जब बात देश की विकास की होती है तो महिलाएं व पुरुष दोनों इक्वल भागीदार होते हैं। और हम सभी ने देखा है कि पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं ने अपनी हर क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाई है और ना सिर्फ पहचान बनाई बल्कि बहुत हद तक उसमें कामयाब रही हैं, पुरुषों तक को पछाड़ दिया है।
हमारे देश में हर कोई आजकल अपनी बेटी की बहुत तारीफ करते हैं कि वह हमारे लड़के से ज्यादा अच्छा पढ़ती है या वह सरकारी नौकरी करेगी और भी बहुत कुछ। लेकिन क्या आपको पता है जब इनसे पूछा जाता है वह अपने लड़के के लिए कैसी बहू चाहते हैं तब वे कहते हैं पढ़ी लिखी हो मगर घर का काम करे वह नहीं पसंद करते कि उनकी बहू किसी कंपनी में या किसी भी ऑर्गेनाइजेशन में काम करें। और ठीक वैसे ही जब आप एक लड़के से पूछा जाता है कि आप अपने लिए कैसी वाइफ पसंद करते हो? तो वह भी यही कहेगा कि लड़की पढ़ी-लिखी हो, मगर जब बात उसके काम करने की आती है तब कई लड़कों का मानना है कि काम मैं कर लूंगा वह घर में रहकर घर संभाल लेगी और बच्चे संभालेगी। आज के इस महिला प्रेरक ब्लॉक में हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों नौकरी पेशा महिला को पुरुष नहीं पसंद करते शादी के लिए।
एक शोध के अनुसार-
एक महिला दीवा ने लड़कियों की मैट्रिमोनियल साइट पर 20 फेक प्रोफाइल बनाई। इन प्रोफाइल को उसने अलग-अलग कैटेगरी में बांट दिया, अलग कास्ट में बांट दिया, कुछ उसमें वर्किंग विमेन थी कुछ नॉन वर्किंग विमेन थी कुछ की सैलरी ज्यादा थी कुछ की सैलरी कम थी। उसने अपने रिसर्च रिसर्च पेपर में बताया कि सबसे ज्यादा रिस्पांस उन महिलाओं की प्रोफाइल को मिला है जो कहीं काम नहीं करती हैं या फिर शादी के बाद काम करना बंद कर देंगी।
क्या कहती हैं दीवा अपनी इस रिसर्च पर?
वह देखना चाहती थी कि शादी के वक़्त जैंडर रोल्स कैसे काम करते हैं, नौकरीपेशा महिलाओं पर इसका क्या असर होता है. जेंडर रोल्स यानी जेंडर के आधार पर जो काम तय किए जाते हैं जैसे महिला है तो घर की ज़िम्मेदारी उसकी होगी, पुरुष है तो जॉब करना उसके हिस्से आएगा। वह कहती हैं कि मेरी उम्र की ज़्यादातर लड़कियां जो मेरी दोस्त हैं उन्होंने शादी के बाद या तो नौकरी छोड़ दी या काम का दायरा कम कर लिया है। वह एक्सपेरिमेंट कर के ये समझना चाहती थी कि शादी से महिलाओं के करियर पर कोई असर पड़ता है क्या?
नौकरीपेशा लड़कियों को लड़के क्यों पसंद नहीं करते?
भले ही हमारा देश दिन-ब-दिन तरक्की कर रहा हो, लेकिन हमारे समाज के पार्ट्रियरचल लोगों की सोच आज भी वैसी ही है जैसी पहले थी। इसी पार्ट्रियरचल सोच से लड़के इनफ्लुएंस होके यह सोचने लगते हैं कि अगर वह और उनकी वाइफ दोनों नौकरी करेंगे तो लोग कहेंगे कि देखो लड़का अपनी वाइफ के ऊपर निर्भर है या उसको काम करने बाहर भेज रहा है अपने घर को नहीं पाल पा रहा है अकेले से। दुसरा कारण यह माना जाता है कि लड़के बहुत से अपनी वाइफ को नौकरी इसलिए नहीं करने देते क्योंकि उनकी वाइफ की जो कमाई है वह उनसे जाता है और यह उनके ego को हर्ट करता है। तीसरा कारण यह की पुरुषों को लगता है यदि महिलाएं बाहर काम करने जाएंगे तो घर का काम कौन करेगा और फिर उनकी सुरक्षा कौन करेगा क्योंकि उनको लगता है कि महिलाएं अपनी सुरक्षा खुद से नहीं कर सकती है।
चौथा अर्थात आखिरी कारण यह माना जाता है कि यदि महिलाएं बाहर काम करने जाएंगे तो वह कई प्रकार के लोगों से मिलेंगी मतलब और भी कई लड़कों से मिलेंगी और हो सकता है वह इनके प्यार में पड़ जाएं।
यदि आप एक नौकरीपेशा महिला है या आगे चलकर नौकरी करना चाहती है तो आप बिल्कुल करें क्योंकि ऐसा करने से आप किसी भी चीज के लिए किसी पर डिपेंड नहीं होंगी। अपने माता-पिता को एक अच्छा भविष्य दे पाएंगी और उसी लड़के से शादी करें जो आपकी नौकरी को सपोर्ट करे क्योंकि ऐसा करने से आपकी जो मैरिज लाइफ है वह बहुत ही सफल होगी और आप दोनों मिलकर अपने बच्चों को एक अच्छा भविष्य दे पायेंगे और समाज को और बेहतर बनाने में अपना योगदान देंगे।