Know Your Relationship: हर बहस ब्रेकअप की वजह नहीं होती

सभी के रिश्तों में कभी न कभी ऐसा वक्त आता है जब झगड़ा रिश्ता टूटने की वजह बनने लगता है। पर हर झगड़े को रिश्ता टूटने के लिए बनाना ठीक नहीं। कुछ बहस आपसी समझ के लिए भी होते हैं।

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Anjali Mishra
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Relationship debate

Relationship debate Photograph: (Freepik)

Not every debate is the reason for breakup in a relationship: रिश्तों की गहराइयों में जब हम जाते हैं, तो यह समझना बेहद जरूरी हो जाता है कि हर बहस, हर झगड़ा, हर रिजेक्शन का मतलब अलग होना या ब्रेकअप नहीं होता। प्यार और समझदारी से भरे रिलेशन में विचारों का टकराना आम बात है। यह एक साइन है कि दोनों साथी अपने इमोशंस, इच्छाएँ और इनसिक्योरिटी खुलकर सामने रख पा रहे हैं। बहसें केवल स्ट्रगल नहीं होतीं, ये इंसान को बढ़ने का अवसर भी देते हैं, जहाँ हम एक-दूसरे को बेहतर समझ सकते हैं और अपने रिश्ते को और मजबूत बना सकते हैं। जब हम हर झड़प को ब्रेकअप का रास्ता न मानकर बात करने और समाधान का माध्यम मानते हैं, तब ही हमारा रिश्ता समय की कसौटी पर खरा उतरता है। तो चलिए देखते हैं रिश्तों को बहस करने के कारण।

हर बहस ब्रेकअप की वजह नहीं होती

1. रिलेशनशिप को मज़बूत करती हैं बहस

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जब दो लोग किसी मतभेद के बावजूद एक-दूसरे के साथ उसका सॉल्यूशन निकालने की कोशिश करते हैं, तो उनका आपसी भरोसा बढ़ता है। यह रिश्ते को कमजोर नहीं, बल्कि मजबूत करता है। बहस के बाद सुलह की प्रक्रिया रिश्ते में नयापन, अधिक स्थिरता लाती है।

2. बात चीत बेहतर होती है

बहस का मतलब सिर्फ झगड़ना नहीं होता, बल्कि यह बात चीत का एक गहरा रूप है। जब हम अपनी बातें खुलकर सामने रखते हैं, तो हमें यह समझने का मौका मिलता है कि हमारे पार्टनर की प्रायोरिटीज, डर और अपेक्षाएँ क्या हैं। इस से दोनों को एक-दूसरे के मन के अंदर झाँकने का मौका मिलता है, जो रिश्ते को गहराई देता है।

3. ज़बरदस्ती से छुटकारा

अगर कोई भी साथी हर बार सहमत होने का नाटक करता है, तो धीरे-धीरे उसके भीतर दबाव और सेटिस्फेक्शन की कमी हो सकती है, जो भविष्य में बड़ी समस्याएँ ला सकता है। रिश्ते में हेल्दी डिबेट इस दबाव को समय पर बाहर लाती हैं और दोनों को अपनी असली भावनाएँ प्रकट करने की आज़ादी देती हैं।

4. नोक झोंक का हिस्सा

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जब दो अलग-अलग पर्सनेलिटी एक रिश्ते में आते हैं, तो उनके सोचने, महसूस करने और रिप्लाई देने के तरीके अलग हो सकते हैं। ऐसे में विचारों का टकराव स्वाभाविक है। बहसें इस बात का संकेत हैं कि दोनों लोग अपने विचारों को लेकर जागरूक हैं।

5. सच्चाई बाहर आती है

जब आप किसी बात पर बहस करते हैं तो एक दूसरे के सच्चे इमोशंस बाहर आते हैं और मन में कोई खोट नहीं होता। अगर समय समय पर बहस नहीं होती तो कोई कसक रह जाती है जिससे रिश्तों में दरार पड़ जाती है और ब्रेकअप का कारण बन सकता है बहस।

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