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Relationship Advice: रिश्तों में संवाद कैसे सुधारें? जानें 5 आसान तरीके

बातचीत के दौरान हम जिन शब्दों का चयन करते हैं उससे हमारे संदेश पर प्रभाव पड़ता है क्योंकि शब्दों की गंभीरता हमारे रिश्तों में बड़ी भूमिका निभाती है। इसलिए जब भी बात करें, शब्दों का चयन सोच-समझकर करें। जानें अधिक इस ब्लॉग में -

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Vaishali Garg
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One-sided relationship

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How To Improve Communication In Relationship? किसी भी रिश्ते को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए आपस में संवाद का होना बेहद जरूरी है क्योंकि संवाद वह कुंजी है जो लोगों को अपने रिश्ते को उस स्तर तक ले जाने में मदद कर सकती है जहां विश्वास, समझ और खुलापन हो। यह वह दिशासूचक है जो रिश्ते में आए उतार-चढ़ाव के प्रति मार्गदर्शन करता है। साथ ही एक-दूसरे के प्रति भावनाओं और अपेक्षाओं को नेविगेट करने में मदद भी करता है।

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रिश्तों में संवाद सुधारने के 5 आसान तरीके

रिश्तों में संवाद को बेहतर बनाना कई लोगों के लिए एक बड़ी बाधा है, लेकिन इन 5 तरीकों से आप अपने संवाद को सुधार सकते हैं।

1. एक-दूसरे का सम्मान करें

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किसी भी रिश्ते के सफल होने का आधार एक-दूसरे का सम्मान करना होता है। यदि किसी रिश्ते में आप सामने वाले का अपमान करते हैं तो उससे रिश्तों में तनाव और दूरी का आना शुरू हो जाता है जिससे रिश्ते बिगड़ जाते हैं। इसलिए हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि जब भी संवाद करें, एक-दूसरे का सम्मान अवश्य करें।

2. बाधाओं को तोड़ें

किसी भी रिश्ते में खुलेपन का होना आवश्यक है। संवाद में बाधाओं के लिए कोई जगह नहीं होती। खुलकर बात न रखने से रिश्तों में दरार आती है, तो आवश्यक है कि जब भी संवाद करें, अपनी भागीदारी अवश्य दें। इससे सामने वाले को अपनी बात खुलकर करने का प्रोत्साहन मिलेगा।

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3. भाषा का चयन सोच-समझकर करें

बातचीत के दौरान हम जिन शब्दों का चयन करते हैं उससे हमारे संदेश पर प्रभाव पड़ता है क्योंकि शब्दों की गंभीरता हमारे रिश्तों में बड़ी भूमिका निभाती है। इसलिए जब भी बात करें, शब्दों का चयन सोच-समझकर करें।

4. अच्छे श्रोता बनें

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बात करते वक्त यह जरूर ध्यान रखें कि आप एक श्रोता भी हैं। एक अच्छे संवाद की पहचान वही होती है जहां एक-दूसरे की बातों को ध्यानपूर्वक सुना जाता हो न कि अपनी ही बातों को सिर्फ बोला जाता हो।

5. वर्तमान में रहें

रिश्तों में संवाद वर्तमान में ही रहना चाहिए क्योंकि अतीत में जाने से वर्तमान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। किसी भी बात में अतीत का हवाला देना एक बड़ी बहस का संकेत देने जैसा है, जिससे रिश्तों पर बुरा असर पड़ता है।

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सूचना: इस आलेख को केवल संपादित किया गया है। मौलिक लेखन रूमा का है।

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