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हमारे समाज में कुछ ऐसे टॉपिक्स है जिन्हें ‘टैबू’ माना जाता है, और इन टॉपिक्स के बात करना गलत माना जाता है। जो इन टॉपिक्स के बारे में बात करता है, उन्हें ख़राब चरित्र का मन जाता है। इनमें से कुछ ऐसे भी टॉपिक्स हैं जिन्हें टैबू की नज़र से नहीं देखा जाना चाहिए। यह चीज़े बिलकुल नार्मल होती हैं। यहाँ तक की कुछ ऐसे भी टॉपिक्स है जिन्हें टैबू माना जाता है, पर असल में उनके बारे में जानकारी बढ़ने की ज़रूरत है।
कुछ ऐसे टॉपिक्स जो की टैबू नहीं होनी चाहिए:
1. पीरियड्स
पीरियड्स को आज भी लोग टैबू मानते हैं। लड़कियों के माताएँ उनसे कहती है की इस बारे में पब्लिक में बात न करे या पुरुषों, यहाँ तक की अपने पिता के सामने इसके बारे में बात न करे। कोई पीरियड्स के बारे में बात करना चाहे या न चाहे, यह उसकी मर्ज़ी है, पर किसी और को बात करने के लिए जज करना बहुत ही गलत है। पीरियड्स बिलकुल नार्मल बिओलॉजिकल फंक्शन होती हैं। पीरियड्स होने का मतलब है की लड़की स्वस्थ है।
एक और महत्वपूर्ण बात है की पीरियड्स के बारे में बात न करने से, पीरियड हाइजीन और पीरियड्स से रिलेटेड समस्या के बारे में जानकारी नहीं होती। यह लड़कियों के लिए बहुत हानिकारक है। इस टॉपिक पर बहुत सारे अफवाह भी है, जिन्हें कम करने का एक ही तरीका है: बात करना और इसे टैबू की तरह न देखना
2. सेक्स
लोग सेक्स के बारे में बात करना टैबू समझते हैं, लेकिन यह एक और नार्मल, ज़रूरी, बिओलॉजिकल प्रोसेस है। सेक्स के बारे में बात करने को नोर्मलाइस करना ज़रूरी है, क्योंकि इस टॉपिक पर बहुत सारे अफवाह और अधूरी जानकारी है, जिन्हे कम करना होगा। अगर हम सेक्स को टैबू समझें तो इसके बारे में जानेंगे कैसे?
स्टेटिस्टिक्स के अनुसार, सेक्सुअल क्राइम सबसे ज़्यादा उन देशों में होता है जहाँ सेक्स एड्यूकेशन कम है और सेक्स के बारे में बात नहीं होती।
सेक्सुअल डिस्फंक्शन, सेफ सेक्स, STD (सेक्स से फैलने वाले इन्फेक्शन और बीमारी) और ऐसे चीज़ों के बारे में जानना और बात करना ज़रूरी है, ताकि आप सही समय में चिकित्सा ले पाए और अपना जीवन एन्जॉय क्र पाए।
3. मेंटल हेल्थ समस्या
पता नहीं क्यों, मानसिक रोग को टैबू मन जाता है, मेन्टल हेल्थ के बारे में बात करना टैबू मन जाता है, और मेन्टल रोग से पीड़ित लोगों को ‘पागल’ मन जाता है। सच तो यह है कि बुखार या किडनी स्टोन के तरह, यह किसी को भी हो सकता है। कुछ बीमारियां जेनेटिक कॉम्पोनेन्ट के कारण हो सकती हैं (जैसे बाइपोलर डिसऑर्डर), और कुछ बुरे एक्सपेरिएंस के कारण (जैसे PTSD, डिप्रेशन रेप या आग जैसी दुर्घटना के कारण)।
मेन्टल हेल्थ के बारे में जानकारी फ़ैलाने से आप अपने प्रियजनों की बीमारी पहचान सकते हैं, उन्हें चिकित्सा के लिए लेकर उनकी मदद क्र सकते हैं। यह कभी न सोचिये कि वह बीमारी दिखावा कर रहा है। अपनी जानकारी बढ़ाए और दूसरो को भी इस टॉपिक पर बात करने का प्रोत्साहन दें।
4. होमोसेक्सुअलिटी
होमोसेक्सुअलिटी यानी समलैंगिकता को अधिकतर समाज गलत मानता है, और इसे टैबू समझता है। साथ ही, इसपर बात करना या ऐसी मूवी या शो देखना जिसमें समलैंगिकता है, को गलत समझा जाता है। लोग सोचते हैं कि बच्चे ऐसा देखने-सुनने से समलैंगिक हो जायेंगे। कुछ इसे रोग समझते हैं तो कुछ इसे चॉइस। सच तो यह है की समलैंगिकता नॉर्मल है, और बायोलॉजिकल है। यह चॉइस नहीं है। आप न ही हेट्रोसेक्सुअल व्यक्ति को होमोसेक्सुअल बना सकते हैं, न ही होमोसेक्सुअल व्यक्ति को हेट्रोसेक्सुअल।
इस टॉपिक पर जानकारी फैलाना ज़रूरी है क्योंकि लोगो को समझना होगा की यह नॉर्मल है, जानवरों में भी पाया गया है, और गलत तो बिलकुल भी नहीं है। होमोसेक्सुअल व्यक्ति से न ही घृणा की ज़रूरत है न ही अधिक प्यार की। वे नॉर्मल इंसान हैं। उनसे वैसे ही पेश आइये जैसे किसी और से।
5. शादी न करना
शादी न करना टैबू है, खासकर औरत का शादी न करना। इस वजह से बहुतों की जल्दबाज़ी में गलत इंसान से शादी हो जाती है। इस समाज को सबकी चॉइस वैलिड मानने की ज़रूरत है।
शादी से पहले साथ रहना या लिव इन रिलेशनशिप में रहना भी गलत समझा जाता है और टैबू माना जाता है। तलाक को टैबू माना जाता है, पर यह चीज़ें गलत नहीं है।
सबको अपनी जानकारी और अवेयरनेस बढ़ने की ज़रूरत है, ताकि नार्मल चीज़ों को टैबू न समझा जाये।