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सेटल हो रही हो? अभी तक कोई मिला नहीं? तुम अकेली मैनेज कैसे करती हो? सिंगल रहना पर्सनल चॉइस
हमें बचपन से ही यह सिखाया जाता है कि हमें बड़े होकर एक दिन एक अच्छे घर में शादी करनी है। अरेंज मैरिज हो या लव मैरिज, जरूरी नहीं है हर एक सफल हो। कोई भी लड़की ढूंढता है तो वह बस यही चाहता है कि लड़की फैमिली संभालने वाली होनी चाहिए, जो कोई अपने करियर पर इतना ध्यान नहीं दे रही हो या फिर अगर कोई जॉब कर भी रही है तो बाद में छोड़नी पड़े तो वह छोड़ दे।
हमारे पेरेंट्स को भी यही लगता है कि एक अच्छा लड़का वह है जो जिसका खानदान अच्छा हो, जो अच्छा कमाता हो, जो एक अच्छा इंसान हो। इसमें कुछ गलत नहीं है परंतु लोग क्यों नहीं समझते कि शादी एक हमारी बची हुई जिंदगी के लिए कमिटमेंट है। ज़रूरी नहीं सब इस कमिटमेंट के लिए तैयार हों। जबरदस्ती शादी करवा कर कोई भी पेरेंट्स अपने बच्चों की जिंदगी खराब नहीं करना चाहेंगे।
सिंगल रहना या शादी करना या किसी को डेट करना यह आपकी खुद की चॉइस होनी चाहिए। आपकी फैमिली या किसी और को ये डिसाइड करने का अधिकार नहीं है। सोसाइटी हमें कई ताने मारकर हमारा उपहास भी उड़ती है। पर शादी तभी करनी चाहिए जब आप उसके लिए पूरी तरह से रेडी हों। परिवारजन को उसके फैसले का साथ देना चाहिए।
शादी और सेफ्टी को एक दूसरे के साथ क्यों जोड़ा जाता है। क्या सिर्फ सिंगल महिलाएं ही इजी टारगेट होती है? नहीं ना। शादीशुदा महिलाएं भी सुरक्षित नहीं है। सभी को सुरक्षित पर्यावरण देना सोसाइटी की जिम्मेदारी है। अगर किसी शादी में आपको इक्वल चॉइस और फ्रीडम मिल रही है, आप अपने तरीके से, अपने टर्म्स पर लाइफ जी रही है तो जरूर शादी कीजिए। परंतु यदि कोई लड़की शादी नहीं करना चाहती है तो न करे। सिंगल रहना पर्सनल चॉइस
1. सोसाइटी की गलत सोच
हमें बचपन से ही यह सिखाया जाता है कि हमें बड़े होकर एक दिन एक अच्छे घर में शादी करनी है। अरेंज मैरिज हो या लव मैरिज, जरूरी नहीं है हर एक सफल हो। कोई भी लड़की ढूंढता है तो वह बस यही चाहता है कि लड़की फैमिली संभालने वाली होनी चाहिए, जो कोई अपने करियर पर इतना ध्यान नहीं दे रही हो या फिर अगर कोई जॉब कर भी रही है तो बाद में छोड़नी पड़े तो वह छोड़ दे।
2. पेरेंट्स की गलत सोच सिंगल रहना पर्सनल चॉइस
हमारे पेरेंट्स को भी यही लगता है कि एक अच्छा लड़का वह है जो जिसका खानदान अच्छा हो, जो अच्छा कमाता हो, जो एक अच्छा इंसान हो। इसमें कुछ गलत नहीं है परंतु लोग क्यों नहीं समझते कि शादी एक हमारी बची हुई जिंदगी के लिए कमिटमेंट है। ज़रूरी नहीं सब इस कमिटमेंट के लिए तैयार हों। जबरदस्ती शादी करवा कर कोई भी पेरेंट्स अपने बच्चों की जिंदगी खराब नहीं करना चाहेंगे।
3. सिंगल रहना पर्सनल चॉइस है
सिंगल रहना या शादी करना या किसी को डेट करना यह आपकी खुद की चॉइस होनी चाहिए। आपकी फैमिली या किसी और को ये डिसाइड करने का अधिकार नहीं है। सोसाइटी हमें कई ताने मारकर हमारा उपहास भी उड़ती है। पर शादी तभी करनी चाहिए जब आप उसके लिए पूरी तरह से रेडी हों। परिवारजन को उसके फैसले का साथ देना चाहिए।
4. सेफ्टी और शादी दोनों अलग मैटर हैं
शादी और सेफ्टी को एक दूसरे के साथ क्यों जोड़ा जाता है। क्या सिर्फ सिंगल महिलाएं ही इजी टारगेट होती है? नहीं ना। शादीशुदा महिलाएं भी सुरक्षित नहीं है। सभी को सुरक्षित पर्यावरण देना सोसाइटी की जिम्मेदारी है। अगर किसी शादी में आपको इक्वल चॉइस और फ्रीडम मिल रही है, आप अपने तरीके से, अपने टर्म्स पर लाइफ जी रही है तो जरूर शादी कीजिए। परंतु यदि कोई लड़की शादी नहीं करना चाहती है तो न करे। सिंगल रहना पर्सनल चॉइस