Advertisment

Self Care vs Selfish: अपने बारे में सोचना सेलफिश क्यों नहीं होता है?

author-image
Monika Pundir
New Update

अपने बारे में सोचना सेलफिश होना क्यों नहीं होता है?

Advertisment

क्योंकि हमें पता है आज के समय पे कोई किसी के लिए भी नहीं सोचता। हमें अपनी खुशी के लिए खुद मेहनत करनी पड़ती है, और हमें अपनी प्रोबलम्स को भी अकेले ही फेस करना पड़ता है। 

अगर आप अपने बारे में नहीं सोचेंगे, तो शायद कोई दूसरा भी आपके बारे में नहीं सोचेगा। इसलिए पहले खुद के बारे में सोचें। जो व्यक्ति अपने लिए सोच सकता है, वह दूसरों के लिए भी सोच सकता है। इसलिए खुद को स्वार्थी न समझें। सेल्फ केयर मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ही जरूरी होता है। इससे आप खुद के साथ-साथ दूसरों की केयर भी अच्छे से करेंगे। इसलिए अपने लिए सोचते वक्त ये न सोचें कि दूसरे क्या सोचेंगे। आपको जो अच्छा लगे या आपका मन करे, वो करें। 

हमारी ख़ुशी में कोई हमारे साथ नहीं हैं तो हमारे दुख में क्या ही साथ देगा। अपने लिए सोचना सेलफिश नहीं होता है, और जब तक खुद को नहीं समझेंगे, खुद के लिए काम नहीं करेंगे तब तक हम क्या ही दूसरों की खुशी को समझ पायेंगे? सेल्फिश होना बुरी बात नहीं है। सेलफिश होने से हम अपने आप को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं अपनी कमियों को पूरा कर सकते हैं। हम दूसरों को अपना गलत उपयोग नहीं करने दे सकते हैं। सेलफिश होना तब गलत है जब आप किसी की भी कोई हेल्प नहीं करना चाहते हो और सिर्फ अपने बारे में ही सोचते हैं। 

Advertisment

यदि हम सेलफिश होते हैं तो हम अपने लिए समय निकाल पाते हैं, हम अपनी भलाई के बारे में सोचते हैं। 

हम अपने डिसीजन खुद ले पाते हैं, क्योंकि यहां हम सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं। अगर डिसीजन हमारा है तो उससे मिलने वाले हर रिज़ल्ट के लिए हम खुद रिस्पॉन्सिबल हैं। इससे हमें खुद को बेहतर बनाने का मौका मिलता है। 

खुद के लिए सोचना सेलफिश होने से बहुत अलग है।  दोनों शब्दों का मतलब भी अलग है, और हमारी पर्सनालिटी में भी दोनों अलग रोल प्ले करते हैं।

Advertisment