Advertisment

Victim Blaming: महिलाओं के खिलाफ अपराध के लिए महिलाएं जिम्मेदार क्यों?

महिलाओं के खिलाफ होने वाले किसी भी अपराध पर जिम्मेदार महिलाओं को ही ठहराया जाता है। पुरुष के व्यवहार और उनकी गलतियों को नजरअंदाज करके महिलाओं के व्यवहार और चरित्र पर सवाल किया जाता है।

author-image
Monika Pundir
New Update
victim blaming

Victim Blaming

Victim Blaming: महिलाओं के खिलाफ अपराध पर महिलाएं ही जिम्मेदार क्यों?

Advertisment

हमारे समाज की यह आदत पुरानी है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले किसी भी अपराध पर जिम्मेदार महिलाओं को ही ठहराया जाता है। पुरुष के व्यवहार और उनकी गलतियों को नजरअंदाज करके महिलाओं के आचरण, व्यवहार और चरित्र पर सवाल किया जाता है। ऐसी हरकतें आपको समाज में आए दिन आसानी से देखने को मिल जाती हैं। अभी ऐसी ही एक खबर मुंबई में देखी गई है जहां बाहर से आई कोरियन यूट्यूबर के साथ छेड़छाड़ का शिकार हुई। लेकिन जिस प्रकार लोगों ने इस मुद्दे पर विक्टिम ब्लेमिंग किया है वह बेहद बुरा है।

क्या है मामला?

दरअसल मुंबई में बाहर से आई कोरियन यूट्यूबर व्लॉगिंग कर रही थी। जब वह लाइव स्ट्रीमिंग कर रही थी उस दौरान एक युवक ने यूट्यूबर के साथ छेड़खानी की। यूट्यूबर ने बाद में इस बात की शिकायत दर्ज कराई और उसके मुताबिक अभी मुंबई पुलिस इस बात पर तेजी से कार्रवाई कर रही है। यह खबर इंटरनेट पर तेजी से वायरल हुई और इसके प्रति लोगों की विभिन्न विभिन्न प्रतिक्रियाएं आई।

Advertisment

क्यों होती है विक्टिम ब्लेमिंग?

मुंबई में जो कुछ भी कोरियन यूट्यूबर के साथ हुआ है उसके प्रति लोगों ने विक्टिम ब्लेमिंग करना दोबारा शुरू कर दिया है। हाल ही में हुए श्रद्धा वॉकर केस को लेकर भी लोगों की प्रतिक्रियाएं कुछ ऐसी ही थी। लोग औरतों के फैसलों पर सवाल उठाना शुरू कर देते हैं। उनके साथ जो कुछ भी हुआ है उस पर बात करने से ज्यादा जरूरी वह उनके फैसलों को गलत ठहराना समझते हैं।

क्यो सिर्फ महिलाओं को बदलना है?

कोरियन यूट्यूबर को लोगों ने सलाह देना शुरू कर दिया कि उन्हें रात को अकेले घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए, उन्हें अजनबी से इतना हंसकर बात नहीं करना चाहिए क्योंकि उनका इतना हंसकर बात करना उनके लिए परेशानियां खड़ी कर सकता है। श्रद्धा के मामले में भी लोगों की ऐसी ही प्रतिक्रिया आई थी। लोगों ने श्रद्धा के फैसलों पर सवाल उठाना शुरू किया था जहां उन्होंने बताया था कि उन्हें अपने मां-बाप की बात मान लेनी चाहिए थी, उन्हें दूसरी कास्ट के लड़के पर भरोसा और प्यार नहीं करना चाहिए था।

लेकिन ऐसा सिर्फ महिलाओं के साथ क्यों होता है? क्यों उन्हीं के साथ ही गलत होता है और उन्हें ही बदलने की सलाह दी जाती है? और ऐसा हम कब तक करते रहेंगे? क्यों महिलाओं को ही अपनी सुरक्षा से संबंधित जानकारियां और सावधानियां रखने की जरूरत है और क्यों हम दोषियों को सही एजुकेशन और सही पनिशमेंट नहीं दे सकते हैं?

Victim Blaming
Advertisment