Marriages Are Tougher On Women And Here Why: सदियों से चलती आ रही हमारे समाज की पैट्रिआर्की ने, महिलाओं के लिए कितना कुछ मुश्किल कर रखा है जैसे की बर्थ, एजुकेशन, लाइफस्टाइल, ओपिनियन इत्यादि लेकिन इनसब से ज़्यादा मुश्किल अगर कुछ किया है तो वो है शादी करना और उसके बाद अपना जीवन अपने पति के साथ संभाल कर चालना। आइये इस ब्लॉग में जाने क्यों शादियां पुरुषों से ज़्यादा महिलाओं के लिए कठिन होता है।
शादियाँ महिलाओं के लिए अधिक कठिन होती हैं, जानिए क्यों
1. समाज में चलते आ रहे जेंडर रोल्स
समाज के जेंडर रोल्स जिसमे पति बाहर का काम देखेगा और पत्नी बाकी सब कुछ, बच्चे, घर, खाना पीना सब कुछ। यह सब अकेले करना उनके लिए परेशानी हो सकती है।
2. समाज का प्रेशर
समाज के अनगिनत तानों में बस्ता असहनीय प्रेशर जो की शादी के बाद महिलाओं को ही संभालना परता है जैसे कि सास से बना कर रखो, बच्चे कब करोगी, एक कम है दो करलो और भी बहुत कुछ।
3. इकॉनमी की दिक्कतें
इकॉनमी में काम करती शादीशुदा लड़कियों के लिए भी दिक्कत है जैसे की जेंडर पे गैप, फाइनेंसियल डिफरेंस जो की घर से जुड़े होते हैं और एक महिला के इंडिवीडुअलिटी को ख़तम कर देती है।
4. इमोशनल भार
बार बार रिश्ते के परेशानियों को सुलझाने वाली अक्सर महिलाएं होती है, सपोर्ट देने वाली लेकिन बार बार सिर्फ सपोर्ट देने से इंसान कमज़ोर पर सकता है क्यूंकि उसे भी उसकी ज़रूरत पर सकती है।
5. हाई एक्सपेक्टेशंस
पूरे दुनिया की महिलओं और खास करके शादीशुदा महिलाओं से कुछ अलग ही ऊंचे उम्मीद होते हैं जो की उनके लिए प्रेसराइज़िंग हो सकता है।
6. रिश्ते में पावर की डायनामिक्स
शादियों में पावर की डायनामिक कुछ यूँ होती है की महिला पुरुष के आगे कमज़ोर बताई जाती है जहाँ मर्द ही निर्णय लेते हैं, ऐसे में महिलाएं वार्टलेस फील करने लगती हैं।
7. मेन्टल हेल्थ पर असर
यह सब से उनके मेन्टल हेल्थ पर भी बहुत बुरा असर परता है जो वह बहुत कम लोगों को ही बता पाती है और खुदमे ही घुटती रहती है।
8. फॅमिली और करियर दोनों संभालना
महिलाओं को अकेले फॅमिली और करियर दोनों को संभालना परता है और कभी कभी तो फॅमिली को सबसे ऊपर रखने के अलावा, उनके करियर को छोड़ने भी कह दिया जाता है जो की उनके आज़ादी को ट्रिगर कर देता है।