क्या आप वर्किंग मॉम हैं? इंटरव्यू के दौरान महिलाओं से पूछे जाने वाले सेक्सिस्ट सवाल

समाज कब समझगा कि जैसे पुरुषों के परिवार और भविष्य की योजनाएँ होती हैं जो उनके करियर को प्रभावित नहीं करतीं, वैसे ही महिलाओं के भी होते हैं? जानें अधिक इस टॉप स्टोरीज ओपिनियन ब्लॉग में-

author-image
Vaishali Garg
New Update
Working Women

Working Women

Sexist Questions: आज सुबह मुझे एक खबर मिली जिसमें एक एक्ट्रेस ऐन हैथवे ने खुलासा किया कि जब वह 16 साल की थी, तो एक पत्रकार ने उससे पूछा कि वह अच्छी लड़की है या बुरी लड़की। उस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी? सही कहना मुश्किल है? लेकिन क्या कभी किसी आदमी से ऐसे सवाल पूछे गए हैं? क्या नौकरी शुरू करने से पहले या इंटरव्यू के दौरान पुरुषों से उनके चरित्र के बारे में पूछा गया है?

Advertisment

जब मैं जॉब सर्च कर रही थी तो मैंने बहुत सी कंपनियों में उस समय इंटरव्यूज दिए थे, तो बहुत सी कंपनियों में से कई लोगों ने मुझसे यह चीज पूछा कि क्या आप शादीशुदा हैं? शायद आपको यकीन ना हो मगर यह सच है की इंटरव्यूज के दौरान 2 से 3 साल कंपनी ने मुझसे यह सवाल किया था कि क्या आप शादीशुदा है? क्यों क्या मैं शादीशुदा होती तो वह मुझे नौकरी पर नहीं रखते? या मैं शादीशुदा होती तो फिर मुझसे पूछते कि मेरे बच्चे हैं क्या नहीं? ऐसे बहुत से प्रश्न है जो महिलाओं से पता नहीं क्यों पूछे जाते हैं। जो महिला शादीशुदा होती है फिर उनको बच्चों के लिए पूछते हैं।

एग्जांपल की तौर पर, क्रिकेटर मिताली राज से एक बार पूछा गया कि उनका पसंदीदा पुरुष क्रिकेटर कौन है। फिर रिहाना से पूछा गया कि क्या उसकी जिंदगी में कोई पुरुष है। ऐसे कई उदाहरण हैं जो समाज की सेक्सिस्ट मानसिकता को दर्शाते हैं। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि लोग पुरुषों और महिलाओं को अलग तरह से आंकते हैं। पुरुषों को उनकी क्षमताओं के लिए आंका जाता है और महिलाओं को उनके लिंग के लिए आंका जाता है। पुरुषों की उनकी सफलता के लिए सराहना की जाती है और एक महिला की सफलता को उसकी भविष्य की योजनाओं के आधार पर मापा जाता है।

पढें सेक्सिस्ट प्रश्न जो आमतौर पर इंटरव्यू के दौरान महिलाओं से पूछे जाते हैं:

आपकी शादी की क्या योजनाएं हैं?

Advertisment

जब भी कोई महिला नई नौकरी के लिए एप्लाई करती है, तो उससे पूछा जाता है कि क्या कब शादी करने वाली है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह माना जाता है कि शादी के बाद महिलाएं नौकरी छोड़ देती हैं। लोग मानते हैं कि शादी के बाद उसकी आर्थिक जरूरतों के लिए पति जिम्मेदार होता है और इसलिए महिला को अब कमाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

हम आपको बता दें की शादी का किसी महिला के काम करने की पसंद से कोई लेना-देना नहीं है। चाहे विवाहित हो या नहीं एक महिला काम करने और वित्तीय स्वतंत्रता अर्जित करने के लिए स्वतंत्र है।

यह एक सेक्सिस्ट धारणा है कि शादी के बाद महिलाओं को काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह सिर्फ इस विचार को सामान्य करता है कि वैवाहिक परिवार अपनी बहुओं को बाहर जाने की अनुमति नहीं देते हैं।

क्या आप गर्भवती हैं? आप कब तक बेबी प्लान करने का सोच रहीं हैं?

