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Photograph: (Freepik)
Why women are trolled for their boobs size: आज के समाज में महिलाओं के शरीर को लेकर जिस तरह की टिप्पणियाँ और ट्रोलिंग की जाती है, वह न केवल इंसेंसिटीव है, बल्कि गहराई से सेक्सिस्ट और खतरनाक भी है। खासतौर पर महिलाओं के ब्रेस्ट साइज को लेकर सोशल मीडिया, फिल्मों, विज्ञापनों और आम जीवन में जिस तरह मज़ाक बनाया जाता है या उन्हें ट्रोल किया जाता है, वह इस बात को दर्शाता है कि हम अभी भी एक मैच्योर और सेंसिटिव सोच से बहुत दूर हैं। चाहे किसी महिला का ब्रेस्ट साइज छोटा हो या बड़ा, उसे अक्सर जज किया जाता है। ये सोच महिलाओं को अपने शरीर के लिए शर्मिंदा महसूस कराने का कारण बनती है और उनकी सेल्फ इमेज और सेल्फ कॉन्फिडेंस को गहरी चोट पहुँचाती है। दिक्कत बस शरीर की बनावट को लेकर नहीं है, बल्कि ये उस मेंटालिटी का नतीजा है जो महिलाओं को सिर्फ़ उनके शरीर से जानती है, न कि उनकी पहचान, कैपेसिटी या पर्सनेलिटी से। ऐसे में यह ज़रूरी है कि हम इस विषय पर गंभीर बातचीत करें, समाज से इस तरह की सभी गंदगी को अपनी मेंटालिटी से बाहर फेंके।
क्यों महिलाओं को उनके बूब साइज के लिए किया जाता है ट्रोल?
1. सोशल मीडिया का असर
इंटरनेट पर लोग बिना कुछ सोचे या सेकंड ओपिनियन लिए किसी को भी कुछ भी बोलने लगते हैं। जिसका असर ये होता है कि महिलाएं इनसिक्योर महसूस करने लगती हैं। महिलाएं जब अपनी फोटोज पोस्ट करती हैं, तो उन्हें उनके शरीर के शेप के लिए शर्मिंदा किया जाता है चाहे वह छोटा हो या बड़ा।
2. बॉडी स्टैंडर्ड
हमारे समाज में एक तरह का ब्यूटी स्टैंडर्ड बना दिया गया है महिलाओं के लिए ही जिस पर अगर कोई महिला नहीं फिट होती तो उसे ट्रोल किया जाता, बुरा भला कहा जाता है और उन्हें इनसिक्योर महसूस कराया जाता है।
3. सेक्सिस्ट सोच
महिलाओं के शरीर को कंट्रोल करना और उस पर टिप्पणी करना एक गहरी पैठी हुई मेल डोमिनेटेड प्रवृत्ति है। यह सोच उन्हें सिर्फ उनके शरीर से जोड़कर देखती है, न कि उनकी योग्यता से।
4. एजुकेशन की कमी
कई बार कम पढ़े लिखे होने के कारण लोगों को लगने लगता है कि उन्हें लाइसेंस मिल गया है किसी भी महिला के बारे में कुछ भी कहने का। लोगों को ये समझना चाहिए कि हम जो बोल रहे हैं उसका सामने वाले पर क्या असर पड़ेगा और उसे कैसा महसूस कराएगा।
5. फ्रीडम पर टिप्पणी
महिलाओं के ब्रेस्ट साइज पर कमेंट करना एक तरह से उनकी आज़ादी, सोच पर और कपड़े पहनने के तरीके पर टिप्पणी करना है। महिलाओ को उनके फैशन सेंस के लिए भी ट्रोल किया जाता है और लोग हर महिला पर अपना अधिकार समझकर उन्हें क्या पहनना है ये बताने कहते हैं।