Intimacy After Baby: बच्चे के बाद की नज़दीकियाँ क्या सामान्य है?

जब एक जोड़ा माता पिता बनता है तो यह जीवन का एक खूबसूरत लेकिन चुनौतीपूर्ण मोड़ होता है। एक नए जीवन का स्वागत करते समय कई भावनात्मक शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं।

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Sanya Pushkar
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Photograph: (pinterest )

Intimacy After Having a Baby Whats Normal in Postpartum Relationships: जब एक जोड़ा माता पिता बनता है तो यह जीवन का एक खूबसूरत लेकिन चुनौतीपूर्ण मोड़ होता है। एक नए जीवन का स्वागत करते समय कई भावनात्मक शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं। इन बदलावों का सीधा असर पति पत्नी के आपसी रिश्तों खासकर भावनात्मक और शारीरिक नज़दीकियों पर पड़ता है। सवाल उठता है बच्चे के जन्म के बाद जो अंतरंगता में बदलाव आता है क्या वह सामान्य है

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बच्चे के बाद की नज़दीकियाँ क्या है सामान्य

1. शारीरिक बदलाव और अंतरंगता पर असर

बच्चे के जन्म के बाद महिला के शरीर में कई प्रकार के शारीरिक परिवर्तन होते हैं। हार्मोनल असंतुलन प्रसव के घावों की रिकवरी थकावट और स्तनपान जैसी प्रक्रियाएं महिला के शरीर को समय देने की मांग करती हैं। इन कारणों से यौन इच्छा में कमी आना या अंतरंगता में दूरी आना सामान्य बात है। पुरुष साथी को भी इस समय धैर्य रखना चाहिए और समझना चाहिए कि महिला को रिकवरी के लिए समय चाहिए। यह एक अस्थायी चरण होता है जिसे प्यार और समझ से संभाला जा सकता है।

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2. भावनात्मक उतार चढ़ाव और मानसिक स्वास्थ्य

माँ बनने के बाद महिलाओं को अक्सर बेबी ब्लूज़ या कभी कभी पोस्टपार्टम डिप्रेशन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मानसिक थकान जिम्मेदारियों का बोझ और स्वयं की पहचान में बदलाव एक महिला को भीतर से झकझोर सकते हैं। इस समय पति पत्नी के बीच भावनात्मक जुड़ाव बनाना बेहद ज़रूरी है। अगर भावनात्मक संतुलन बना रहेगा तो धीरे धीरे शारीरिक नज़दीकियाँ भी सामान्य होने लगेंगी।

3. समय और प्राथमिकताओं में बदलाव

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बच्चा आने के बाद पूरा ध्यान उसकी देखभाल पर केंद्रित हो जाता है। पहले जहाँ कपल्स को एक दूसरे के लिए भरपूर समय होता था वहीं अब हर पल बच्चे की ज़रूरतों से जुड़ा होता है। इससे आपसी बातचीत स्पर्श या अंतरंग क्षणों में कमी आ सकती है। ऐसे में दोनों को मिलकर समय निकालने का प्रयास करना चाहिए चाहे वो एक साथ बैठकर चाय पीना हो या कुछ देर अकेले समय बिताना। यह छोटे प्रयास रिश्ते में नई ऊर्जा भरते हैं।

4. संवाद और आपसी समझ की भूमिका

अक्सर कपल्स अपने मन की बातें दबा लेते हैं जिससे गलतफहमियाँ बढ़ती हैं। बच्चे के बाद बदलते जीवन में खुलकर संवाद करना बहुत आवश्यक है। पति पत्नी को एक दूसरे से यह कहना चाहिए कि वे क्या महसूस कर रहे हैं चाहे वो थकान हो डर हो या अकेलापन। जब आपसी बातचीत सहज और ईमानदार होती है तो रिश्ते में विश्वास और अपनापन बढ़ता है जिससे नज़दीकियाँ धीरे धीरे लौटने लगती हैं।

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5. रिश्ते को दोबारा संजोने का समय

बच्चे के जन्म के बाद रिश्ता पूरी तरह बदल जाता है एक नई भूमिका जुड़ जाती है माता पिता की। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पति पत्नी का रिश्ता खत्म हो गया। ज़रूरत है इसे फिर से संजोने की। एक दूसरे को सरप्राइज़ देना तारीफ करना साथ हँसना ये छोटी छोटी बातें नज़दीकियों को फिर से मजबूत बनाती हैं। यदि ज़रूरत हो तो कपल्स थेरेपी या सलाहकार की मदद लेना भी कोई कमजोरी नहीं बल्कि समझदारी होती है।

 

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