अक्सर हम देखते हैं कि दुनियाभर के ताने हमें यानि लड़कियों को ही सहने पड़ते हैं। आज हम बात करेंगे समाज के बिग नो-नो के बारे में जो अक्सर महिलाओं और लड़कियों के पैरों की जंजीर बन जाता है।
Society Should Stop Saying Things to Women: समाज में औरतों पर जबरदस्ती अब माफ नहीं
1. Social Media वाली लड़कियों की तरह मत बनों
अकसर हमारे घर पर ही हमारे पापा-भाई या मम्मी या फिर कोई और की मुँह से कभी न कभी यह तो सुना ही होगा कि आखिर इतनी जल्दबाज़ी किस लिए। हमेशा लड़कियों को ताना मारा जाता है और बोला जाता है कि वह खामखां अपना समय बर्बाद कर रही है। हर काम कि लिए लड़कियों को साफ़ इंकार कर दिया जाता है। मुझे तो यह समझ नहीं आता कि आखिर क्यों लड़कियों को ही हर चीज़ कि लिए रोकटोक लगायी जाती है। कुछ ज्यादा ओवर हो जाओ तो लोग यही ताना करते हैं कि तम खुद को सोशल मीडिया बटरफ्लाई न बनो।
2. जाओ बीटा Uncle को 'Hug' करदो।
अकसर जॉइंट फॅमिली में यह कोई आम बात की तरह ही समझी जाती है। लेकिन वह बच्चे जो किसी भी अनजान पर्सन को गले लगाने में कम्फर्टेबल नहीं हैं, तो उनको उनके हाल पर छोड़ देना ही बेहतर है।आजकल वैसे भी सेक्सुअल हरस्मेंट के काफी केसेस मिलते हैं। ज्यादातर यह जॉइंट फॅमिली में देखा गया है, जहाँ अपना ही कोई करीबी रिस्तेदार के कारन असहज महसूस कर सकती है। इसीलिए परिवार में अपनी टीनएज लड़की को किसी को भी हग करने के लिए आगे न आने दे। खासकर जबतक वह इन चीज़ों के लिए बेहतर तरीके से तैयार न हो जाए, तबतक ख्याल रखना जरुरी है।
3. लड़कियों को खाना बनाना आना चाहिए
हर घर में लड़कियों को लेकर यह बहुत ही आम बात हो गई है। किसी के घर दादी-नानी तो कभी कोई मेहमान; अक्सर बातों बातों में यह कहते हैं कि लड़कियों को तो खाना बनाना आना ही चाहिए। हालाँकि उनका यह कहना सरासर गलत है। ऐसी कोई डिक्शनरी नहीं जहाँ यह साबित हो सके कि यदि लड़की खाना नहीं बना सकती तो वह लड़की नहीं है। असा में खुद कि लिए दो वक़्त की रोटी का इंतज़ाम करना, खाना बनाना और अन्य घरेलु काम लड़कों कि लिए भी उतना ही जरुरी है जितना की लड़कियों के लिए। इसीलिए इसे लड़कियों वाला काम बोलने की गलती न करें।