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"तुम बेहतर के लायक हो": पुरुषों को छोड़नी होगी गैसलाइटिंग की यह आदत

ओपिनियन: एक प्यार भरे रिश्ते की कल्पना कीजिए, जहाँ आप हर पल सुरक्षित और सम्मानित महसूस करती हैं। जहाँ आप खुलकर अपनी बात कह सकती हैं और आपको सुना जाता है। जहाँ गलतियों को स्वीकार किया जाता है और माफी मांगी जाती है।

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Vaishali Garg
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Gaslighting: एक प्यार भरे रिश्ते की कल्पना कीजिए, जहाँ आप हर पल सुरक्षित और सम्मानित महसूस करती हैं। जहाँ आप खुलकर अपनी बात कह सकती हैं और आपको सुना जाता है। जहाँ गलतियों को स्वीकार किया जाता है और माफी मांगी जाती है। अब एक दूसरी तस्वीर की कल्पना कीजिए, जहाँ हर छोटी-बड़ी बात पर सवाल उठाया जाता है। जहाँ आपकी भावनाओं को कमतर बताया जाता है। जहाँ आपके अतीत या गलतियों को हथियार बनाकर आपको ही जिम्मेदार ठहराया जाता है। यह गैसलाइटिंग का दर्दनाक सच है।

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गैसलाइटिंग क्या है?

गैसलाइटिंग एक मानसिक शोषण का तरीका है, जहाँ व्यक्ति को जानबूझकर भ्रमित किया जाता है और उसकी वास्तविकता पर सवाल उठाया जाता है। यह धीरे-धीरे और चालाकी से किया जाता है, जिससे पीड़ित खुद को ही गलत और पागल समझने लगता है। 

पुरुषों को क्यों बदलने की जरूरत है?

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हालांकि गैसलाइटिंग किसी भी लिंग के लोग कर सकते हैं, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं को पुरुषों द्वारा गैसलाइटिंग का शिकार होना ज्यादा आम है। इसका एक कारण यह भी है कि पारंपरिक लैंगिक भूमिकाओं में महिलाओं को भावुक और कमजोर बताया जाता है, जबकि पुरुषों को तर्कसंगत और मजबूत माना जाता है। इस वजह से महिलाओं की बातों पर अक्सर यकीन नहीं किया जाता और पुरुष अपनी बात को सच साबित करने के लिए गैसलाइटिंग का सहारा लेते हैं।

गैसलाइटिंग के कुछ आम तरीके

वास्तविकता का तोड़-मरोड़: झूठ बोलना या घटनाओं को गलत तरीके से पेश करना, जिससे पीड़ित यह सोचने लगे कि उसकी याददाश कमजोर है या वह गलत समझ रही है।

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ब्लॉकिंग एंड विदहोल्डिंग: बातचीत बंद कर देना, प्यार और स्नेह दिखाना बंद कर देना, जिससे पीड़ित हार मान ले या अपनी गलती मान ले।

ट्राइएंगुलेशन: तीसरे व्यक्ति को रिश्ते में लाकर, जैसे दोस्त या परिवार, पीड़ित को अलग-थलग करना और गैसलाइटर की बात को मजबूत करना।

गेट्सलाइटिंग: पीड़ित की भावनाओं को कमतर आंकना या उसे भावुक कहकर उसकी बात को नकारना।

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गैसलाइटिंग चक्र: इन सब तरीकों का लगातार इस्तेमाल करना, जिससे पीड़ित खुद को गैसलाइटर पर निर्भर महसूस करने लगे और उससे छूटने का रास्ता न दिखे।

अगर आप गैसलाइटिंग का शिकार हो रही हैं, तो क्या करें?

पहचानें: गैसलाइटिंग के लक्षणों को पहचानना पहला कदम है। अगर आपको लगता है कि आपका पार्टनर या कोई करीबी आपका इस्तेमाल कर रहा है और आपको कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा है, तो सावधान हो जाएं।

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दूरियां बनाएं: अगर संभव हो, तो गैसलाइटर से दूरी बनाएं। कुछ समय के लिए अलग रहने से आपको अपने जीवन पर नियंत्रण हासिल करने में मदद मिल सकती है।

अपनों से बात करें: विश्वसनीय दोस्तों या परिवार के सदस्यों से बात करें। उनकी सलाह और समर्थन आपको गैसलाइटिंग से बाहर निकलने में मदद कर सकता है।

पेशेवर मदद लें: अगर आप खुद को अकेला और असहाय महसूस कर रही हैं, तो किसी थेरेपिस्ट या काउंसलर से मदद लें। वे आपको गैसलाइटिंग से उबरने और स्वस्थ रिश्ते बनाने में मदद कर सकते हैं।

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पुरुषों से अपील

हर महिला एक स्वतंत्र इंसान है, जिसका सम्मान किया जाना चाहिए। अगर आप सच में किसी से प्यार करते हैं, तो उसे नियंत्रित करने या हेरफेर करने की कोशिश ना करें। उसे उसकी पसंद, उसकी भावनाओं और उसकी वास्तविकता पर विश्वास करें।

यह समझें कि गैसलाइटिंग न सिर्फ रिश्ते को बर्बाद करती है, बल्कि पीड़ित का आत्मविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य भी खराब कर सकती है। इसलिए, आज ही गैसलाइटिंग को छोड़ने का फैसला लें। किसी को कमजोर दिखाने के लिए अपनी ताकत का इस्तेमाल ना करें, बल्कि साथ मिलकर एक मजबूत और स्वस्थ रिशता बनाने की कोशिश करें। आखिरकार, प्यार की नींव भरोसा, सम्मान और स्वतंत्रता पर टिकी होती है। गैसलाइटिंग को छोड़कर हम एक ऐसी दुनिया बना सकते हैं जहां हर प्यार सम्मानजनक और सशक्त हो। याद रखें, "तुम बेहतर लायक हो" सिर्फ महिलाओं के लिए नहीं, बल्कि सभी के लिए एक संदेश है।

प्यार Gaslighting गैसलाइटिंग
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