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Advice From Parents: पैरेंटल अडवाइज को सीरियसली क्यों लेनी चाहिए?

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Monika Pundir
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आज कल के बच्चे ज़्यादहतर कुछ अलग करना चाहते हैं। वे दूसरों से या कन्वेंशनल तरीके से कुछ अलग करना चाहते हैं, चाहे बात करियर की हो या आम ज़िन्दगी की। इस सोच के कारण कई बार बच्चे, अपने टीनएज में अपने माता पिता के एडवाइस को नज़रंदाज़ करने लगते हैं। वे सोचते हैं की उनके माता पिता उन्हें कुछ पुरानी राइ ही देंगे। कुछ युवा सोचते हैं की उनके माता पिता टेक्नोलॉजी या ट्रेंड्स नहीं समझते, इसलिए उनकी रे बेकार है। यह सच नहीं है। जीवन के किसी भी चीज़ के लिए ‘हमेशा’ या ‘कभी नहीं’ का अप्रोच न रखें। ज़रूरी नहीं की आप अपने माता पिता की हर बात माने, पर उनकी रे को बेकार भी न समझें।

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पैरेंटल अडवाइज को सीरियसली क्यों लेनी चाहिए:

1. आपके माता पिता आपसे प्यार करते हैं 

आप किस परिवार में जन्म लेते हैं, यह तो लॉटरी के तरह है। हो सकता है कि आपके माता पिता बेस्ट पेरेंट्स नहीं थे, या उनकी पैसो की तंगी थी, मगर वे आपसे प्यार करते हैं। 100 में से एक बच्चे के माता या पिता अब्यूसिव होते हैं, बाकी 99 अपने बच्चों से बहुत प्यार करते हैं और अपने बच्चों का भला चाहते हैं। इस कारण वे आपके बुराई के लिए तो कभी एडवाइस नहीं देंगे।वे वही बताएंगे जो वे बेस्ट समझते हैं।

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2. उनका ज़्यादा अनुभव है 

हो सकता है जब आपके पेरेंट्स स्कूल कॉलेज में थे तो उनके सब्जेक्ट अलग थे, स्कोप अलग था, मोबाइल और सोशल मीडिया नहीं था, मगर इंसान और तमीज थे। कहने का मतलब है, टेक्नोलॉजी जितनी भी बदल जाए, इंसान का साइकोलॉजी एक जैसे ही रहते हैं, और साथ ही अनुशासन। यह दो चीज़ें सालों साल नहीं बदलती। इसलिए अगर वे आपके दोस्त के बारे में कुछ कहे, तो उनकी बात पर ध्यान दीजियेगा। आप चर्चा कर सकते मगर सीधा अस्वीकर मत कीजियेगा।

3. उन्होंने हर उस फेज से गज़री है जिसमें आप हैं 

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माता पिता ने हमसे पहले ठीक इसी फेज से गुज़रे है जिसमें हम है। युवा बच्चों के लिए यह ध्यान में रखना बहुत ज़रूरी है। बच्चे अक्सर भूल जाते हैं की उनके माता पिता भी कभी 10-15-20 साल के थे। उन्होंने भी स्कूल बंक किया होगा। उन्होंने भी उनके माता पिता से झगड़ा किया होगा। उन्होंने भी करियर के बारे में कन्फूशन का सामना किया होगा। उन्होंने भी फ्रॉड फोन कॉल पाई होगी। इसलिए, वे जाने हैं की आपके निर्णय के कैसे परिणाम हो सकते हैं, और आपको आपके रास्ते के रिस्क बता सकते हैं।

4. अलग दृष्टिकोण 

कोई दो इंसान का हर टॉपिक पर दृष्टिकोण या सोच मैच नहीं करता, इसलिए जितना यह तर्क की वजह बन सकती है, उतनी ही लाभ की। हो सकता है आपके माता पिता कोई ऐसा चीज़ देख रहे हो जिन्हे आप इग्नोर क्र रहे हैं। इसलिए अगर वे आपको किसी निर्णय के बारे में दोबारा सोचने को कहते हैं, तो उन पर क्रोधित न हो। ठन्डे दिमाग और खुले दिल से उन्हें ऐसा कहने की वजह पूछिए। 

5. इतिहास खुद को दोहराता है 

इतिहास खुद को दोहराता है, यह एक आम कहावत है। इसका मतलब सिर्फ यह नहीं है की देश सरकारों के बीच बार बार अनबन होगी। ऐसी चीज़ें भी दोहराते हैं जो इतिहास के किताब में हम नहीं पढ़ते। इकोनॉमिक रिसेशन बार बार आते हैं। सबके जीवन में रोमांटिक रिश्ते बनते हैं। समझदार लोग दूसरों की गलतियों से सीखते हैं, इसलिए आप अपने माता पिता के गलतियों से सीख सकते हैं, अगर आप उनकी बातों को गौर से सुने। कई बार लोग महत्वपूर्ण बातें नार्मल चर्चा में शेयर कर देते हैं।

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