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Photograph: (Pinterest)
क्या प्रसव के बाद ली जाने वाली गर्भनिरोधक गोलियाँ आपकी मानसिक सेहत को प्रभावित कर सकती हैं? हाल ही में JAMA Network Open में प्रकाशित एक शोध में यह चौंकाने वाला दावा सामने आया है कि जो महिलाएं डिलीवरी के बाद गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं, उनमें डिप्रेशन का खतरा 49% तक बढ़ सकता है।
नई माताओं के लिए चेतावनी: गर्भनिरोधक गोलियों से 49% बढ़ सकता है पोस्टपार्टम डिप्रेशन का खतरा
हार्मोनल बदलाव और मानसिक स्वास्थ्य का गहरा संबंध
गर्भनिरोधक गोलियां मुख्यतः महिलाओं के एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन को नियंत्रित करने के लिए दी जाती हैं। लेकिन यही हार्मोन मूड और मानसिक स्वास्थ्य पर भी सीधा असर डालते हैं। ऐसे में, प्रसव के बाद जब महिला पहले से ही कई शारीरिक और मानसिक बदलावों से जूझ रही होती है, तब इन गोलियों का सेवन उसकी भावनात्मक स्थिति को और भी अस्थिर कर सकता है।
शोध क्या कहता है?
इस शोध में डेनमार्क की 6 लाख से ज्यादा पहली बार मां बनी महिलाओं का डेटा विश्लेषण किया गया। नतीजे चौंकाने वाले थे—
- लगभग 40% महिलाओं ने डिलीवरी के एक साल के भीतर हार्मोनल गर्भनिरोधक का उपयोग किया।
- इन महिलाओं में से जिन्होंने ये गोलियां लीं, उन्हें डिप्रेशन होने की संभावना 49% ज्यादा पाई गई।
- खास बात यह रही कि जिन महिलाओं ने प्रसव के तुरंत बाद गर्भनिरोधक का सेवन शुरू किया, उनमें डिप्रेशन का खतरा सबसे अधिक था।
कौन-से गर्भनिरोधक सबसे ज्यादा असर डालते हैं?
शोध के अनुसार, हार्मोनल गर्भनिरोधकों को चार श्रेणियों में बांटा गया है:
- कम्बाइंड ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव्स
- नॉन-ओरल विकल्प
- प्रोजेस्टोजन-ओनली पिल्स
- प्रोजेस्टोजन-आधारित नॉन-ओरल विकल्प
इनमें से प्रोजेस्टोजन-ओनली पिल्स में एक अलग पैटर्न देखा गया—शुरुआत में इनका खतरा कम था, लेकिन समय के साथ डिप्रेशन का खतरा धीरे-धीरे बढ़ता गया।
क्या गर्भनिरोधक गोलियाँ डिप्रेशन की अकेली वजह हैं?
नहीं, ऐसा मानना कि केवल गर्भनिरोधक गोलियां ही डिप्रेशन की वजह हैं, पूरी तरह सही नहीं होगा। पोस्टपार्टम डिप्रेशन कई कारणों से हो सकता है, जैसे:
- पहले से मौजूद मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं
- नवजात की देखभाल से जुड़ा तनाव
- नींद की कमी
- जीवनशैली में भारी बदलाव
डॉक्टर से सलाह लेना क्यों है ज़रूरी?
विशेषज्ञों का मानना है कि डॉक्टरों को गर्भनिरोधक गोलियों की सलाह देने से पहले महिला के मानसिक स्वास्थ्य के इतिहास की जांच जरूर करनी चाहिए। साथ ही, उन्हें संभावित जोखिमों जैसे डिप्रेशन के बारे में खुलकर बात करनी चाहिए।
अगर आप नई मां बनी हैं या बनने वाली हैं और गर्भनिरोधक गोलियों के बारे में सोच रही हैं, तो यह ज़रूरी है कि आप इस फैसले से पहले मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी और संभावित प्रभावों को गंभीरता से लें।