आज के ज़माने में नारीवाद, फेमिनिज्म, वीमेन एम्पावरमेंट जैसे शब्द बच्चे भी जानते हैं। सब ऐसा सोचते और चाहते हैं की वे औरतों को एम्पोवेर करे, पर समझ नहीं पाते कि वे क्या करें। अब सामान्य नागरिक, अकेले देश का कानून तो नहीं बदल सकता।
वीमेन एम्पावरमेंट क्या है?
वीमेन एम्पावरमेंट का अर्थ है औरतों को शक्ति देना। शारीरिक रूप से नहीं, सामाजिक रूप से। दरअसल आप अपने परिवार के लड़कियों और औरतों को शारीरिक रूप से भी एम्पोवेर कर सकते हैं, उन्हें मर्शियल आर्ट्स सीखा कर या उन्हें सेल्फ डिफेंस के कुछ सिम्पल ट्रिक कर। मगर ज़रूरी बात यह है की औरतों को स्वतंत्रता मिले, अपने चॉइस के कपडे पहनने आज़ादी हो, अपने करियर के निर्णय खुद ले सके, आदि।
साधारण व्यक्ति औरतों को एम्पोवेर कैसे कर सकता है?
वीमेन एम्पावरमेंट के साधारण और सरल तरीके:
1. चॉइस दें
चाहे माँ हो, बहन, गर्लफ्रेंड या पत्नी, उन्हें होटल में अपना खाना खुद चुनने दे। अपनी चॉइस उन पर न फोर्स करें। आप पास्ता खाना चाहते हैं खाए, मगर अगर वे चौमिन खाना चाहे तो उन्हें खाने दे। अक्सर देखा जाता है की औरतों को मेनू तक देखने को नहीं मिलता। पति, पिता या बच्चे ही निर्णय ले लेते हैं।
चॉइस की बात केवल खाने तक सीमित नहीं, हर क्षेत्र पर लागू होता है।
2. फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस
कई औरतों को ज़बरदस्ती घर पर बैठाया जाता है, बच्चे और परिवार का ध्यान रखने के लिए। अगर ऐसा न भी हो, उसके हर खर्चे पर सवाल उठाया जाता है। कुछ परिवारों में औरत से एक्सपेक्ट किया जाता है अपना पूरा कमाई उसके पति सासूमाँ को दे। कुछ परिवारों में उसे केवल घर चलने के लिए पैसे दिए जाते हैं। अगर औरतों की इस हद तक स्वतंत्रता छीन ली जाए तो वे निर्णय खुद कैसे लेगी?
अगर आपके परिवार के औरतें कमेटी हैं, तो उन्हें उनका खर्चा संभालने का अधिकार दीजिए। उनसे सवाल या रोक टोक न कीजिये। अगर वे गृहणी है, तो उन्हें घर से थोड़ा ज़्यादा पैसा दे दे।
3. फेमिनिज्म का मज़ाक न उड़ाइये
कुछ लोग फेमिनिज्म और फेमिनिस्ट्स का मज़ाक उड़ाते हैं, जो की बहुत ही गलत है। फेमिनिज्म का अर्थ है समान अधिकार। अगर आप इसी का मज़ाक उड़ाते हैं तो आपके जीवन के औरतों को भी समान अधिकार पाने में संघर्ष करनी पड़ेगी।
आप चाहे स्त्री हो या पुरुष, अगर आप फेमिनिज्म में विश्वास करते हैं, और आपके सामने कोई भद्दा मजाक कर रहा है, तो आप ज़रूर उन्हें टोकिये। हो सकता है की उस इंसान पर कोई फर्क न पड़े, पर किसी पर पड़ेगा। सुनने वाले दूसरे लोगों पर पड़ेगा। सुनने वाले दुसरे औरतों को प्रोत्साहन मिलेगी।
4. औरतों के ओपिनियन को मैंने दे
“आप सही कह रही हैं”। इन शब्दों से फर्क पड़ता है। अगर किसी भी इंसान, लड़का या लड़की, बच्चा या बड़ा, के बात पर कोई ध्यान न दे या अहमियत न दे, वह धीरे धीरे बोलना ही बंद कर देगा। इसलिए आपके आस पास अगर कोई औरत अपना मत दे रही है, तो उसके बात को कंसीडर करें, चाहे ऑफिस हो या घर।
5. सेक्सिस्ट जोक के खिलाफ बोले
अगर आपको कोई मज़ाक या चुटकुला सेक्सिस्ट लगे तो उसके खिलाफ बोले। बहुत बार आपको सुनने को मिलेगा “मज़ाक लेना सीखो”, पर आप बोलना बंद न कीजिये। सेक्सिस्ट जोक्स औरतों के इमेज के लिए हानिकारक होता है। सबसे खतरनाक बात होगी अगर कोई बच्चा ऐसा मज़ाक देख या सुन ले। उसके मन में उसकी अपनी माँ या बहन का इमेज ख़राब हो जायेगा। वह औरतों की रेस्पेक्ट करना छोड़ देगा। इसके लॉन्ग टर्म हानि हैं।
ऐसे छोटे कदमों से आप औरतों को एम्पॉवर कर सकते हैं।