माँ का जीवन सरल नहीं होता है। वो अपने आपको अपने बच्चे के लिए, अपने परिवार के लिए सब कुछ करती है, फिर भी सिर्फ माँ से ही क्यों उम्मीद की जाती है कॉम्प्रोमाइज की?
क्या आप एक माँ है और आपको भी इन 5 परिस्थितियों में कॉम्प्रोमाइज करना पड़ा?
1. करियर छोड़ने की उम्मीद की जाती है
माँ से उम्मीद लगाई जाती है कि आप वे काम को कुछ समय के लिए छोड़ दें और बच्चों की देखभाल करें। क्योंकि लोगों का मानना तो यही है कि बच्चे को संभालना सिर्फ माँ की जिम्मेदारी है। कई बार बच्चे बड़े होने के बाद भी माँ को काम पर वापस नहीं जाने दिया जाता क्योंकि ‘बच्चे बिगड़ जायेंगे’।
2. आउटिंग नहीं करना
क्योंकि अब आपको अपने बच्चे की देखभाल करनी है, उसकी हर जरूरत को पूरा करना है (जो शायद और लोग कर सकते हैं) तो आप तब तक बाहर नहीं निकल सकते हैं जब तक आपका बच्चा समझदार नहीं हो जाता। अक्सर गृहणियाँ अपने परिवार के बिना बाहर जाना पूरी तरह छोड़ देती हैं।
3. नींद पर कोम्प्रोमाईज़
सुनने में तो ये बात बहुत हल्की लगती है, पर अधूरी नींद का सीधा असर हमारे मानसिक एवं शारीरिक विकास पर पड़ता है। अगर किसी को लगातार 8 घंटे से कम नींद मिले, उसके हार्ट और इंटेस्टाइन की बीमारी होने के चांस बढ़ जाते हैं।
खैर! ये चिंता का विषय थोड़ी ना है। तुम माँ हो तुमसे हर काम को समय पर पूरा करने की उम्मीद तो लगाई ही जाएगी।
4. शॉपिंग के लिए कम समय
माँ होने के पहले आप एक औरत है, आपकी कुछ इच्छाएं हैं, अपने लिए कुछ नया खरीदने की, पर अब आपको अधिक समय अपने बच्चों के लिए शॉपिंग करने में बिता देते हैं। ऐसा करना कोई मजबूरी नहीं है, पर अब आप, आपके बच्चे की ज़रूरतों को महत्व देते हैं।
5. मेंटल हेल्थ से कॉम्प्रोमाइज
इस मामले में कोई भी ज्यादा चर्चा नहीं करता, परंतु, माँ बनने के बाद महिलाओं में बहुत से हार्मोनल चेंजेस होते हैं, जिससे उनके स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है, लेकिन लोग इस बात को नहीं समझते हैं और उम्मीद करते हैं महिला से, कि वह शांत रहे।
पोस्ट परटम डिप्रेशन एक बड़ी समस्या है, और 10 में से एक महिला को इसे सहना पड़ता है, फिर भी इसके बारे में जानकारी बहुत ही कम है। लोग एक माँ के सेहत इ बारे में पूरी तरह भूल जाते हैं।