Negativity in Relationship: हमेशा नकारात्मक बने रहने से रिश्तों में हो सकती हैं ये दिक्कतें

रिश्तों में प्यार, समझदारी, भरोसा और साझेदारी के साथ सकारात्मकता भी बेहद जरूरी है। लेकिन अगर आप रिश्तों में हमेशा नकारात्मक भाव रखते हैं या केवल गलत सोचते हैं तो यह आपके रिश्ते को खत्म कर सकता है।

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Kirti Sirohi
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Negativity in relationship

Image: (Freepik )

Always Being Negative Can Cause These Problems In Relationships: रिश्तेबेहद संवेदनशील होते हैं जो थोड़ा प्यार, थोड़ी समझ, अपनेपन का एहसास और थोड़ा प्रोत्साहन मांगते हैं। दो लोग जब आपस में मिलते हैं, साथ वक्त गुजरते हैं, एक-दूसरे का हर परिस्थिति में साथ निभाते हैं तो ये ज्यादा गहरे और मजबूत बनते हैं। लेकिन अगर आप रिश्तों में हमेशा नकारात्मकता दर्शाते हैं, कभी किसी बात को सही नहीं देखते या सकारात्मक रवैया नहीं दिखाते तो यही रिश्ते कड़वे और मानसिक रूप से थका देने वाले बन जाते हैं। जानिए ऐसी ही दिक्कतें जो आपके नकारात्मक बने रहने से आपके रिश्तों में हो सकती हैं।

नकारात्मकता से रिश्तों में दिक्कत

बातचीत में आएगी परेशानी

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जब आप अपने साथी के साथ रिश्ते में सकारात्मकता नहीं रखते या किसी तरह से एक आलोचक की भूमिका निभाने लगते हैं तो आपका साथी आपसे खुलकर बात करना पसंद नहीं करता, वह आपके संपर्क में रहने से भी कतराने लगता है, जिससे आपके बीच बातचीत में समस्याएं उत्पन्न होने की संभावना बढ़ जाती है और रिश्तों में दूरियां आने लगती हैं।

आत्मीयता घटेगी

रिश्तों में हमेशा नकारात्मक बातें करने, गलत सोचने या बोलने से आपके बीच भावनात्मक और शारीरिक दूरियां पैदा होती हैं और नजदीकियां भी कम होने लगती हैं। यह आपसी झगड़ों को बढ़ावा देता है और आपका साथी आपसे जुड़ाव कम करने की सोचने लगता है, जो आपके रिश्तों को कमजोर बना देता है।

सोशल आइसोलेशन

जब कोई भी इंसान एक रिश्ते में खुश होता है या सकारात्मक रहता है तो वह समाज के साथ भी अच्छे रिश्ते निभाता है। लेकिन अगर आपके अपने साथी के साथ ही रिश्ते ठीक नहीं हों और उनमें हर समय नकारात्मकता ही रहे तो आप खुद को समाज, दोस्तों और अन्य लोगों से भी जुदा कर लेते हैं और किसी भी सोशल एक्टिविटी में हिसा लेने से बचते हैं। साथ ही किसी से मिलने या रिश्ते निभाने की ख्वाहिश आपके अंदर नहीं रह जाती है।

विश्वास घटता है

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रिश्ते में विश्वास का होना बेहद जरूरी है। यह वो पहलू है जो दो लोगों को आपस में एक-दूसरे पर निर्भर करने, प्यार और इज्जत को बढ़ाने में मदद करता है। लेकिन जब आप अपने रिश्ते में हमेशा नकारात्मक सोच को लेकर चलते हैं तो आपके साथी का आपसे भरोसा भी टूटने लगता है और रिश्ते की नींव भी कमजोर होने लगती है।

झगड़े और गलतफहमियां बढ़ती हैं

थोड़ी सी नकारात्मकता भी अच्छे से अच्छे इंसान को सोचने के लिए मजबूर कर सकती है कि सामने वाले के साथ रहें या न रहें। ऐसे में जब रिश्तों में आपका साथी हमेशा नकारात्मक रहे या आपकी तरफ से इसे झेले तो यह लड़ाई, झगड़ों और गलतफहमियां को बढ़ावा देता है जिससे रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच सकता है।

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