लव मैरिज से पहले फाइनेंशियल बातें जो कपल्स को करनी चाहिए

लव मैरिज में सिर्फ प्यार नहीं, आर्थिक स्थिरता भी जरूरी है। शादी से पहले पैसों को लेकर खुलकर चर्चा करें, खर्चों, बचत और जिम्मेदारियों को समझें ताकि भविष्य में कोई परेशानी न हो!

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Vaishali Garg
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Failure Of Love Marriage (Punjab Keshari)

Financial Conversations You Must Have Before Love Marriage: love marriage love प्यार में पैसा सब कुछ नहीं होता, लेकिन प्यार को टिकाऊ और स्थिर बनाए रखने के लिए आर्थिक स्थिरता बेहद ज़रूरी होती है। जब दो लोग शादी का फैसला लेते हैं, तो वे सिर्फ एक-दूसरे की ज़िंदगी में नहीं आते, बल्कि उनके वित्तीय फैसले भी एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। खासतौर पर लव मैरिज में, जहां परिवार की आर्थिक सुरक्षा का सहारा नहीं होता, वहां शादी से पहले पैसों पर खुलकर बात करना जरूरी हो जाता है। लेकिन सवाल ये है कि क्या आप और आपका पार्टनर इस विषय पर खुलकर बात कर पाएंगे?

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क्या शादी के बाद वित्तीय जिम्मेदारियां बदल जाएंगी?

अक्सर ऐसा देखा गया है कि शादी से पहले कपल्स पैसों की बात को टाल देते हैं, यह सोचकर कि "हम प्यार करते हैं, बाकी चीजें खुद संभल जाएंगी।" लेकिन सच्चाई यह है कि शादी के बाद दोनों की आर्थिक ज़िम्मेदारियां बदल जाती हैं। खर्च, सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट्स को लेकर अगर सही समय पर बातचीत नहीं की गई, तो यह रिश्ते में तनाव का कारण बन सकता है।

अगर आप दोनों वर्किंग हैं, तो क्या शादी के बाद खर्चे बराबर बांटे जाएंगे? क्या एक पार्टनर की सैलरी दूसरे की तुलना में ज्यादा होने पर खर्चों का बंटवारा अलग होगा? अगर शादी के बाद कोई एक पार्टनर जॉब छोड़ना चाहता है, तो क्या इसकी आर्थिक योजना पहले से तैयार है? ये सारे सवाल भविष्य में आपके रिश्ते को स्थिर बनाए रखने के लिए बेहद ज़रूरी हैं।

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क्या आपका पार्टनर कर्ज़ और बचत के मामले में पारदर्शी है?

अगर आपका पार्टनर किसी लोन या कर्ज़ में है, तो क्या उसने आपको इसके बारे में बताया है? लोन लेना गलत नहीं है, लेकिन अगर आप शादी के बाद पता लगाएं कि आपके जीवनसाथी के ऊपर भारी कर्ज़ है, तो यह आपके आर्थिक और मानसिक शांति को प्रभावित कर सकता है। इसलिए शादी से पहले इस पर चर्चा करना बहुत ज़रूरी है।

साथ ही, यह भी जानना ज़रूरी है कि आपका पार्टनर पैसे को लेकर कितना जिम्मेदार है। क्या वह हर महीने सेविंग करता है या पूरा पैसा खर्च कर देता है? अगर एक व्यक्ति सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट में विश्वास रखता है, लेकिन दूसरा हर महीने पूरी सैलरी खर्च कर देता है, तो यह भविष्य में संघर्ष का कारण बन सकता है।

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क्या आप दोनों भविष्य की फाइनेंशियल प्लानिंग कर रहे हैं?

क्या आप दोनों ने मिलकर यह सोचा है कि शादी के बाद आर्थिक रूप से कैसे आगे बढ़ेंगे? क्या आप घर खरीदना चाहते हैं, या किराए के मकान में रहना पसंद करेंगे? बच्चों की पढ़ाई, मेडिकल इमरजेंसी और रिटायरमेंट जैसी चीजों के लिए क्या कोई प्लानिंग की गई है?

अगर एक व्यक्ति फाइनेंशियल प्लानिंग में विश्वास रखता है और दूसरा "जो होगा देखा जाएगा" वाले रवैये में रहता है, तो यह आगे चलकर रिश्ते में परेशानी का कारण बन सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि शादी से पहले ही इन चीजों पर खुलकर बात कर ली जाए।

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क्या पैसों को लेकर झगड़े से बचा जा सकता है?

शादी के बाद पैसे को लेकर झगड़े होना आम बात है, लेकिन अगर आप पहले से ही एक-दूसरे की सोच और आदतों को समझ लें, तो इन झगड़ों से काफी हद तक बचा जा सकता है। ओपन कम्युनिकेशन, बजट प्लानिंग और समझदारी से पैसे खर्च करने की आदत आपके रिश्ते को और मजबूत बना सकती है।

लव मैरिज एक खूबसूरत सफर होता है, लेकिन इसे खुशहाल और स्थिर बनाए रखने के लिए प्यार के साथ-साथ आर्थिक समझदारी भी ज़रूरी है। इसलिए, अगर आपने शादी का फैसला ले लिया है, तो अब यह भी तय कर लीजिए कि आप दोनों इस रिश्ते को आर्थिक रूप से भी मजबूत बनाएंगे

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