5 Common Myths About Motherhood: माँ बनना एक खूबसूरत अनुभव है, लेकिन इसके साथ कई मिथक भी जुड़े हुए हैं। ये मिथक नई माताओं के लिए तनाव और चिंता का कारण बन सकते हैं। आइए जानते हैं माँ बनने के 5 आम मिथकों के बारे में और जानते हैं कि सच्चाई क्या है।
माँ बनने के 5 मिथक: जानें सच, मातृत्व का आनंद लें
मिथक 1: माँ को हर वक्त बच्चे के साथ रहना चाहिए
सच: बेशक बच्चे को माँ का प्यार और देखभाल बहुत जरूरी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि माँ को हर वक्त बच्चे से चिपके रहना चाहिए। अपने लिए भी थोड़ा समय निकालना ज़रूरी है। इससे आप तरोताजा महसूस करेंगी और बच्चे की देखभाल भी बेहतर कर पाएंगी।
मिथक 2: माँ को ही बच्चे की सारी जिम्मेदारी लेनी चाहिए
सच: बच्चे की परवरिश माँ और पिता दोनों की साझा जिम्मेदारी है। पिता को भी बच्चे को नहलाने, सुलाने और खेलने में माँ का साथ देना चाहिए। इससे माँ पर बोझ कम होगा और रिश्ते में भी मजबूती आएगी।
मिथक 3: बच्चे को हमेशा खुश रखना माँ की जिम्मेदारी है
सच: बच्चे का हर समय खुश रहना संभव नहीं है। गुस्सा, दुख और निराशा भी बच्चों के विकास का हिस्सा हैं। माँ का काम बच्चे की भावनाओं को समझना और उनका मार्गदर्शन करना है।
मिथक 4: माँ बनने के बाद आपकी पहचान खत्म हो जाती है
सच: माँ बनना आपकी एक नई भूमिका है, लेकिन यह आपकी पूरी पहचान नहीं है। आप अभी भी वही इंसान हैं, जो आप पहले थीं। अपने शौक पूरे करें, दोस्तों से मिलें और खुद को वक्त दें। इससे आप एक बेहतर माँ भी बन पाएंगी।
मिथक 5: माँ बनने के बाद सब कुछ परफेक्ट होना चाहिए
सच: कोई भी माँ परफेक्ट नहीं होती। गलतियाँ होना स्वाभाविक है। सीखने और सुधारने की कोशिश करते रहें। बच्चे को भी यही सीखने को मिलेगा कि गलती करना ठीक है, लेकिन उससे सीखना ज़रूरी है।
माँ बनना एक सीखने का सफर है। इन मिथकों को दरकिनार कर मातृत्व का आनंद लें और अपने बच्चे के साथ हर पल को यादगार बनाएं!