Advertisment

कई महिलाओं के पास यह सवाल है और आप जानते हैं क्यों? क्योंकि कंपनियां मातृत्व अवकाश देने को तैयार नहीं हैं क्योंकि इससे उनकी ग्रोथ अफेक्ट हो सकती है। मातृत्व अवकाश से वापस आने के बाद ज्यादातर समय महिला कर्मचारियों को बदल दिया जाता है या पदावनत कर दिया जाता है और यह अनुचित है और सेक्सिस्ट वर्क कल्चर का प्रतिबिंब है।


क्या आप पीरियड्स के समय अवकाश पर रहेंगी?

यह अभी तक सामान्य नहीं है लेकिन मुझे विश्वास है कि यह होगा। जैसे-जैसे मासिक धर्म की छुट्टी की आवश्यकता बढ़ रही है, लेकिन बहुत सारी कंपनी है ऐसी है जो आज भी महिलाओं को पीरियड अवकाश देने से कतराती हैं। हम महिलाएं जानती हैं कि पीरियड्स के दौरान कार्य करना कितना कठिन होता है। हमें आंकना बंद करें और सहानुभूति रखने की कोशिश करें। पीरियड्स के लिए प्रति माह एक या दो दिन की छुट्टी बहाना नहीं है। यह उतना ही वैध कारण है जितना बीमार अवकाश है। यदि आप बीमार लीव प्रदान कर सकते हैं, तो आप पीरियड्स अवकाश दे सकते हैं।

क्या आप रात की शिफ्ट में काम कर पाएंगी?

Advertisment

कई कामकाजी महिलाएं सिर्फ इसलिए नौकरी और अवसर खो देती हैं क्योंकि कार्यालयों में रात की शिफ्ट होती है। इसे अक्सर महिलाओं की गलती के रूप में माना जाता है और इसलिए उन्हें पुरुषों पर चित्रित किया जाता था। महिलाएं रात की शिफ्ट में काम कर सकती हैं लेकिन समाज में सुरक्षा की कमी ही उनके लिए मुश्किल खड़ी करती है। इसलिए इसे महिलाओं की गलती मानना ​​बंद करें और रात की शिफ्ट में काम करने वाली महिला कर्मचारियों की सुरक्षा का उचित प्रबंध करना शुरू करें।

आखिर कब तक समाज महिलाओं को उनके लिंग के कारण कम आंकेगा? 

समाज कब समझगा कि जैसे पुरुषों के परिवार और भविष्य की योजनाएँ होती हैं जो उनके करियर को प्रभावित नहीं करतीं, वैसे ही महिलाओं के भी होते हैं? हम कब समझेंगे कि महिलाएं अपने काम को हर चीज से ज्यादा महत्व दे सकती हैं? हम कब यह समझेंगे कि एक महिला के निजी जीवन का उसके पेशेवर जीवन से कोई लेना-देना नहीं  है?

आखिर कैसे करें इस समस्या का समाधान?

Advertisment

हां, गर्भावस्था और मासिक धर्म जैसी महिलाओं की समस्याओं पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। कामकाजी महिला के लिए मासिक धर्म की छुट्टी और मातृत्व अवकाश आवश्यक है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह पुरुषों से कम हैं। यह जो आवश्यकताएं हैं वह उनके अधिकार हैं।

 यह सिर्फ दिखाता है कि महिलाएं जैविक रूप से अलग हैं। महिला कर्मचारियों की तुलना पुरुषों से करने के बजाय कार्य संस्कृति में बदलाव की जरूरत है। लोगों को काम को पुरुष प्रधान जगह बनाना बंद करना होगा। कार्य संस्कृति में हर लिंग के लोगों की ज़रूरतें और आराम शामिल होना चाहिए।

यह आर्टिकल रुद्राणी गुप्ता के आर्टिकल से इंस्पायर्ड है।

Sexist Questions सेक्सिस्ट प्रश्न इंटरव्यू सेक्सिस्ट पीरियड्स