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Women's Choice: ये 5 काम करने से महिलाओं को शर्मिंदा नहीं होना चाहिए

समाज द्वारा महिलाओं के लिए बहुत से दायरे तय किये गये हैं और यह माना जाता है की महिलाओं को उन दायरों के भीतर रहकर ही काम करने चाहिए। महिलाओं को अपने लिए कुछ करने से कभी शर्मिंदा नहीं होना चाहिए। आगे पढ़ें इस ओपिनियन ब्लॉग में-

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Society and Women's Choice

Women should never be ashamed of doing these 5 things (Image Credit - Support Me India)

Society and Women's Choice: बहुत सी महिलाओं को कुछ भी करने से पहले इन बातों के बारे में सोचना पड़ता है की वे क्या करें और क्या न करें। उनके कुछ भी करने से बाक़ी चीजों पर क्या इफेक्ट पड़ेगा। महिलाएं अक्सर यह सोचने लगती हैं की अगर ये किया तो लोग क्या सोचेंगे और सब कैसे रियेक्ट करेंगे। इसलिए वो पानी लाइफ में बहुत सी चीजें नहीं कर पाती हैं। लेकिन लोग क्या कहेंगे इस पर ज्यादा नहीं सोचना चाहिए बल्कि अपनी लाइफ और अपने एम्बीसंस के बारे में सोचना चाहिए। अपने लिए कुछ भी करने या निर्णय लेने के लिए शर्मिंदा होने की आवश्यकता बिल्कुल नहीं होती है। अपने रहन-सहन खाने-पीने और अपने हिसाब से जीने के लिए हमेसा आपको स्वतंत्र रहना चाहिए। अपने डिसीजन खुद लेने चाहिए। लोगों को आपकी पर्सनल लाइफ के बारे में निर्णय न लेने दें और खुद निर्णय लेने से कभी शर्मिंदा न हों।

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क्या है 5 काम जिन्हें करने से महिलाओं को नहीं होना चाहिए शर्मिंदा

1. अपने एम्बीसंस को फॉलो करने से (Following Your Ambitions)

महिलाओं को कभी भी अपने एम्बीसंस को फॉलो करने से शर्मिंदा नहीं महसूस करना चाहिए। फिर चाहे वह करियर को लेकर हो या शिक्षा को लेकर या फिर अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर हो। हमेसा यह सोचें कि आप भी अपने एम्बीसंस को फॉलो करने के लिए बाक़ी सबकी तरह ही सक्षम हैं।

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2. अपनी जरूरतों को प्राथमिकता देने से (Prioritizing Your Needs)

महिलाओं को अपनी जरूरतों को प्राथमिकता देने में कभी भी शर्मिंदगी नहीं महसूस करनी चाहिए। महिलाएं अक्सर अपनी जरूरतों के बारे में ध्यान नहीं दे पाती हैं और दूसरों की जिम्मेदारियां उठाती रहती हैं। जबकि महिलाओं के लिए यह सबसे ज्यादा जरूरी है कि बिना किसी शंका और शर्मिंदगी के अपनी भलाई के बारे में सोचना चाहिए और अपनी जरूरतों को पूरा करना चाहिए।

3. अपनी बात कहने से (Having Your Opinion)

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अक्सर ही महिलाओं के विचारों और उनकी बातों को प्राथमिकता नहीं दी जाती है इसलिए महिलाएं अपनी बात कहने से हमेशा संकोच करती हैं या शर्मिंदा महसूस करती हैं। लेकिन महिलाओं को हमेसा ही अपनी बातें शेयर करनी चाहिए इसके लिए शर्मिंदा होने जैसी कोई बात नहीं होती। किसी भी तरह की मीटिंग या घर परिवार की बातों में प्रमुखता से अपनी बात रखनी चाहिए।

4. अपने फिजिकल अपीयरेंस को लेकर (About Your Physical Appearance)

महिलाओं को अपने शरीर को लेकर कभी भी शर्मिंदगी नहीं महसूस करनी चाहिए। अपने शरीर के रंग-रूप का ध्यान रखना चाहिए और ऐसा करने में कोई भी शंका या शर्मिंदगी नहीं होनी चाहिए। मेकअप करने को लेकर हो या फिर कपड़े पहनने को लेकर या बाल छोटे-बड़े रखने को लेकर हो हमेशा अपनी चॉइस के हिसाब से करना चाहिए।

5. सिंगल रहने से (Being Single )

अक्सर ही महिलाओं को शादी करने या फिर घर बसाने के लिए बाध्य किया जाता है। फैमिली और सोसाइटी प्रेसर डालती है शादी करने के लिए और यदि कोई महिला शादी नहीं करती है तो उसे शर्मिंदा किया जाता है। लेकिन महिलाओं को सिंगल रहने में कभी भी शर्मिंदगी नहीं महसूस करनी चाहिए। इस तरह आप स्वतंत्रता से अपनी लाइफ एन्जॉय कर सकती हैं और अपने एम्बीसंस को फॉलो कर सकती हैं।

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