हम सभी इस बात से परिचित हैं कि हमारे पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं को हमेशा पुरुषों से कम ही समझा जाता है। लेकिन ऐसा नहीं है कि पुरुष प्रधान समाज के इन आदर्शों का सामना केवल महिलाओं को ही करना पड़ता है। उनका सामना पुरुषों को भी करना पड़ता है।
बहुत से लोग यह कहते हैं कि पुरुषों का महिलाओं का थोड़ा सा समर्थन करने पर उन्हें ज्यादा प्रशंसा नहीं देनी चाहिए। हां, मैं इस बात से सहमत हूं लेकिन इस समाज में जहां पर पुरुषों का महिलाओं के बारे में कुछ भी अच्छा सोचना या उनके लिए कुछ करना शर्मनाक समझा जाता है। उस समाज में पुरुषों द्वारा उठाया गया एक छोटा कदम ही प्रशंसनीय है।
जोरू का गुलाम
अगर कोई पुरुष पुरुष प्रधान समाज के आदर्श को तोड़कर किसी महिला को काम करने के लिए बढ़ावा देता है तो उसे समाज धुतकारता है। उस पुरुष को ताने दिए जाते हैं कि वह अपनी बीवी के पैसों पर खाता है। अगर कोई पति अपनी पत्नी की मदद करने के लिए उसके हिस्से का काम करें या उसकी खुशी का ध्यान रखें तो लोग उसे "जोरू का गुलाम" बुलाने लगते हैं।
यही कारण है कि जो पुरुष महिलाओं का समर्थन करना चाहते हैं या उन्हें सशक्त करने की आकांक्षा रखते हैं, वे समाज में अपनी बेज्जती के डर से ऐसा नहीं करते।
पॉप कल्चर में भी पुरूष हैं महिलाओं के समर्थक
ऐसे बहुत से पुरुष हैं जो महिलाओं से भी ज्यादा आधुनिक और विकसित सोच रखते हैं। महिला सशक्तिकरण के लिए ऐसी बहुत सी योजनाएं और ऑर्गेनाइजेशन बनाई गई है जिनकी फाउंडर पुरुष हैं।
बॉलीवुड फिल्मों या पॉप कल्चर में भी पुरुष महिलाओं की बहुत अच्छे समर्थक हैं। बहुत बार ऐसा भी होता है जब हर किसी के खिलाफ हो जाने पर भी उनके गुस्से और नाराजगी का सामना करके भी कुछ पुरुष महिलाओं के लिए आवाज उठाते हैं।
बॉलीवुड की फिल्म गुंजन सक्सेना , गुंजन सक्सैना (फाइटर जेट पायलट)की बायोग्राफी है। इस कहानी में गुंजन एक फाइटर जेट उड़ाना चाहती है जिसके लिए कोई भी सहमत नहीं होता। सब को यह लगता है कि कोई लड़की कैसे फाइटर जेट उड़ा सकती है। लेकिन उसके पिता (पंकज त्रिपाठी) इस बात को नहीं मानते और गुंजन को पूरा सपोर्ट करते हैं।
यहां तक कि गुंजन के लिए फाइटर जाट पोस्ट का फॉर्म भी वही लेकर आते हैं।
गुंजन की मां उसे पढ़ाई के लिए दूर नहीं भेजना चाहती है। वह नहीं चाहती है कि गुंजन फाइटर प्लेन उड़ाई और घर से कितनी दूर अकेले रहें। क्योंकि उन्हें लगता है कि वह नहीं रह पाएगी। तो वही उसका भाई misogynistic सोच का व्यक्ति है। वह एक आर्मी सोल्जर है जिसका मानना है कि आर्मी लड़कियों के लिए नहीं है।
पुरूषों के अच्छे व्यवहार को बढावा दें
हमारा समाज पुरुषों के अच्छे व्यवहार को बढ़ावा देने की बजाय उन्हें बेइज्जत करता है। लेकिन पुरुषों का यह अच्छा व्यवहार ही महिलाओं और पुरुषों या फिर किसी भी दूसरे लिंग के लिए एक सुरक्षित जगह का निर्माण करता है। समाज में बेज्जती होने के डर की वजह से वे अपना अच्छा व्यवहार गलत और बुरे व्यवहार से बदल देते हैं।
यह हमारे समाज को विकसित होने से रोकता है इसलिए आपको पुरुषों के अच्छे व्यवहार को बढ़ावा देना चाहिए।