जाता है कि सिर्फ महिलाएं ही उनके दिलों से सहानुभूति और कोमलता जैसी भावनाओं को निकालती हैं। ऐसा करने से सारी जिम्मेदारियों का भार सिर्फ महिलाओं पर डाल दिया जाता है। उनको अपने साथ-साथ दूसरों की जिम्मेदारी का भार सौंप दिया जाता है। तो वहीं दूसरी तरफ पुरुष को पूरा अधिकार होता है अपने मुताबिक व्यवहार करने का क्योंकि यह माना जाता है कि शादी के बाद उनकी पत्नियां उन्हें बदल देगी।

शादी से पहले ही महिलाओं को किया जाता है ट्रैन 

शादी से पहले ही महिलाओं को ट्रेन किया जाता हैं कि वे अपनी पती की हाँ में हाँ रखे यानि वह जो बोले वो करे और अगर वह आपको कुछ गलत भी बोले या आपके साथ कुछ गलत करें तो उसे चुपचाप सह ले क्योंकि हर रिश्ते में यह सब होना आम बात है। 

महिलाओं को सिखाया जाता है कि वह तो पुरुष है और वह अपने तरीके से ही व्यवहार करेगा इसलिए तुम्हें ही उसके साथ तालमेल बिठाकर चलना होगा। इसलिए महिलाएं पुरूष के अपमानजनक बरताव को सामान्य समझने लगती हैं और उन्हें सुधारने की जिम्मेदारी खुद पर ले लेती हैं।

लेकिन महिलाओं का यह समझना जरूरी है कि किसी पुरुष को बदलना आपकी जिम्मेदारी नहीं है। आपका कर्तव्य परिवार के माहौल को बदलना और पतियों को सुधारना नहीं है। उनके अपमानजनक रवैये को सामान्य मत बनाये। आप अपनी शांति और जीवन को प्राथमिकता दीजिए। ऐसे पुरुषों को चुनिए जो आपका सम्मान करें और आपको समझें।

double standards for women patriarchal mindset
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