Advertisment

Teenage Relations: क्या सावधानी रखनी चाहिए टीनएज में रिलेशन्स के दौरान

टीनएज वाली ऐज को किशोरावस्था कहा जाता है ये समय हमे लाइफ की काफी सारी चीज़ो के बारे में बताता है विश्वास, सपोर्ट और self independency का अनुभव कराता है। इस दौरान हम जो भी रिश्ते बनाते हैं वो लाइफ टाइम तक चलते हैं इसमें सावधानी भी रखनी चाहिए-

author-image
Niharikaa Sharma
New Update
design.png

(Image Source: freepik)

Teenage Relations: टीनएज वाली ऐज को किशोरावस्था कहा जाता है ये समय हमे लाइफ की काफी सारी चीजों के बारे में बताता है विश्वास, सपोर्ट और self independency का अनुभव कराता है। इस ऐज में सामाजिक दबाव भी होता है, चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता है इस दौरान हम जो भी रिश्ते बनाते है वो लाइफ टाइम तक चलते है इसमें सावधानी भी रखनी चाहिए हमारे एक गलत कदम के वजह से लाइफ भी ख़राब हो सकती है। इस ऐज में हम पेरेंट्स से बात छिपाने लगते है और दोस्तों पर ज़्यादा भरोसा करते हैं वही अगर दोस्ती में संगत पर ध्यान न दें तो फ्यूचर पर एफेक्ट पड़ता है।

Advertisment

क्या सावधानी रखनी चाहिए टीनएज में रिलेशन्स के दौरान

विश्वास की तय करें सीमा 

एक रिश्ते में विश्वास भले ही ज़रूरी है मगर टीनएज में हमे इतनी जानकारी नहीं होती के किस पर विश्वास करना सही है बाद में पछताना पड़े। इसलिए पहले ही एक सीमा तय कर लेनी चाहिए के किस हद तक आप इस व्यक्ति पर विश्वास कर सकते है ये तो सच है के लाइफ में कई लोगो का सामना करना पड़ता है। कुछ उनमे से विश्वास के लायक होते है और कुछ नहीं इस उम्र में अगर कोई स्ट्रेंजर दो बातें प्यार से करे तो हम अपनी काफी सारी पर्सनल बातें शेयर करने लगते है। हमे ये सोचना चाहिए के हो सकता है वो इन बातो का बाद में इस्तेमाल करे तो ज़रूरी है एक सीमा रखें।

Advertisment

सेल्फ रिस्पेक्ट को न खोने दें 

सेल्फ रिस्पेक्ट बहुत ज़रूरी है क्योंकि ये हमारी पूरी लाइफ की नींव है हमे सेल्फ कॉन्फिडेंस भी इसी से मिलता है। अपने स्वाभिमान की सुरक्षा करना हमारे हाथ में होता है सही समय पर "नहीं" कहना आना चाहिए। अक्सर हमें लगता है कि हमें हाँ कहना चाहिए, चाहे हमें वह वो काम पसंद हो या नहीं हम इसमें उलझ जाते हैं और काफी गलत फैसले कर बेठते हैं जो बाद के लिए एक सीख बन जाती है। अगर हम सोच समझ कर फैसले करना इस उम्र में सीख जाते हैं तो ये आगे बहुत काम आता है।

गलत संगती में न आये 

Advertisment

टीनएज के दौरान मन भटकना स्वाभाविक है। मन गलत काम और लोगो की तरफ ज़्यादा आकर्षित होता है। हमे अपनी आदतों पर नियंत्रण रखना चाहिए अगर कोई गलत कर रहा है तो ज़रूरी नहीं आप भी करें उसको समझाये हो सकता है के वो आपके वजह से सही रस्ते पर आ जाये समझे के गलत संगती आपको बिगड़ देती है और सही आपको प्रेरित करती है। अपना अच्छा बुरा खुद तय करना हम इस ऐज में सिखने लगते हैं। मगर माहौल पर निर्भर करता है। इसलिए सही संगती को चुनना चाहिए।

बैलेंस बनाना है ज़रूरी 

पढाई, दोस्ती और रिलेशन्स बैलेंस सब में बराबर करना चाहिए। आप भटक गए तो रस्ते में आने में जो समय आप गवाएंगे वह वापस नहीं आ पायेगा। टीनएज में पढाई बहुत ज़रूरी होती है इस पर हमारा करियर डिपेंड करता है। आगे लाइफ में आपके रिलेशन्स रहे न रहे मगर पढाई आपसे कोई नहीं छीन सकता साथ ही आप अपने स्किल्स पर भी ध्यान दे और चीज़ो में एक बैलेंस बनाये अगर एक तरफ भी आपका झुकाव ज़्यादा हुआ तो जायज़ आगे परेशानी बढ़ सकती है।

teenage
Advertisment