Is Emotional Bonding More Important Than Physical Attraction: किसी से पहली नज़र में होने वाले आकर्षण को हम प्रेम कह देते हैं। अगर प्रेम सिर्फ शरीर पर निर्भर करता है तो शरीर बूढ़ा होने पर उसके आकर्षण को ख़त्म होने में देर नहीं लगती। आइये जानते हैं कि किस तरह सिर्फ शारीरिक आकर्षण आपके रिश्ते को शौर्ट-टर्म बना देता है, वहीं भावनात्मक जुड़ाव प्रेम को आजीवन कायम रखता है।
शारीरिक आकर्षण या भावनात्मक जुड़ाव- क्या ज़्यादा ज़रूरी है?
1. शरीरिक आकर्षण खोखला है
अगर आप अपने पार्टनर के साथ सिर्फ़ शरीर से जुड़े हैं तो शरीर को रोग लगने पर आप उनसे दूर हो जाएंगे। असल प्रेम तो वो है जो हर परिस्थिती में एक समान रहे। कईं बार ऐसा भी होता है कि शरीर में फंस कर आप एक टौक्सिक रिश्ते से भी नहीं निकल पाते और दुर्व्यवहार सहते रहते हैं। इसलिए एक कपल का इमोशनल लेवल पर भी कनेक्ट होना जरूरी है।
2. भावात्मक रूप से जुड़ना रिश्ते को मजबूत बनाता है
भावनात्मक स्तर पर लगाव खूबसूरत होता है, क्योंकि इसमें आप अपने पार्टनर के मूड स्विंग्स को समझते हैं और धैर्य रखकर अपने रिश्ते को बनाये रखते हैं। भावनात्मक स्तर पर आप अपने पार्टनर के साथ संवेदनशीलता से जुड़ते हैं। ऐसा बंधन स्वस्थ होता है और इसका टूटना भी मुश्किल है।
3. शरीर और भावना का संतुलन
आपके रिश्ते की शुरुआत भले ही शारीरिक आकर्षण से हुई हो, लेकिन धीरे-धीरे अपने पार्टनर को भावनात्मक स्तर पर जानने की कोशिश भी करें। आप नोटिस कर सकते हैं कि आपके पार्टनर को क्या पसंद है, क्या नहीं। उनकी सहमति को स्वीकारें और उनसे बात करें। भावनात्मक जुड़ाव को पक्का होने में समय जरूर लगता है लेकिन ये आपके रिश्ते को स्वस्थ बनाता है। ये सफर जितना मुश्किल है उतना ही खूबसूरत भी। इस प्रक्रिया को एन्जॉय करें।
शादी से पहले करी इमोशनल बॉन्डिंग सही निर्णय लेने के लिए प्रेरित करती है, जिससे समाज में बढ़ता हुआ तलाक का रेट भी कम हो सकता है। इस तरह की बॉन्डिंग आपके रिश्ते को लंबे समय तक टिकाये रखने के साथ-साथ, एक विनम्रतापूर्र्न, सम्मानजनक जीवन भी प्रदान करती है।