Toxic Relationship: कैसे टॉक्सिक रिश्ते में धीरे-धीरे महिलाएं अपनी पहचान खोने लग जाती हैं?

टॉक्सिक रिश्ते में महिलाएं धीरे-धीरे अपनी पहचान खोने लगती हैं क्योंकि उनके साथी उन्हें नियंत्रित करने और उनकी आत्म-विश्वास को तोड़ने की कोशिश करते हैं।

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Shivalika Srivastava
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Photograph: (File Image )

How Women lose Their Identity in Toxic Relationship?: टॉक्सिक रिश्ते में महिलाएं धीरे-धीरे अपनी पहचान खोने लगती हैं क्योंकि उनके साथी उन्हें नियंत्रित करने और उनकी आत्म-विश्वास को तोड़ने की कोशिश करते हैं। शुरुआत में, ये बदलाव छोटे और सूक्ष्म हो सकते हैं, लेकिन समय के साथ, वे महिलाओं की आत्म-धारणा और पहचान को पूरी तरह से बदल सकते हैं। टॉक्सिक रिश्ते में महिलाएं अक्सर अपने साथी की जरूरतों और इच्छाओं को अपनी जरूरतों और इच्छाओं से ऊपर रखती हैं। वे अपने साथी को खुश करने के लिए अपनी पसंद और नापसंद को बदलने लगती हैं। इससे उनकी अपनी पहचान और आत्म-विश्वास कम होने लगता है। इसके अलावा, टॉक्सिक रिश्ते में महिलाएं अक्सर अपने साथी के द्वारा नियंत्रित और दबाव में रखी जाती हैं। उन्हें अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने की अनुमति नहीं दी जाती है, और उन्हें अपने साथी की बात मानने के लिए मजबूर किया जाता है। इससे उनकी आत्म-विश्वास और पहचान कम होने लगती है। धीरे-धीरे, महिलाएं अपनी पहचान और आत्म-विश्वास खोने लगती हैं और वे अपने साथी पर निर्भर हो जाती हैं। वे अपने निर्णय लेने की क्षमता खो देती हैं और अपने साथी के निर्णयों पर निर्भर हो जाती हैं। इससे उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता और आत्म-निर्णय क्षमता कम हो जाती है। इसलिए, टॉक्सिक रिश्ते में महिलाओं को अपनी पहचान और आत्म-विश्वास को बचाने के लिए प्रयास करना चाहिए। उन्हें अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने की अनुमति देनी चाहिए और अपने निर्णय लेने की क्षमता को बनाए रखना चाहिए।

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कैसे टॉक्सिक रिश्ते में धीरे-धीरे महिलाएं अपनी पहचान खोने लगा जाती हैं?

आइए जानते हैं कि कैसे टॉक्सिक रिलेशन में महिलाएं धीरे - धीरे अपनी पहचान खोने लग जाती हैं 

1.आत्म-विश्वास का ह्रास

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टॉक्सिक रिश्ते में महिलाएं अपने आत्म-विश्वास को खोने लगती हैं। उनके साथी उन्हें नीचा दिखाने और उनकी आलोचना करने लगते हैं, जिससे वे अपने बारे में बुरा महसूस करने लगती हैं।

2.नियंत्रण और दबाव

टॉक्सिक रिश्ते में महिलाएं अक्सर अपने साथी के द्वारा नियंत्रित और दबाव में रखी जाती हैं। उन्हें अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने की अनुमति नहीं दी जाती है, और उन्हें अपने साथी की बात मानने के लिए मजबूर किया जाता है।

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3.अपनी जरूरतों का त्याग

टॉक्सिक रिश्ते में महिलाएं अक्सर अपनी जरूरतों और इच्छाओं को त्यागने लगती हैं। वे अपने साथी को खुश करने के लिए अपनी पसंद और नापाग़रद को बदलने लगती हैं।

4.स्वतंत्रता का ह्रास

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टॉक्सिक रिश्ते में महिलाएं अपनी स्वतंत्रता खोने लगती हैं। उन्हें अपने निर्णय लेने की अनुमति नहीं दी जाती है, और उन्हें अपने साथी के निर्णयों पर निर्भर रहना पड़ता है।

5.आत्म-भाषा का ह्रास

टॉक्सिक रिश्ते में महिलाएं अपनी आत्म-भाषा खोने लगती हैं। वे अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने में असमर्थ हो जाती हैं और अपने साथी की बातों को मानने लगती हैं।

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