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वैशाख मास हिन्दू कैलेंडर का एक महत्वपूर्ण महीना है, जो विशेष रूप से धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। इस महीने में तुलसी की सेवा का विशेष महत्व है, जिसे धार्मिक ग्रंथों में भगवान विष्णु की पूजा से जुड़ा हुआ बताया गया है। तुलसी के पौधे को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है, और इसे माता के रूप में पूजा जाता है। इस लेख में हम जानेंगे कि वैशाख में तुलसी सेवा क्यों खास मानी जाती है, इसका धार्मिक महत्व, और इसके लाभ क्या हैं।
वैशाख में क्यों खास मानी जाती है तुलसी सेवा? जानिए धार्मिक महत्व
वैशाख मास का धार्मिक महत्व
वैशाख मास की महिमा पौराणिक ग्रंथों में प्रमुख रूप से वर्णित की गई है। इसे भगवान विष्णु का प्रिय माह माना जाता है और इस दौरान विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा का महत्व बढ़ जाता है। स्कंद पुराण और पद्म पुराण जैसे धार्मिक ग्रंथों में वैशाख माह के महत्व का विस्तार से उल्लेख किया गया है। इस महीने में हर अच्छे कार्य का फल कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए इस समय तुलसी का जल अर्पित करना और उसकी पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है।
तुलसी का धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में तुलसी को एक अत्यंत पवित्र और चमत्कारी पौधा माना जाता है। इसे भगवान विष्णु की पत्नी लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। तुलसी की सेवा से मनुष्य के पाप समाप्त हो जाते हैं और उसे पुण्य की प्राप्ति होती है। यह पौधा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह वातावरण को शुद्ध करने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। विशेष रूप से वैशाख मास में तुलसी की पूजा का महत्व बढ़ जाता है, क्योंकि इस महीने में किए गए कार्यों का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है। तुलसी के फायदे
वैशाख में तुलसी सेवा के लाभ
वैशाख में तुलसी सेवा करने के कई लाभ हैं। सबसे पहले, धार्मिक दृष्टिकोण से, तुलसी को भगवान विष्णु का प्रिय माना गया है। अगर कोई व्यक्ति इस समय तुलसी की पूजा करता है, तो उसे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। इसके साथ ही, तुलसी को जल अर्पित करने से पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-शांति का वास होता है। यह माना जाता है कि तुलसी का पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मन की शांति मिलती है।
दूसरे, स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से, तुलसी का सेवन और उसकी पूजा शरीर को संक्रमण से बचाने में सहायक होती है। तुलसी का पौधा में प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो वातावरण को शुद्ध करने के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होते हैं। इसके अलावा, तुलसी की पूजा से मानसिक शांति मिलती है, जिससे जीवन की तनावपूर्ण स्थितियों में राहत मिलती है।
वैशाख में तुलसी पूजा का सही तरीका
वैशाख मास में तुलसी पूजा करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले, तुलसी के पौधे को साफ रखें और उसे नियमित रूप से जल दें। सुबह के समय स्नान के बाद तुलसी के पौधे को ताम्रपात्र से जल अर्पित करें और उसके पास दीपक जलाएं। साथ ही, "ॐ तुलस्यै नमः" मंत्र का जाप करें। तुलसी को कभी भी मांसाहार या शराब के पास न रखें, क्योंकि यह उसे अशुद्ध कर देता है। तुलसी का पूजन रविवार और पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
वैज्ञानिक कारण
वैशाख में तुलसी की पूजा करने का एक वैज्ञानिक पहलू भी है। तुलसी पौधा अपने आस-पास के वातावरण को शुद्ध करता है और ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाता है। यह वायु में से हानिकारक गैसों को अवशोषित करके शुद्ध हवा प्रदान करता है, जो शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। इसके अलावा, तुलसी में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण वातावरण से विषाणुओं और बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद करते हैं, जिससे घर में स्वच्छता बनी रहती है।