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Relationship में प्रोटेक्टिव और पजेसिव के बीच अंतर कैसे समझें?

अक्सर देखभाल अगर अधिक बढ़ जाती है तो यह हमें प्रोटेक्टिव और पजेसिव के बीच का अंतर समझना जरूरी हो जाता है। प्रोटेक्टिव और पजेसिव के बीच के इस अंतर को समझना रिश्ते की गुणवत्ता और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।

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Sneha yadav
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Relationship

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Understanding the Difference Between Being Protective and Possessive in Relationships: प्यार, देखभाल, और सुरक्षा की भावना रिश्ते में आती है। जब हम किसी के साथ रिश्ते में होते हैं, तो उसकी सुरक्षा, भलाई, और खुशी का ध्यान रखना किसी ज़िमेदारी से कम नहीं होती।अक्सर यही देखभाल अगर अधिक बढ़ जाती है तो यह हमें प्रोटेक्टिव और पजेसिव के बीच का अंतर समझना जरूरी हो जाता है। प्रोटेक्टिव और पजेसिव के बीच के इस अंतर को समझना रिश्ते की गुणवत्ता और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। तो आइए जानते है Relationship में प्रोटेक्टिव और पजेसिव के बीच अंतर कैसे समझे?

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रिश्ते में प्रोटेक्टिव होना क्या है?

रिश्ते में प्रोटेक्टिव व्यक्ति अपने पार्टनर की सुरक्षा के बारे में चिंतित रहता है। वह नहीं चाहता कि उसके पार्टनर को किसी भी तरह से नुकसान पहुंचे। पार्टनर के personal space और Freedom का सम्मान करता है। वह उसे अपने तरीके से जीने की आज़ादी देता है। वह पार्टनर को हर मुश्किल समय में encourag करता है और उनके सपनों को समर्थन देता है। यह प्रेरित करता है कि पार्टनर खुद पर विश्वास करे और नए लक्ष्य हासिल करे।

रिश्ते में पजेसिव होना क्या है?

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रिश्ते में पजेसिव व्यक्ति अपने पार्टनर की गतिविधियों, विचारों और समय को कंट्रोल करने का प्रयास करता है। वह चाहता है कि उसका पार्टनर हमेशा उसी के अनुसार चले। पजेसिव व्यक्ति अपने पार्टनर को अन्य लोगों के साथ संबंधों को असुरक्षित महसूस करता है। वह यह सोच सकता है कि कोई और व्यक्ति उसके पार्टनर के प्रति आकर्षित हो सकता है, जिससे ईर्ष्या और संदेह उत्पन्न होता है।

प्रोटेक्टिव और पजेसिव के बीच मुख्य अंतर

1. नियंत्रण बनाम समर्थन

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प्रोटेक्टिव पार्टनर अपने पार्टनर समर्थन देकर उनकी स्वतंत्रता को बढ़ावा देता है। वही अगर बात करे पजेसिव पार्टनर की तो पार्टनर पर नियंत्रण रखकर उनकी स्वतंत्रता को सीमित करता है।

2. भरोसा बनाम संदेह

प्रोटेक्टिव पार्टनर अपने पार्टनर पर भरोसा करता है और उनकी सुरक्षा की चिंता करता है।वही पजेसिव पार्टनर अपने साथी पर संदेह करता है और इसलिए उसे नियंत्रित करना चाहता है।

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3. स्वतंत्रता बनाम नियंत्रण

प्रोटेक्टिव पार्टनर अपने पार्टनर को अपनी इच्छानुसार कार्य करने की स्वतंत्रता देता है, और पजेसिव पार्टनर अपने पार्टनर की गतिविधियों को नियंत्रित करता है ताकि वह रिश्ते में हमेशा उसके साथ ही रहे।

4. सकारात्मक बनाम नकारात्मक 

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प्रोटेक्टिव पार्टनर अपने पार्टनर को खुश और सुरक्षित देखने की सकारात्मक भावना रखता है। पजेसिव पार्टनर अपने पार्टनर को खोने के डर से नकारात्मकता और ईर्ष्या से भरा होता है।

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