Talk First Touch Later: बेहतर सेक्स लाइफ के लिए खुलकर बात करें

सेक्स केवल शारीरिक संबंध नहीं है यह दो लोगों के बीच विश्वास समझ और भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक भी है। बहुत से रिश्तों में सेक्स लाइफ प्रभावित होती है उसका एक बड़ा कारण है खुलकर संवाद ना होना।

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Sanya Pushkar
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Talk First Touch Later Open Communication for a Better Sex Life: सेक्स केवल शारीरिक संबंध नहीं है यह दो लोगों के बीच विश्वास समझ और भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक भी है। बहुत से रिश्तों में सेक्स लाइफ प्रभावित होती है उसका एक बड़ा कारण है खुलकर संवाद ना होना। जब कपल्स एक दूसरे से अपनी भावनाओं इच्छाओं और सीमाओं को स्पष्ट रूप से नहीं बताते तो गलतफहमियाँ और असंतोष उत्पन्न होता है। इसलिए यह ज़रूरी है कि शारीरिक संबंध बनाने से पहले एक दूसरे से बात की जाए

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बेहतर सेक्स लाइफ के लिए खुलकर बात करें

1. संवाद से बढ़ता है आपसी विश्वास

जब पार्टनर एक दूसरे से बिना झिझक अपनी पसंद नापसंद डर और इच्छाओं को साझा करते हैं तो एक गहरा विश्वास बनता है। यह विश्वास ही सेक्स को ज़बरदस्ती या संकोच का नहीं बल्कि दोनों की सहमति का हिस्सा बनाता है। भरोसा जब मजबूत होता है तब सेक्स केवल शारीरिक नहीं बल्कि भावनात्मक अनुभव बन जाता है।

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2. सहमति को बनाएं पहली प्राथमिकता

सहमति हर रिश्ते में अनिवार्य है। बिना बात किए कोई यह नहीं जान सकता कि सामने वाला तैयार है या नहीं। खुली बातचीत से यह स्पष्ट हो जाता है कि दोनों पार्टनर एक ही पेज पर हैं या नहीं। सहमति सिर्फ हाँ कहना नहीं होती बल्कि खुशी और सहजता से हाँ कहना होती है।

3. गलतफहमियाँ कम होती हैं

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कई बार एक पार्टनर कुछ उम्मीद करता है और दूसरा कुछ और समझता है। बिना बात किए, यह असंतुलन तनाव और नाराज़गी का कारण बन सकता है। जब आप खुलकर बात करते हैं तो यह क्लियर हो जाता है कि दोनों की उम्मीदें क्या हैं और कोई भ्रम नहीं रहता।

4. एक दूसरे की सीमाओं की इज्जत करना सीखें

हर इंसान की शारीरिक और मानसिक सीमाएँ अलग होती हैं। किसी को कुछ पसंद है तो किसी को नहीं। अगर आप पहले बात नहीं करेंगे तो आप सामने वाले की सीमाओं को कैसे जान पाएँगे बात करने से यह जानने का मौका मिलता है कि आपके साथी को क्या असहज करता है और क्या पसंद आता है।

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5. इमोशनल कनेक्शन होता है गहरा

जब दो लोग बिना शर्म या डर के अपनी सेक्स लाइफ पर बात करते हैं तो वे सिर्फ शरीर से नहीं दिल से भी जुड़ते हैं। यह भावनात्मक जुड़ाव सेक्स को एक खुशनुमा और प्यार भरा अनुभव बनाता है ना कि केवल एक क्रिया। सेक्स लाइफ को स्वस्थ और संतुलित बनाए रखने के लिए सिर्फ शारीरिक स्पर्श काफी नहीं है उससे पहले ज़रूरी है खुला ईमानदार और संवेदनशील संवाद

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