क्या सच में Trust Issues से टूट जाती है दोस्ती?

रिश्ते में विश्वास की डोर कमजोर पड़ने लगती है, तो वह रिश्ता धीरे-धीरे टूटने की कगार पर आ जाता है। ट्रस्ट इश्यूज़ कई बार छोटी-छोटी गलतफहमियों, धोखे, झूठ या अधूरी बातचीत के कारण पैदा हो सकते हैं।

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Anjali Mishra
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Trust issues

Trust issues Photograph: (Freepik)

Can trust issues lead to friendship breakups: ट्रस्ट किसी भी रिश्ते की बुनियाद होता है फिर चाहे वो प्यार हो, फैमिली रिलेशन हो या दोस्ती। दोस्ती खासतौर पर एक ऐसा रिश्ता है जो बिना किसी खून के रिश्ते के भी उतना ही मजबूत हो सकता है, जितना कि परिवार। लेकिन जब इसी रिश्ते में विश्वास की डोर कमजोर पड़ने लगती है, तो वह रिश्ता धीरे-धीरे टूटने की कगार पर आ जाता है। ट्रस्ट इश्यूज़ कई बार छोटी-छोटी गलतफहमियों, धोखे, झूठ या अधूरी बातचीत के कारण पैदा हो सकते हैं। एक बार अगर किसी दोस्त को यह महसूस होने लगे कि दूसरा उसकी बातों को समझ नहीं रहा, उसका साथ नहीं दे रहा, या पीठ पीछे उसके बारे में कुछ गलत बोल रहा है, तो भरोसे की दीवार में दरार पड़ने लगती है। ये दरार समय के साथ बढ़ती जाती है और अगर समय रहते इसे ठीक नहीं किया गया, तो वही दोस्ती जो कभी मजबूत सहारा हुआ करती थी, खत्म हो जाती है। इसीलिए ज़रूरी है करीबी चीजों को अपने पास रखना और संभालना।

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सच में क्या trust issues से दोस्ती टूट सकती है?

1. गलतफहमियों का बढ़ना

ट्रस्ट की कमी से लोग खुलकर बात नहीं करते, जिससे बातों को तोड़-मरोड़ कर समझा जाता है, अफवाहों पर विश्वास किया जाता है, और सच्चाई सामने आने से पहले रिश्ता खत्म हो जाता है। इसीलिए ज़रूरी है गलतफहमियों को दूर करना और खुलकर बात करना।

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2. भरोसा डगमगाना

जब किसी दोस्त पर विश्वास नहीं होता, तो दोस्ती का आधार ही कमजोर पड़ने लगता है। कोई सीक्रेट शेयर नहीं करना। हर बात में शक करना। ये सोच लेना कि सामने वाला झूठ बोल रहा है। सामने वाला दोस्त खुद को विश्वास के काबिल न समझने से आहत महसूस करता है।

3. पुरानी बातों का असर

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कई बार इंसान को पहले किसी ने धोखा दिया होता है, तो वह हर नये रिश्ते में इनसिक्योर महसूस करता है। उसे डर लगता है कि फिर कोई छोड़ जाएगा या धोखा देगा। ये डर नए दोस्त पर शक और उनसे दूरी में बदल जाता है। ये trust issue सामने वाले की गलती नहीं होते हुए भी उस पर उतर जाता है जिससे रिश्ते खराब हो जाते हैं।

4. कंट्रोल करना

कभी-कभी ट्रस्ट की कमी इस हद तक पहुँच जाती है कि एक दोस्त दूसरे की आज़ादी पर नज़र रखने लगता है। तरह तरह के सवाल जैसे "कहाँ जा रहे हो", "किससे मिल रहे हो", "फोन क्यों नहीं उठाया?" जैसी बातें रिलेशनशिप को घुटन जैसा बना देती हैं।

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5. माफ़ न करना

अगर एक दोस्त से कोई गलती हुई हो और दूसरा उसे बार-बार याद दिलाए, तो वो इंसान गिल्टी फील करने लगता है। एक वक्त के बाद वह सोचता है कि इस रिश्ते में आगे बढ़ना पॉसिबल नहीं है। ऐसा रिश्ता हील करने की बजाय दर्द देता है।

कंट्रोल भरोसा पुरानी ट्रस्ट