एक सर्वे के हिसाब से भारत में मैट्रिमोनियल साइट पर कामकाजी महिलाओं को पसंद करने की संख्या बहुत कम है। स्टडी में सामने आया कि शादीके वक़्त नौकरी करने वाली लड़कियों को नापसंद करने की वजह क्या है? शादी के वक़्त समाज में मौजूद कुछ जेंडर रोल्स को लेकर जो चीज़ें तय की जाती हैं, अक्सर उनका बुरा असर कामकाजी महिलाओं को पड़ता है।
शादी के लिए पुरुषों को नौकरी करने वाली लड़की पसंद नहीं
शादी के वक़्त लड़की की नौकरी और शादी के बाद नौकरी करने की इच्छा के बारे में ज़रूर पूछा जाता है। कई परिवार पढ़ी लिखी बहू लाना तो चाहते हैं पर वो शादी के बाद उनके नौकरी करने के पक्ष में नहीं होते। ऐसे में उनका तर्क यह होता है कि उनका परिवार संपन्न है, नौकरी की क्या ज़रूरत है। ये भी समझा जाता है कि नौकरी करने वाली लड़की को घर संभालने का कम वक़्त मिलेगा, जिससे घर के कामों में दिक्कत आएगी।
भारत के ज़्यादातर हिस्सों में आम धारणा यही है कि घर संभालना महिलाओं का काम है। कई लोग ये भी कहते हैं कि नौकरी करने अगर बहू घर के बाहर जाएगी, उसके हाथ में पैसे होंगे तो वो घर वालों को कुछ समझेगी नहीं। इसके पीछे की भावना होती है कि लड़की इंडिपेंडेंट होगी। वो अपने लिए खुद फैसले लेंगी और इससे उसपर उनका अधिकार कम होगा। लड़कियों और बहुओं को घर की इज्ज़त का नाम दिया जाता है।
लड़की का नौकरी करने घर के बाहर जाना घर वालों की इज्ज़त का बाहर जाने जैसा देखा जाता है। लोगों से बातचीत और संपर्क बढ़ेगा, उनकी सुरक्षा का हवाला भी दिया जाता है। अगर उन्हें बाहर कुछ हो गया तो परिवार की क्या इज्ज़त रह जाएगी।
पति की सैलेरी को अधिक महत्व
पति की कमाई कम है और पत्नी की सैलरी कई गुना ज़्यादा है तब मान लिया जाता है कि घर चलाने के लिए महिला का काम करना ज़रूरी है। अगर किसी के घर नौकरीपेशा महिला है भी तो सारा परिवार उससे यह अपेक्षा रखता है कि वह काम से लौट कर घर और किचन की ज़िम्मेदारी लें।
किसी भी तरह की आज़ादी के लिए ज़रूरी है कि एक लड़की आर्थिक रूप से आज़ाद हो। उसे पैसों के लिए किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े। जब एक महिला आर्थिक रूप से आज़ाद होती है, वो अपने बारे में सोचती है, ठीक उसी तरह जैसे एक पुरुष सोचता है।
लड़कियों के लिए काम का एरिया भी बटा है
एक और फैक्टर भी यहां काम करता है कि लड़की काम क्या करती है इससे भी बड़ा फर्क पड़ता है। टीचर या बैंक की नौकरी है तो ज़्यादतर लोगों को दिक्कत नहीं होती। नौ से पांच की नौकरी है। सुबह जाने से पहले और आने के बाद महिला घर की ज़िम्मेदारी निभा सकती है। त्यौहार पर छुट्टियां होती है और काम भी बच्चों और महिलाओं के बीच ही होता है। ऐसी नौकरी में महिला को रात में देर तक बाहर नहीं रहना होता। इसलिए हमेशा कहा जाता है कि लड़कियों के लिए ये दो प्रोफेशन सबसे अच्छे हैं।