एक दिन मैं अपनी एक दोस्त के साथ शॉपिंग करने गई। उसे अपने लिए एक सुंदर सी ड्रेस खरीदनी थी। हम कम से कम आधे घंटे तक मार्केट में घूमते रहे लेकिन उसे अपने हिसाब की कोई ड्रेस पसंद नहीं आई। फिर आखिरकार मुझे लगा कि शायद अब हमें एक परफेक्ट ड्रेस मिल गई है क्योंकि वह सुंदर थी, उसका कपड़ा अच्छा था और उस पर फूलों वाला खूबसूरत डिजाइन भी था।
जब मैंने उससे कहा कि अब हमे तुम्हारे लिए परफेक्ट ड्रेस मिल गई है तो उसने अपनी आंखें घुमाते हुए बोला परफेक्ट? क्या तुम मजाक कर रही हो? जब मैंने उससे पूछा कि ड्रेस में क्या खराबी है तो उसने कहा कि यह स्लीवलैस है। लेकिन स्लीवलैस ड्रेस में क्या परेशानी है? उसकी परेशानी है थी कि उसकी बाजू मोटी है और स्लीवलैस ड्रेस में वह बिल्कुल अच्छी नहीं दिखती।
हम महिलाएं अपनी ही बॉडी को इतना नापसंद क्यों करती हैं?
उस दिन मैंने उस घटना के बाद कपड़ों के सभी स्टोर्स को अच्छी तरह से अध्ययन किया। वहां पर अलग-अलग आकार की मोटी, पतली, छोटी, लंबी महिलाएं, कोई डॉक्टर तो कोई लॉयर थी। लेकिन उन सभी में एक बात कॉमन थी और वह है कि वह सभी अपनी बॉडी के किसी ना किसी पार्ट या किसी चीज को नापसंद करती है।
कोई अपनी मोटी टांगो को छुपाने के लिए पूरी लंबाई के कपड़े ले रहा था तो कोई अपने रंग पर निकलने वाली अच्छी सी कलर की ड्रेस। लेकिन मैंने वहां किसी को भी अपनी एक अच्छी चीज के बारे में बात करते नहीं सुना। जो लड़की अपने रंग से नाखुश थी उसकी आंखें और होठ बहुत खूबसूरत थे। लेकिन उसे जैसे इस से मतलब ही नहीं था।
हर चीज़ में परफेक्ट क्यों होना है?
यह घटना मेरे दिमाग में बहुत लंबे समय तक चलती रही। तब मैंने सोचा कि आखिर क्यों महिलाएं अपनी शारीरिक विषमताओं या कमियों से ही खुद को आंकती हैं। क्या केवल एक महिला का शरीर ही उसकी पहचान होता है? क्यों हम खुद को परफेक्ट बनाने के लिए केवल अपने शारीरिक पहलुओं को सुधारना चाहते हैं?
यही वो महिलाएं हैं जो इस समाज की नई जनरेशन और कॉन्फिडेंट, आत्मनिर्भर महिला बनना चाहती हैं। लेकिन कॉन्फिडेंट बनने की सबसे पहली शर्त यही होती है कि हम खुद को अपने असली रूप में, अपनी सभी कमियों के साथ स्वीकारे।
मेरे जहन में एक सवाल और भी आया कि क्यों हम महिलाएं खुद को परफेक्ट बनाने के लिए केवल अपनी शारीरिक कमियों और स्ट्रेंथ पर ध्यान देती हैं? हम अपने इमोशनल पहलुओं के बारे मे क्यों नहीं सोचते? हम क्यों नहीं सोचते हैं कि हम अपने काम और कौशल में कितना अच्छा परफॉर्म करते हैं?
हम क्यों अपनी खूबियों और अच्छे गुणों के बारे में नहीं सोचते? अगर हम अपनी खामियों की आलोचना करना जानते हैं तो हमें अपनी अच्छाइयों और खूबियों की सराहना और प्रशंसा करना भी तो आना चाहिए। एक असली कॉन्फिडेंट महिला वही है जो अपनी खूबियों और खामियों दोनों को बराबर रूप से स्वीकार करे।
Scars are beautiful
आपने सुना होगा कि दाग अच्छे होते हैं। यह एक सच्चाई है बस लोगो को इसे स्वीकारने की जरूरत है। जब हम अपने रिलेशनशिप के अच्छे पलों की तस्वीरें और अपनी खुशियां दूसरों के सामने शेयर कर सकते हैं तो फिर अपने ब्रेकडाउन या अपनी परेशानियां क्यों नहीं?
प्रेगनेंसी एक महिला के लिए बहुत ही खास होती है। प्रेगनेंसी के बाद स्ट्रेच मार्क्स तो सबको होते हैं तो फिर इसमें छिपाने वाली क्या बात है। हमें अपने मदरहुड पर गर्व होना चाहिए। स्ट्रेच मार्क को छुपाने के लिए कोई सही ड्रेस ढूंढने की जरूरत नहीं है।