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रिलेशनशिप्स की बात करें तो, मीडिया रेप्रेसेंटेशन लगभग हमेशा पॉजिटिव और ‘हैप्पी एवर आफ्टर’ वाले कहानियाँ दिखती हैं। माता पिता और बड़े भी शादी और लॉन्ग टर्म रिलेशनशिप्स के बारे में केवल पॉज़िटिव चीज़े बोलते हैं। पर हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। ऐसा नहीं है की रिलेशनशिप या शादी बुरा है। बस हमें इसके कुछ नेगेटिव साइड के लिए भी अपने आप को तैयार रखना चाहिए, ताकि हम इससे अच्छे से निपट सके। वह क्या कठोर सत्य हैं जिनके बारे में कोई बात नहीं करता, जानने के लिए आगे पढ़ें।
लॉन्ग टर्म रिलेशनशिप के बारे में कठोर सत्य जिनके बारे में कोई बात नहीं करता है:
1. पार्टनर के बदलाव को रोका नहीं जा सकता है
हमारा दुनिया हर दिन बदलता है। और बदलती दुनिया में बदलाव ज़रूरी है। इसलिए आप बदलेंगे, आपका पार्टनर बदलेगा और आपके रिलेशनशिप में भी बदलाव आएगा। आप दोनों स्थिति के अनुसार अपने आप को एडजस्ट करेंगे और इसलिए आप दोनों ही बदलेंगे।
समस्या यह है की हमें अपने पार्टनर के बदलाव तो दिखती है, पर अपने बदलाव नहीं। कई बार अपने पार्टनर के बदलाव को देख कर हम क्रोधित या इनसिक्योर हो जाते हैं। लॉन्ग टर्म रिलेशनशिप्स में सबको बदलाव के लिए तैयार होना चाहिए।
2. पार्टनर पर अचेतनिक कण्ट्रोल
रिलेशनशिप के एक स्तर पर आप और आपका पार्टनर पाएंगे की आप दोनों ने अपने मर्ज़ी चलाने के लिए एक दूसरे पर कंट्रोल पाने के लिए सबकॉन्शियसली ही सही। ज़रूरी नहीं है की यह एक बुरी चीज़ है, पर अगर आप यह एहसास करते हैं, तो आपको कॉन्शियसली अपने पार्टनर पर नियंत्रण करने का प्रयास कम करना चाहिए। इससे रिलेशनशिप को टॉक्सिक होने से रोका जा सकता है।
रिलेशनशिप में दोनों पार्टनर स को अपने इंडिवीडुअलिटी को बनाए रखना चाहिए।
3. कोम्प्रोमाईज़ और सैक्रिफाइस
दो लोग सौ प्रतिशत समान नहीं हो सकते। बहुत सारे टॉपिक पर आपका और आपके पार्टनर की अनबन होगी। आप दोनों असहमत होंगे। इससे निपटने के लिए आप दोनों को कोम्प्रोमाईज़ और सैक्रिफाइस करने होंगे। आप दोनों को बीच का रास्ता निकलना होगा।
ऐसा हो सकता है की आप इन कोम्प्रोमाईज़ से खुश न हो, या संतुष्ट न हो। पर एक रिलेशनशिप को चलने के लिए दोनों पार्टनर्स को कोम्प्रोमाईज़ करनी पड़ती है।
4. उम्मीद और अपेक्षा दुख का कारण बनते हैं
यह बहुत ही नॉर्मल है की जब आप एक नए रिश्ते में बंधते हैं, हम रिश्ते से और उस इंसान से उम्मीदें और अपेक्षाएँ रखने लगते हैं। पर बहुत सारे उमीदे अधूरे रहेंगे, ख़ासकर अगर आप अपने उमीदों के बारे में खुल कर बात न करें। उदाहरण के लिए, हो सकता है की आप उम्मीद कर रहे हैं की आप दोनों सालगिरह या जन्मदिन साथ में, स्पेशल तरीके से मनाए, पर आपने कुछ कहा नहीं, तो हो सकता है कि आपका पार्टनर घर पर आराम करना चाहे और कुछ ख़ास न करे। इससे आपको ठेस पहुंच सकती है। ऐसी चीज़ो के लिए तैयार रहे।
5. आपके एक्शन्स मायने रखते हैं
आपके शब्द बहुत मायने रखते हैं, पर उससे भी ज़्यादा आपके एक्शन्स, आपके कार्य मायने रखते हैं। अगर आप कहते हैं की आप अपने पार्टनर को सपोर्ट करते हैं, तो आपको यह कर के दिखाना होगा। अगर आप कुछ वादा करते हैं आपको उसे पूरा करना होगा। और आपके पार्टनर पर भी यही बातें लागू होती हैं।