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Why Is It Important To Show Understanding Instead Of Arguing In Relationship: हर रिश्ते में कभी न कभी किसी बात पर कहा-सुनी या बहस जरूर होती है लेकिन ये बहस किसी बड़े झगड़े में न बदले इसलिए दो लोगों और रिश्ते में समझदारी का होना भी बहुत जरूरी होता है क्योंकि जब दो लोगों के बीच किसी बात पर या तर्क पर बहस बढ़ने लगती है तो यह रिश्ते को कमजोर कर सकती है। बहस करने की जगह रिश्तों में समझदारी दिखाने से न केवल आपके रिश्ते मजबूत होते हैं बल्कि एक सकारात्मक और खुशनुमा माहौल भी बना रहता है। कई बार गुस्से में हम ऐसी बातें कह देते हैं जो बाद में पछतावे का कारण बनती हैं क्योंकि किसी सयाने ने कहा है कि सबकुछ ठीक किया जा सकता है पर शब्दों को वापस नहीं लिया जा सकता और शब्द इंसान को किसी हथियार से भी ज्यादा मारने की क्षमता रखते हैं। यही कारण है कि दो लोगों को समझदारी से बात को संभालना आना चाहिए। जब दोनों पार्टनर बहस करने की बजाय एक-दूसरे को समझने की कोशिश करते हैं, भावनाओं और परिस्थितियों को जानने की कोशिश करते हैं तो रिश्ता और गहरा बनता है। जानिए रिश्तों में बहस की जगह समझदारी दिखाने के क्या फायदे हो सकते हैं।
रिश्तों में बहस की जगह समझदारी क्यों है जरूरी
झगड़े सुलझाने आसान हो जाते हैं
रिश्तों में दो लोगों के बीच मतभेद होना आम बात है लेकिन बहस करने से ये मतभेद ज्यादा बढ़ सकते हैं। वहीं जब आप किसी मुद्दे पर बहस करने की जगह समझदारी से काम लेकर एक हाल निकलने की कोशिश करते हैं तो समस्या जल्द ही सुलझ जाती है। बहस अक्सर एक-दूसरे को दूर करने या अपनी बात मनवाने का प्रयास होती है जबकि समझदारी से बातचीत करने से दो लोगों की भावनाओं का सम्मान किया जाता सकता है। इसलिए अगर आपके बीच में किसी भी मुद्दे को लेकर असहमति होती है तो आपका उसे शांतिपूर्वक हल करना जरूरी है। इससे न केवल समस्या का हल जल्दी होता जाता है बल्कि रिश्ते में नकारात्मकता भी नहीं आती है।
तनाव कम होता है
जब दो लोग किसी मुद्दे पर बहस करने लगते हैं तो वो नकारात्मकता की ओर जाने लग जाता है जो रिश्ते में तनाव को बढ़ा सकता है। और जब आप हर मुद्दे पर झगड़ा करने लगते हैं तो इससे आपका रिश्ता कमजोर होने लग जाता है। वहीं दूसरी ओर बहस करने की जगह आप समझदारी दिखाते हैं और शांत दिमाग से सोचते हैं तो तनाव कम होने लगता है। जब रिश्ते में किसी भी समस्या को हल करने के लिए बहस की जगह बातचीत को अपनाया जाता है तो एक सकारात्मक माहौल बनता है और गैर-जरूरी तनाव से भी बचा जा सकता है।
रिश्ता मजबूत बनता है
एक अच्छा रिश्ता न केवल प्यार बल्कि आपसी समझ और सामंजस्य पर टिका होता है। जब आप किसी परेशानी, बात या परिस्थिति में कोई हल निकालने के लिए बहस करने जो जगह समझदारी से काम लेते हैं तो यह रिश्ता और भी ज्यादा मजबूत बनता है। क्योंकि इस दौरान दोनों साथी एक-दूसरे की भावनाओं को महत्व देते हैं और गलतफहमियों को प्यार से सुलझाने की कोशिश करते हैं जिससे उनका रिश्ते के प्रति मान और प्यार भी बढ़ जाते हैं। इसलिए बहस की बजाय बातचीत और समझदारी से काम लें जिससे रिश्ते को लंबे समय तक बनाए रखने में मदद मिले।
सुरक्षित माहौल बनता है
रिश्ते में बार-बार बहस होने पर एक असुरक्षित सा माहौल बन जाने की संभावना रहती है, जहां पार्टनर को अपनी बात कहने से डर लगने लगता है। लेकिन अगर समझदारी से बातचीत की जाए तो दोनों के लिए एक सेफ स्पेस बन जाता है। इस माहौल में दोनों अपने मन की बातें बिना किसी डर के एक-दूसरे से साझा कर सकते हैं। ऐसा होने पर रिश्ते में पारदर्शिता बढ़ती है और दोनों एक-दूसरे को बेहतर तरीके से समझने लगते हैं।
एक-दूसरे की ग्रोथ को बढ़ावा मिलता है
अगर रिश्ते में हर छोटी बात पर बहस होती रहे तो यह दोनों पार्टनर को मानसिक रूप से परेशान कर देती है और उनका आत्मविश्वास भी कम होने लगता है। लेकिन जब दोनों एक-दूसरे को समझते और सपोर्ट करते हैं तो एक साथ ग्रोथ कर सकते हैं। समझदारी न केवल रिश्ते को मजबूत बनाती है बल्कि दो व्यक्तियों को मानसिक रूप से भी सशक्त बनाने में मदद करती है। जब एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान किया जाता है और बहस की बजाय बात को सुलझाने का तरीका अपनाया जाता है तो रिश्ते में दोनों साथ आगे बढ़ते हैं।
रिश्ते में मैच्योरिटी दिखती है
एक मजबूत और सफल रिश्ता वही है जिसमें दोनों पार्टनर जरूरत पड़ने पर मैच्योरिटी भी दिखाते हैं। जब किसी भी स्थिति में बहस करने की बजाय समस्या को समझने और उसका समाधान निकालने की कोशिश की जाए तो इससे दो लोगों के बीच की परिपक्वता यानी मैच्योरिटी झलकती है। हर मुद्दे पर लड़ाई करने से जीवन में टॉक्सिसिटी आती है लेकिन सही तरीके से संवाद हो तो दिखाता है कि आप अपने रिश्ते को लेकर गंभीर कितने हैं। मैच्योरिटी का मतलब यह भी नहीं कि आप हर बार समझौता करें पर इसका मतलब है कि आप अपने रिश्ते को प्राथमिकता दें और सही तरीके को अपनाकर आने वाली समस्या का समाधान निकालें।