What Is An Open Relationship? प्यार एक ऐसा बंधन है, जो दो दिलों को जोड़ने में मदद करता है, लेकिन प्यार निश्चित रुप से सबके लिए एक जैसा नहीं होता। जबकि कुछ लोग एकल संबंध में रहना पसंद करते हैं तो वहीं, अन्य लोग एक से अधिक साथी रखना पंसद करते हैं। जो लोग पूरी आजादी रखते हुए अपने पार्टनर के साथ आगे बढ़ने का सोचते हैं, उनके बीच अक्सर ओपन रिलेशनशिप का कॉन्सेप्ट देखने को मिलता है।
क्या है ओपन रिलेशनशिप?
ओपन रिलेशनशिप वो रिश्ता है जिसमें आप अपने पार्टनर के साथ रहते हुए किसी और के साथ भी इमोशनली और फिजिकली जुड़ने के लिए आजाद होते हैं। इस रिश्ते की शर्त ही यही होती कि आप एक-दूसरे के इतर भी रिश्ते बना सकते हैं, बशर्ते एक-दूसरे के प्रति इमानदारी पूरी होनी चाहिए। यह पूरी तरह आप दोनों के समझदारी पर निर्भर करता है।
किन लोगों को ओपन रिलेशनशिप में आना चाहिए?
1. जो स्वतंत्र रहना पसंद करते हों
कुछ लोग अपने मर्जी के मालिक होते हैं। ऐसे लोग अपना काम खुद करना पसंद करते हैं। इनमें महिला हो या पुरुष जो अपने पार्टनर पर किसी तरह से निर्भर नहीं रहना चाहते। उन्हें ऐसे रिश्ते में रहना पसंद होता जिसमें वो खुद को स्वतंत्र महसूस कर पाएं। ऐसे लोग ओपन रिलेशनशिप के तरफ जाना पसंद करते हैं।
2. अपने पार्टनर के लिए इन्सिक्युरिटी न महसूस करना
अगर आप किसी रिश्ते में हो और अपने पार्टनर को लेकर आपको किसी भी प्रकार की कोई जलन महसूस नहीं होती, तो इसका मतलब आप अपने हिसाब से जीना पसंद करते हैं। ऐसे लोग ओपन रिलेशन में रहना पसंद करते हैं।
3. खुद तक रहते हैं जो सीमित
ऐसे कई लोग होते हैं जिन्हें अपने तक रहना पसंद होता। वो किसी भी तौर से अन्य व्यक्ति से भावनात्मक रुप से जुड़ना नहीं चाहते। खुद में ही इतने व्यस्त रहते कि आस-पास के लोगों पर ध्यान देना ज़रुरी नहीं समझते ऐसे लोग ओपन रिलेशन को ज़्यादा प्रेफर करते हैं।
ओपन रिलेशनशिप के नुकसान
1. यौन संचारित रोगों का खतरा
ओपन रिलेशनशिप का सबसे बड़ा नुकसान यौन संक्रमण का जोखिम है। इस रिश्ते में आप एक से ज़्यादा लोगों के साथ फिजिकल होते हैं, जिससे एड्स, सिफलिस जैसे बीमारी का खतरा बना रहता है। साथ ही यह बीमारी आपके पार्टनर में भी हो सकती है।
2. सामाजिक डर
समाज में रहने के अपने नियम और कानून होते हैं। इसमें आपका सामाजिक दायरा भी शामिल होता है। शुरु में आपको इस तरह के रिश्ते में रहना अच्छा लगता हो लेकिन कई बार आपको इस रिश्ते के आधार पर आंका जा सकता है। जिससे कई परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।
3. अलग-अलग अपेक्षाएं
कभी-कभी खुले रिश्ते के पक्ष और विपक्ष को संतुलित नहीं किया जा सकता क्योंकि दोनों पार्टनर की अलग-अलग धारणाएं होती हैं। यदि इस रिश्ते में आप खुद की अपेक्षाएं को सीमित नहीं रख सकते, तो यह रिश्ता सिर्फ दर्द और पीड़ा का कारण बन सकता है।