Why Are Children's Games Gender Biased? बच्चों के गेम्स अक्सर जेंडर बायस्ड होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग उम्मीदें और भूमिकाएं निर्धारित करते हैं। यहाँ 5 पॉइंट्स हैं जो इस मुद्दे को समझने में मदद कर सकते हैं
बच्चों के गेम्स जेंडर बायस्ड क्यों जाने कुछ महत्वपूर्ण बातें
1. पारंपरिक जेंडर भूमिकाएं
बच्चों के गेम्स अक्सर पारंपरिक जेंडर भूमिकाओं को बढ़ावा देते हैं, जहां लड़के अक्सर मजबूत और साहसी दिखाए जाते हैं, जबकि लड़कियां अक्सर कमजोर और घरेलू दिखाई जाती हैं। यह बच्चों को यह सिखाता है कि लड़के और लड़कियां अलग-अलग तरीकों से व्यवहार करने चाहिए।
2. जेंडर-विशिष्ट खिलौने
बच्चों के गेम्स में अक्सर जेंडर-विशिष्ट खिलौने होते हैं, जहां लड़कों के लिए कार, ट्रेन, और अन्य मशीनरी जैसे खिलौने होते हैं, जबकि लड़कियों के लिए गुड़िया, घरेलू सामान, और अन्य घरेलू खिलौने होते हैं। यह बच्चों को यह सिखाता है कि लड़के और लड़कियां अलग-अलग रुचियों और गतिविधियों में रुचि रखनी चाहिए।
3. जेंडर-विशिष्ट पात्र
बच्चों के गेम्स में अक्सर जेंडर-विशिष्ट पात्र होते हैं, जहां लड़के अक्सर नायक या हीरो की भूमिका में होते हैं, जबकि लड़कियां अक्सर सहायक या दूसरी भूमिका में होती हैं। यह बच्चों को यह सिखाता है कि लड़के और लड़कियां अलग-अलग तरीकों से योगदान कर सकते हैं।
4. जेंडर-विशिष्ट गतिविधियां
बच्चों के गेम्स में अक्सर जेंडर-विशिष्ट गतिविधियां होती हैं, जहां लड़के अक्सर खेल, युद्ध, और अन्य शारीरिक गतिविधियों में शामिल होते हैं, जबकि लड़कियां अक्सर घरेलू कार्य, खाना पकाना, और अन्य घरेलू गतिविधियों में शामिल होती हैं। यह बच्चों को यह सिखाता है कि लड़के और लड़कियां अलग-अलग तरीकों से समय बिता सकते हैं।
5. समाज के प्रभाव
बच्चों के गेम्स में जेंडर बायस्ड होने का एक बड़ा कारण समाज के प्रभाव है। समाज में अक्सर पारंपरिक जेंडर भूमिकाएं और उम्मीदें होती हैं, जो बच्चों के गेम्स में भी दिखाई देती हैं। यह बच्चों को यह सिखाता है कि लड़के और लड़कियां अलग-अलग तरीकों से व्यवहार करने चाहिए।
हमें बच्चों के गेम्स में जेंडर बायस्ड को कम करने के लिए काम करना चाहिए, ताकि बच्चे समान अवसरों और सम्मान के साथ बड़े हो सकें।