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Photograph: (Netflix Series Adolescence)
Netflix की नई मिनीसीरीज़ Adolescence देखने के बाद दिल और दिमाग दोनों में कई सवाल उठते हैं। ये सिर्फ एक क्राइम स्टोरी नहीं है, बल्कि ये हमारे समाज में मौजूद toxic masculinity यानी जहरीली मर्दानगी को एक्सप्लोर करती है। शो दिखाता है कि कैसे एक टीनएजर लड़का, जेमी, अपनी क्लासमेट की हत्या के आरोप में फंस जाता है और उसके बाद उसकी लाइफ और उसके आसपास के लोगों की जिंदगी पूरी तरह बदल जाती है।
जब मैंने इस शो को एपिसोड दर एपिसोड देखा, तो हर बार मुझे कुछ नया सोचने को मिला। इस कहानी को देखने के बाद मुझे लगा कि हम जिस masculinity को बचपन से देखते आए हैं, क्या वो सच में सही है?
Adolescence: क्यों हमें मर्दानगी की नई परिभाषा की जरूरत है?
एपिसोड 1: जब पहली बार जेमी पर शक हुआ
पहला एपिसोड बहुत इंटेंस था। जेमी अपने घर में था, अचानक पुलिस आई और उसे उसकी क्लासमेट की हत्या के आरोप में अरेस्ट कर लिया। उसके मम्मी-पापा के एक्सप्रेशन्स देखकर दिल कांप गया। क्या सच में उनका बेटा ऐसा कर सकता है? या फिर वो किसी बड़ी साजिश में फंस रहा है?
इस एपिसोड को देखकर सबसे पहला सवाल दिमाग में आया – हम अपने बेटों को क्या सिखा रहे हैं? बचपन से ही ‘लड़के रोते नहीं’, ‘मजबूत बनो’, ‘गुस्सा मत दबाओ’ जैसी बातें सिखाकर कहीं हम उन्हें हिंसा की तरफ तो नहीं धकेल रहे?
एपिसोड 2: स्कूल और इंटरनेट का रोल
जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि जेमी का इंट्रेस्ट कुछ अजीब ग्रुप्स में था, जहां लड़कों को लड़कियों से नफरत करने के लिए भड़काया जाता था। उसे इंटरनेट पर ऐसे लोगों का सपोर्ट मिला, जो मानते थे कि लड़कियों को कंट्रोल करना जरूरी है।
अब सोचने वाली बात ये है कि हमारे बच्चे किस माहौल में बड़े हो रहे हैं? इंटरनेट पर कौन से influences उन तक पहुंच रहे हैं?
एपिसोड 3: जब जेमी का मेंटल हेल्थ सामने आया
इस एपिसोड में जेमी की काउंसलिंग होती है और पहली बार उसकी अंदर की सच्चाई दिखती है। वो खुद नहीं जानता कि वो ऐसा क्यों सोचता है। उसकी भावनाएं, उसका गुस्सा, उसका डर सब कुछ उसके अंदर सालों से जमा था।
क्या हम लड़कों को emotionally strong बनने का मौका दे रहे हैं? या फिर उन्हें सिर्फ ताकतवर और dominant बनने के लिए कह रहे हैं?
एपिसोड 4: परिवार, समाज और मीडिया का असर
फाइनल एपिसोड में जेमी के माता-पिता अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। वो अपने बेटे को बचाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वो सही है या गलत। मीडिया जेमी को एक मॉन्स्टर बना चुका है, लेकिन क्या सच्चाई इतनी सिंपल होती है?
यही सवाल असल जिंदगी में भी आता है जब किसी लड़के से कोई बड़ा क्राइम होता है, तो हम उसे दोषी ठहराते हैं, लेकिन उसके पीछे की सोच कहां से आई? वो किस माहौल में बड़ा हुआ? क्या हम उसे बदल सकते थे?
क्या ‘मर्दानगी’ को नए तरीके से देखने की जरूरत है?
Adolescence सिर्फ एक क्राइम स्टोरी नहीं है, ये हमें सोचने पर मजबूर करता है कि हमें लड़कों को कैसे पालना चाहिए। क्या masculinity का मतलब सिर्फ ताकत और गुस्सा है, या फिर उसमें सेंसिटिविटी और self-awareness भी होनी चाहिए?
हम जब कहते हैं “लड़के लड़कों की तरह बर्ताव करें,” तो इसका मतलब क्या होता है? क्या इसका मतलब यह है कि वो कभी डर या उदासी न दिखाएं? क्या उन्हें gentle और caring बनने की इजाजत नहीं होनी चाहिए?
बदलाव की जरूरत है
इस शो ने दिखाया कि toxic masculinity सिर्फ एक टर्म नहीं है, ये असल जिंदगी में लड़कों और उनके आसपास के लोगों को प्रभावित करता है। हमें एक नई सोच अपनाने की जरूरत है, जहां masculinity सिर्फ ताकत से नहीं, बल्कि emotional intelligence, सहानुभूति और बराबरी से परिभाषित हो।
अगर हम चाहते हैं कि भविष्य में ऐसे केसेज़ कम हों, तो हमें अपने बेटों को सिखाना होगा कि सच्ची मर्दानगी सिर्फ ताकतवर बनने में नहीं, बल्कि सही और गलत को समझने में है।