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Bra Stigma : आखिर क्यों देखा जाता है ब्रा को एक टैबू की तरह?

सोसाइटी में ब्रा को एक टैबू की तरह देखा जाता है। अगर आपकी ब्रा का स्ट्रैप दिख रहा है तो आपको यह बोला जाता है कि आपको से छुपाना चाहिए या फिर आपको बोला जाएगा की ब्रा पहनना जरूरी है। इस टैबू को बदलना जरूरी है।

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Neha Dixit
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Bra (Image Credit Freepik)

( Image Credits: Freepik)

Why is a bra often considered a taboo:सोसाइटी में ब्रा पहनने को एक टैबू की तरह देखा जाता है। अगर आपकी ब्रा का स्ट्रैप दिख रहा है तो आपको यह बोला जाता है कि आपको से छुपाना चाहिए या फिर आपको बोला जाएगा की ब्रा पहनना जरूरी है लेकिन इसमें आपकी मर्जी कभी नहीं पूछी जाएगी। सोसाइटी में ऐसा कई बार होता है की मां अपने बेटे के लिए अंडरवियर खरीदने जाती हैं इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं होती लेकिन वही कभी आपने किसी पिता को देखा है अपनी बेटी के लिए अंडरगारमेंट्स खरीदते हुए क्योंकि इस चीज को सेक्शुअलाइज्ड और टैबू की तरह देखा जाता है। इस सोच को बदलना जरूरी है।

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महिला ब्रा पहनना चाहती हैं या नहीं यह उनका खुद का फैसला होना चाहिए जो कि वह अपनी मर्जी से लें इस फैसले में सोसाइटी या किसी दूसरे व्यक्ति की सोच या कहना मायने नहीं रखता।

आखिर क्यों देखा जाता है ब्रा को एक टैबू की तरह? (Why Wearing A Bra Is A Taboo)

सोसाइटी की सोच के अनुसार महिलाओं को ब्रा पहनना जरूरी है, उनके ब्रा का स्ट्रैप दिखाना नहीं चाहिए, उनके पिता या भाई उनके लिए ब्रा नहीं खरीद सकते यह सोच इनिक्वालिटी और गलत व्यवहार को बढ़ावा देती है। महिलाएं क्या पहनना चाहती हैं क्या नहीं, कहां जाना चाहती हैं कहां नहीं और अपनी जिंदगी का हर फैसला स्वयं ले सकती हैं।

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अक्सर मां अपने बेटे के लिए अंडर गारमेंट्स खरीद के ले आती है लेकिन वही कभी अापने पिता को देखा है अपनी बेटी के लिए अंडरगारमेंट्स खरीदते हुए क्योंकि इस चीज को एक गलत नजरिए से देखा जाता है यह सेक्शुअलाइज्ड मानी जाती है। लेकिन इससे यह साबित नहीं होता कि यह गलत है। मेल ओर फीमेल दोनों की बॉडी पूर्ण रूप से सुंदर होती है। लेकिन दोनों में भेदभाव मनुष्य ने याद किया है।

महिलाएं ब्रा पहनना चाहती हैं या नहीं इसका फैसला वह खुद ले सकती हैं 

 महिलाएं ब्रा पहनेगी या नहीं इसका फैसला लेने का उन्हें पूरा अधिकार है। अपनी निजी जिंदगी का कोई भी फैसला फिर चाहे वह उनके शरीर के बारे में हो उनके करियर के बारे में उनके खाने के बारे में या उनकी लाइफ चॉइस इसके बारे में इसमें दखल अंदाजी करने का अधिकार किसी भी दूसरे व्यक्ति को नहीं।

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महिलाओं को पूरा हक है कि वे अपने कंफर्ट के हिसाब से फैसला लें फिर चाहे वह ब्रा ना पहनना ही क्यों ना हो। महिलाओं और पुरुषों में समान रूप से क्वालिटी होनी चाहिए। महिलाएं अपने जीवन में क्या करना चाहती हैं क्या नहीं, क्या पहनना चाहती हैं क्या नहीं इसका फैसला भी खुद ले सकती हैं।

 

bra Wearing A Bra
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