Why "NO" Is Important For Women : अपने जीवन में हर बात में अपनी सहमति देना जरूरी नहीं है कुछ चीजों के लिए मना करना भी बहुत ज्यादा जरूरी होता है, इसलिए आज हम जानेंगे कि महिलाओं के लिए कुछ बातों के लिए ना कहना क्यों जरूरी है
महिलाओं के लिए "ना" कहना सीखना क्यों है ज़रूरी
महिलाओं के लिए समाज में पहले से ही ऐसी छवि बना दी गई है जिसमें महिलाएं हर बात में पहले से ही सहमत होते हैं, उनसे कभी ना की उम्मीद ही नहीं रखी जाती है इसलिए कोई उनसे उनका कंसेंट भी नहीं लेता, पर आज हम इस आर्टिकल जानेंगे की क्यों महिलाओं के लिए ना कहना, सिखाना बहुत ज्यादा जरूरी है और किस तरह से यह चीज आगे समझ में उनकी मदद कर सकते हैं
इक्वल राइट्स
इक्वल राइट्स का यह मतलब है कि महिलाओं के पास किसी काम को ना खाने का उतना ही अधिकार है जो पुरुषों के पास है इसीलिए महिलाओं को कभी भी संकोच नहीं करना चाहिए यदि उनके मन में किसी भी चीज को लेकर कोई आशंका है तुम्हें इस समय उसे चीज के लिए मना कर सकती हैं और यह ना कहना समझ में उनकी इक्वल ट्रीटमेंट और इक्वली अपॉर्चुनिटी को भी दर्शाता है
एंपावरमेंट
नो कहना महिलाओं के एंपावरमेंट को दर्शाता है क्योंकि मना करना उनके राइट्स और उनके ओपिनियन को दर्शाता है जो बहुत बार समझ में दूसरों के द्वारा देखा भी नहीं जाता इसलिए कुछ कामों के लिए महिलाओं का मना करना सब बहुत ज्यादा जरूरी है क्योंकि क्योंकि बहुत बड़ी है उनके सेल्फ रिस्पेक्ट और वैल्यू के बारे में भी समाज को दर्शाता है
रिस्पेक्ट फॉर बाउंड्रीज
अपनी बाउंड्री को "नो" कहकर प्रयोग करना भी बहुत ज्यादा जरूरी है, क्योंकि यह कहने से एक हेल्थी तरीके से प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ दोनों ही मेंटेन रह सकती है, यदि हम अपने अनुसार किसी चीज के लिए मना नहीं कहेंगे तो इसका फायदा दूसरे लोग उठा सकते हैं
ओवर कमिटमेंट से जल्दी बचे
महिलाओं को हमेशा ओवर कमिटमेंट देने से बचना चाहिए क्योंकि बहुत बार ऐसा होता है कि वह इमोशंस में आकर बहुत सारी रिस्पांसिबिलिटी खुद पर ले लेती हैं और इस चीज से बचने के लिए सबसे आसान उपाय है कि उन्हें मना कर देना चाहिए जिसे बाद में उनका समय और एनर्जी दोनों बच सके
सेल्फ केयर को प्रमोट करें
बहुत बार ऐसा हो सकता है कि दूसरों को कमिटमेंट देखकर आप खुद के ही स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पाते हैं इसीलिए खुद की सेल्फ केयर के लिए दूसरों को मना करना सीखना चाहिए जिससे आप अपना समय बचा सके और उसे समय को यूटिलाइज करके अपना ख्याल रख सके
चैलेंजिंग स्टीरियोटाइप
समाज में महिलाओं को लेकर ऐसी धारणा बना ली गई है कि महिलाएं किसी भी चीज को लेकर ना कर ही नहीं सकती हैं इसलिए बहुत सी चीजों के लिए उनका कंसर्न भी नहीं लिया जाता है पर अब समय आ गया है जब महिलाएं अपना ओपिनियन रखने के लिए दूसरों को मना करें जिससे समाज हमेशा उनसे कंसर्न ले और उनकी बातों को समझ भी