What happens when kids don't express themselves : अगर हम आज के समय की बात करें तो अपनी फिलिंग्स एक्सप्रेस करना काफी जरूरी हो गया है। आप जब तक अपनी फीलिंग्स, इमोशन्स एक्सप्रेस नही करते कोई आपको नही समझ सकता। आजकल के बच्चों के साथ यह परेशानी अकसर देखी जाती है की वे अपनी फीलिंग्स अपने इमोशन्स किसी के साथ शेयर नही करते और फिर डिप्रेशन, एंक्साइटी, मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम्स, यह सब फेस करते हैं। क्या, क्या दिक्कतें आ सकती हैं अगर बच्चा खुद को एक्सप्रेस ना करे?
Consequences of no self expression
1. Aggression
जब बच्चा खुद को एक्सप्रेस नही कर पाता तो वो काफी एग्रेसिव हो जाता है। हर छोटी छोटी बात पे गुस्सा आना , हमेशा चिल्ला कर बात करना, एब्यूजिव लैंग्वेज का प्रयोग करना, मारपीट, यह सब बदलाव उसके व्यवहार में देखने को मिलता है। यह बेहद जरूरी है की बच्चे के इस तरह के व्यवहार में बदलाव लाने की कोशिश करी जाए।
2. Depression
एक छोटे बच्चे और बड़े बच्चे के डिप्रेशन में काफी अंतर देखने को मिलता है। बचपन का डिप्रेशन काफी खतरनाक साबित हो सकता है, अपनी फीलिंग्स एक्सप्रेस ना कर पाने के कारण बच्चा नहीं समझ पाता की उसे क्या हो रहा है। बच्चा न ही खुश रह पाता है और साथ ही साथ उसका चिड़चिड़ापन भी बड़ जाता है।
3. Low confidence
अपनी फीलिंग्स अपने इमोशन्स एक्सप्रेस ना कर पाने के कारण बच्चे का कॉन्फिडेंस लेवल काफी लो हो जाता है। वह खुल के किसी से बात नहीं कर पाते, सोशलाइज नही हो पाते, जो उन्हें मेंटली भी काफी डिस्टर्ब करता है। किसी भी बच्चे के लिए उसके विकास के समय यह बेहद जरूरी है की उसका कॉन्फिडेंस लेवल अच्छा हो और वह खुल के हर चीज सिख सके और एक्सेप्ट कर सके।
Why is it important to express emotions?
यदि बच्चे अपनी भावनाओं को पहचान सकें और उनको एक्सप्रेस कर सके, तो वे दूसरों में भी वही भावना पहचाने में सक्षम होंगे। वे यह भी महसूस कर पाएंगे की दूसरा क्या फील कर रहा है, जिससे उनके आपस के संबंध भी अच्छे होंगे। जो बच्चे अपनी फीलिंग्स एक्सप्रेस नही कर पाते उन बच्चों में मित्रता संबंधी समस्याएँ होने की संभावना अधिक होती है। उन्हें बाद के जीवन में रिश्ते संबंधी समस्याएं होने की अधिक संभावना है।